सिटीरिपोर्टर | गिरिडीह फर्जी सर्टिफिकेट पर नौकरी से रिटायर शिक्षक राजेंद्र प्रसाद सिंह और
अलखदेव चौधरी को फिलहाल कोर्ट से राहत नहीं मिली है। प्रधान जिला एवं सत्र
न्यायाधीश शिव नारायण ने इस मामले में केस डायरी की मांग करते हुए अग्रिम
जमानत याचिका की अगली सुनवाई की तारीख 8 फरवरी को मुकर्रर की है।
इस मामले की सुनवाई शुक्रवार को हुई। हालांकि अारोपी पक्ष के अधिवक्ता ने कोर्ट के समक्ष दलील दी कि आरोपी रिटायर शिक्षक हैं। नियुक्ति के साथ ही वे सफल रूप से नौकरी किया और रिटायर हुए। विभाग ने भी जांच पड़ताल की थी। अब वे सीनियर सिटिजन की श्रेणी में चुके हैं। ऐसे में उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाई जाए। जिस पर कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि आरोपियों की शैक्षणिक प्रमाण पत्रों का खुलासा आरटीआई के माध्यम से हुआ है। मांगी गई सूचना के आधार पर विभाग द्वारा जांच पड़ताल की जा चुकी है। जिसमें फर्जी की पुष्टि के साथ प्राथमिकी दर्ज हुआ है। लिहाजा गिरफ्तारी पर रोक नहीं लगाई जा सकती है। उल्लेखनीय है कि देवरी के बीईईओ अजय सिंह ने गिरिडीह डीएसई के पत्रांक 2982/16 के आदेश पर देवरी थाना में इन शिक्षकों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई थी। कहा गया है कि उत्क्रमित मध्य विद्यालय धनुखीडीह देवरी के सेवानिवृत शिक्षक अलखदेव चौधरी और प्राथमिक विद्यालय दुलाभीठा देवरी के अवकाश प्राप्त शिक्षक हैं। दोनों ने विभाग को धोखा देकर फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर नौकरी की और सरकारी राशि का गबन किया है।
इस मामले की सुनवाई शुक्रवार को हुई। हालांकि अारोपी पक्ष के अधिवक्ता ने कोर्ट के समक्ष दलील दी कि आरोपी रिटायर शिक्षक हैं। नियुक्ति के साथ ही वे सफल रूप से नौकरी किया और रिटायर हुए। विभाग ने भी जांच पड़ताल की थी। अब वे सीनियर सिटिजन की श्रेणी में चुके हैं। ऐसे में उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाई जाए। जिस पर कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि आरोपियों की शैक्षणिक प्रमाण पत्रों का खुलासा आरटीआई के माध्यम से हुआ है। मांगी गई सूचना के आधार पर विभाग द्वारा जांच पड़ताल की जा चुकी है। जिसमें फर्जी की पुष्टि के साथ प्राथमिकी दर्ज हुआ है। लिहाजा गिरफ्तारी पर रोक नहीं लगाई जा सकती है। उल्लेखनीय है कि देवरी के बीईईओ अजय सिंह ने गिरिडीह डीएसई के पत्रांक 2982/16 के आदेश पर देवरी थाना में इन शिक्षकों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई थी। कहा गया है कि उत्क्रमित मध्य विद्यालय धनुखीडीह देवरी के सेवानिवृत शिक्षक अलखदेव चौधरी और प्राथमिक विद्यालय दुलाभीठा देवरी के अवकाश प्राप्त शिक्षक हैं। दोनों ने विभाग को धोखा देकर फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर नौकरी की और सरकारी राशि का गबन किया है।
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