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शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्त रखें : उर्दू शिक्षक संघ

 जागरण संवाददाता, चक्रधरपुर : झारखंड राज्य उर्दू शिक्षक संघ की बैठक मंगलवार को केंद्रीय कार्यालय में हुई। बैठक में महासचिव अमीन ने पांच प्रस्तावों की जानकारी देते हुए कहा कि हमारा पहला कर्तव्य शिक्षण से जुड़े कार्य

हैं, जिसे छात्र हित में मुश्किल दौर में भी पूर्ण करना शिक्षकों की जिम्मेदारी है। बैठक में पांचों प्रस्तावों को सर्वसम्मति से पारित किया गया। पारित किए गए प्रस्तावों में बायोमेट्रिक उपस्थिति पर तत्काल प्रभाव से रोक, अन्य विभागों की भांति शिक्षकों को भी रद किए जाने वाले गर्मी छुट्टी के बदले अर्जित अवकाश देने, हिन्दी और अंग्रेजी के तरह उर्दू विषय को भी आठवीं बोर्ड के परीक्षा में पुन: मुख्य विषय बनाने, उर्दू भाषा में अनुवाद के लिए उर्दू के जानकार शिक्षकों का प्रतिनियोजन करने एवं शिक्षकों को किसी भी प्रकार के गैर शैक्षणिक कार्य में नहीं लगाने का प्रस्ताव पारित हुआ। पारित प्रस्तावों को सरकार एवं विभाग के संज्ञान में लाने के लिए झारखंड राज्य उर्दू शिक्षक संघ मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री व सभी संबंधित पदाधिकारियों से मिलकर ज्ञापन सौंपेगी। बैठक में केंद्रीय समिति के वरीय उपाध्यक्ष नाज़िम अशरफ, महासचिव अमीन अहमद, प्रवक्ता शहजाद अनवर, मकसूद ज़फ़र, मो फ़ख़रुद्दीन, जिला अध्यक्ष राकिम अहसन, शमशाद आलम, मो एकबाल, रबनवाज़ तथा ऑनलाईन वीडियो कॉल द्वारा कोल्हान प्रमंडल से एस. अनवर, अब्दुल माजिद खान, साबिर अहमद, गुलाम अहमद , बोकारो से मुफ़ीद आलम, लोहरदगा से एनामुल हक़ और तौहीद आलम मुख्य रूप से शामिल हुए।

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