राज्य में शिक्षक नियुक्ति में गड़बड़ी करने वाले जिला शिक्षा अधीक्षक
(डीएसई) सुधांशु शेखर मेहता को शिक्षा विभाग खोज रहा है। डीएसई को
इंटर-स्नातक प्रशिक्षित नियुक्ति में अनियमितता बरतने के आरोप में 13 जून
2016 को निलंबित किया गया था।
इसके बाद से मेहता तो अपने मुख्यालय में योगदान दे रहे हैं और ही विभागीय जांच पदाधिकारी के समक्ष उपस्थित हो रहे हैं। ऐसे में विभाग ने अब मेहता को नोटिस जारी किया है। विभागीय संयुक्त सचिव सुचित्रा सिन्हा की ओर से जारी नोटिस में उन्हें जांच पदाधिकारी के समक्ष उपस्थित होने को कहा गया है।
डीएसई सुधांशु शेखर मेहता के खिलाफ शिक्षा विभाग द्वारा जारी यह नोटिस। इसमें उन्हें 24 जनवरी तक की मोहलत दी गई। हालांकि ये देखना रोचक होगा कि नोटिस का उन पर असर होगा या नहीं?
जांच रिपोर्ट में प्रथम दृष्टया पाया गया था कि मेहता ने अपनों की भर्ती कराने के लिए सारी हदें लांघ दी थीं
शिक्षकनियुक्ति फर्जीवाड़ा मामले में देवघर के तत्कालीन जिला शिक्षा अधीक्षक सुधांशु शेखर मेहता को निलंबित किया गया था। मेहता के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही के लिए शिक्षा विभाग ने संकल्प भी जारी किया है। निलंबन अवधि में इनका हेडक्वार्टर क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक कार्यालय दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल रांची रखा गया है। मेहता पर आरोप है कि वर्ष 15-16 में इंटर एवं स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक नियुक्ति में जिला शिक्षा अधीक्षक के कार्यालय के कर्मियों की मिलीभगत से अनियमितता, फर्जीवाड़ा एवं जालसाजी की है। जांच प्रतिवेदन में जिला शिक्षा अधीक्षक के विरुद्ध नियुक्ति में अनियमितता बरतने का आरोप प्रथम दृष्टया प्रमाणित पाया गया। उपायुक्त देवघर द्वारा उपलब्ध कराए गए जांच प्रतिवेदन एवं प्रपत्र-क के आधार पर प्रमाणित हुआ कि शिक्षक नियुक्ति में गंभीर अनियमितता बरती गई है।
इसके बाद से मेहता तो अपने मुख्यालय में योगदान दे रहे हैं और ही विभागीय जांच पदाधिकारी के समक्ष उपस्थित हो रहे हैं। ऐसे में विभाग ने अब मेहता को नोटिस जारी किया है। विभागीय संयुक्त सचिव सुचित्रा सिन्हा की ओर से जारी नोटिस में उन्हें जांच पदाधिकारी के समक्ष उपस्थित होने को कहा गया है।
डीएसई सुधांशु शेखर मेहता के खिलाफ शिक्षा विभाग द्वारा जारी यह नोटिस। इसमें उन्हें 24 जनवरी तक की मोहलत दी गई। हालांकि ये देखना रोचक होगा कि नोटिस का उन पर असर होगा या नहीं?
जांच रिपोर्ट में प्रथम दृष्टया पाया गया था कि मेहता ने अपनों की भर्ती कराने के लिए सारी हदें लांघ दी थीं
शिक्षकनियुक्ति फर्जीवाड़ा मामले में देवघर के तत्कालीन जिला शिक्षा अधीक्षक सुधांशु शेखर मेहता को निलंबित किया गया था। मेहता के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही के लिए शिक्षा विभाग ने संकल्प भी जारी किया है। निलंबन अवधि में इनका हेडक्वार्टर क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक कार्यालय दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल रांची रखा गया है। मेहता पर आरोप है कि वर्ष 15-16 में इंटर एवं स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक नियुक्ति में जिला शिक्षा अधीक्षक के कार्यालय के कर्मियों की मिलीभगत से अनियमितता, फर्जीवाड़ा एवं जालसाजी की है। जांच प्रतिवेदन में जिला शिक्षा अधीक्षक के विरुद्ध नियुक्ति में अनियमितता बरतने का आरोप प्रथम दृष्टया प्रमाणित पाया गया। उपायुक्त देवघर द्वारा उपलब्ध कराए गए जांच प्रतिवेदन एवं प्रपत्र-क के आधार पर प्रमाणित हुआ कि शिक्षक नियुक्ति में गंभीर अनियमितता बरती गई है।
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