नई दिल्ली. सरकार रेलवे में मिलने वाली छूट के लिए आधार या यूनिक आइडेंटिफिकेशन (UID) कार्ड को अनिवार्य बनाने पर विचार कर रही है। वित्त मंत्री अरुण जेटली 1 फरवरी को बजट में यह एलान कर सकते हैं।सूत्रों का कहना है कि सरकार के इस कदम से बेनेफिट उचित लोगों को मिलेगा और इसका दुरुपयोग रोका जा सकेगा। इस बार रेल बजट को अगल से पेश नहीं किया जाएगा। इसे आम बजट में ही मिला दिया गया है।
50 से ज्यादा कैटेगरी में है छूट
- रेलवे 50 से ज्यादा कैटेगरी के पैसेंजर्स को छूट देता है।
- इनमें बुजुर्ग, विद्यार्थी, रिसर्च स्टूडेंट, शिक्षक, डॉक्टर, नर्स, मरीज, खिलाड़ी, बेरोजगार युवा, अर्जुन पुरस्कार विजेता आदि शामिल हैं।
- अभी बुजुर्गों को मिल रही छूट में आधार अनिवार्य करने का रेलवे पायलट प्रोजेक्ट चला रहा है।
2015-16 में दी 1600 करोड़ की छूट
- रेलवे ने वित्त वर्ष 2015-16 में कुल 1,600 करोड़ रुपए के रियायती टिकट दिए। इसका सबसे बड़ा हिस्सा बुजुर्गों को दी गई छूट में गया।
- सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, अब 100 करोड़ आधार कार्ड्स वितरित किए जा चुके हैं। यानी, देश की बड़ी आबादी को आधार नंबर जारी कर दिए गए हैं।
आम बजट के साथ आएगा रेल बजट
- रेल बजट की 92 साल पुरानी परंपरा को तोड़ कर इस बार इसे आम बजट में ही मिलाया जा रहा है।
- सूत्रों के अनुसार, वित्त मंत्री अरुण जेटली 1 फरवरी को बजट पेश करेंगे, जिसमें भारतीय रेल के प्रोग्राम और स्कीम्स का एलान कर सकते हैं। इसमें रेलवे के कुछ पेज शामिल हो सकते हैं।
- भारतीय रेल प्रमुख मार्गों पर ट्रेनों की रफ्तार 160 किलोमीटर तक बढ़ाने के उपाय करने में लगी है।
- सूत्रों के अनुसार, सोशल और पब्लिक सर्विस पर खर्च का वहन करती रहेगी।
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