पुरानी कहावत है, करे कोई भरे कोई. सरकार के आलीशान दफ्तरों में बैठे बड़े अधिकारियों के द्वारा की गई चूक ने आज राज्य के हजारों छात्रों को सड़क पर आने को मजबूर कर दिया है.
क्या है मामला
जेएसएससी ने दो बार झारखंड स्नातक स्तरीय नियुक्ति परीक्षा 2015 का विज्ञापन निकालकर पीटी परीक्षा तक आयोजित किया. परिणाम भी घोषित कर दिया. मगर जब मुख्य परीक्षा लेने का वक्त आया तो सरकार को नियमावली में खामी नजर आई और पूरी नियुक्ति प्रक्रिया को ही रद्द कर दिया. ऐसे में करीब 11 हजार सफल छात्र अब सड़क पर उतर आए हैं.
26 अक्टूबर को जारी हुआ था रिजल्ट
पिछले वर्ष विभिन्न पदों के लिए 21 अगस्त को संयुक्त स्नातक स्तरीय पीटी प्रतियोगिता परीक्षा आयोजित की गई जिसका परिणाम झारखंड कर्मचारी चयन आयोग ने 26 अक्टूबर को जारी किया था. इस परीक्षा में सफल अभ्यर्थी मुख्य परीक्षा की तैयारी कर ही रहे थे कि कार्मिक विभाग ने नियमावली में त्रुटि बताकर पूरी नियुक्ति प्रक्रिया पर ही रोक लगा दी.
आक्रोश में छात्र
सरकार के इस फैसले के खिलाफ एक बार फिर छात्र सड़क पर आंदोलन कर रहे हैं. आंदोलनरत छात्र जहां हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी में हैं, वहीं मोमेंटम झारखंड में काला झंडा दिखाने की धमकी दी है. पीटी सफल छात्र अजय कुमार कहते हैं कि अधिकारियों की गलती की सजा हम क्यों भुगते. हाईकोर्ट में याचिका दायर करेंगे. वहीं पीटी सफल एक अन्य छात्र रंजीत गुप्ता ने कहा कि करीब डेढ़ साल समय देने के यह स्थिति हतास करती है. अधिकारियों की गलती की सजा हम छात्र क्यों भुगते.
दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग
इधर छात्रों की नाराजगी को मंत्री सीपी सिंह ने भी जायज ठहराया है. अधिकारियों की लापरवाही के कारण नियमावली में हुई गलती पर नाराजगी जताते हुए सीपी सिंह ने कहा कि वे इस संदर्भ में सीएम से मिलकर दोषी अधिकारियों पर कारवाई करने की मांग करेंगे.
बहरहाल, हाईस्कूल शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया का विवाद अभी थमा ही नहीं था कि छात्रों में स्नातक स्तरीय परीक्षा को एकाएक रद्द किए जाने से उबाल है. ऐसे में देखना होगा कि सरकार इन छात्रों को किस तरह से संतुष्ट कर पाती है.
क्या है मामला
जेएसएससी ने दो बार झारखंड स्नातक स्तरीय नियुक्ति परीक्षा 2015 का विज्ञापन निकालकर पीटी परीक्षा तक आयोजित किया. परिणाम भी घोषित कर दिया. मगर जब मुख्य परीक्षा लेने का वक्त आया तो सरकार को नियमावली में खामी नजर आई और पूरी नियुक्ति प्रक्रिया को ही रद्द कर दिया. ऐसे में करीब 11 हजार सफल छात्र अब सड़क पर उतर आए हैं.
26 अक्टूबर को जारी हुआ था रिजल्ट
पिछले वर्ष विभिन्न पदों के लिए 21 अगस्त को संयुक्त स्नातक स्तरीय पीटी प्रतियोगिता परीक्षा आयोजित की गई जिसका परिणाम झारखंड कर्मचारी चयन आयोग ने 26 अक्टूबर को जारी किया था. इस परीक्षा में सफल अभ्यर्थी मुख्य परीक्षा की तैयारी कर ही रहे थे कि कार्मिक विभाग ने नियमावली में त्रुटि बताकर पूरी नियुक्ति प्रक्रिया पर ही रोक लगा दी.
आक्रोश में छात्र
सरकार के इस फैसले के खिलाफ एक बार फिर छात्र सड़क पर आंदोलन कर रहे हैं. आंदोलनरत छात्र जहां हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी में हैं, वहीं मोमेंटम झारखंड में काला झंडा दिखाने की धमकी दी है. पीटी सफल छात्र अजय कुमार कहते हैं कि अधिकारियों की गलती की सजा हम क्यों भुगते. हाईकोर्ट में याचिका दायर करेंगे. वहीं पीटी सफल एक अन्य छात्र रंजीत गुप्ता ने कहा कि करीब डेढ़ साल समय देने के यह स्थिति हतास करती है. अधिकारियों की गलती की सजा हम छात्र क्यों भुगते.
दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग
इधर छात्रों की नाराजगी को मंत्री सीपी सिंह ने भी जायज ठहराया है. अधिकारियों की लापरवाही के कारण नियमावली में हुई गलती पर नाराजगी जताते हुए सीपी सिंह ने कहा कि वे इस संदर्भ में सीएम से मिलकर दोषी अधिकारियों पर कारवाई करने की मांग करेंगे.
बहरहाल, हाईस्कूल शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया का विवाद अभी थमा ही नहीं था कि छात्रों में स्नातक स्तरीय परीक्षा को एकाएक रद्द किए जाने से उबाल है. ऐसे में देखना होगा कि सरकार इन छात्रों को किस तरह से संतुष्ट कर पाती है.
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