भवनाथपुर: उच्च न्यायालय के आदेश के बाद बर्खास्त पारा शिक्षक विक्की
वशिष्ठ को राप्रावि मेलवान्न में सीआरपी सुशील चौबे ने मिठाई खिलाकर
मंगलवार को पुन: योगदान कराया।
बताते चलें कि 2016 में पारा शिक्षकों के आंदोलन के दौरान उक्त पारा शिक्षक को विद्यालय प्रबंधन समिति द्वारा पारा शिक्षक को हटा दिया गया था। जिसके बाद विक्की ने न्यायालय की शरण ली थी। लंबे संघर्ष के बाद उच्च न्यायालय द्वारा दिये गए आदेश के आलोक में मंगलवार को शिक्षा विभाग द्वारा विक्की का पुन: योगदान कराया गया। पारा शिक्षक के पद पर पुन: योगदान देने से प्रफ्फुलित विक्की वशिष्ठ ने कहा कि सत्य परेशान हो सकता है, पर पराजित नहीं। इन्होंने कहा कि कुछ षड्यंत्रकारी द्वारा मुझ पर झूठा आरोप लगाकर गुपचुप तरीके से पारा शिक्षक के पद से हटा दिया गया था। इसके बाद मेरे पिता एव बड़े भाई ने मुझे कोर्ट से न्याय मिलने का भरोसा दिलाया। इन्होंने कहा कि न्याय दिलाने में शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों का भी सराहनीय योगदान रहा।
बताते चलें कि 2016 में पारा शिक्षकों के आंदोलन के दौरान उक्त पारा शिक्षक को विद्यालय प्रबंधन समिति द्वारा पारा शिक्षक को हटा दिया गया था। जिसके बाद विक्की ने न्यायालय की शरण ली थी। लंबे संघर्ष के बाद उच्च न्यायालय द्वारा दिये गए आदेश के आलोक में मंगलवार को शिक्षा विभाग द्वारा विक्की का पुन: योगदान कराया गया। पारा शिक्षक के पद पर पुन: योगदान देने से प्रफ्फुलित विक्की वशिष्ठ ने कहा कि सत्य परेशान हो सकता है, पर पराजित नहीं। इन्होंने कहा कि कुछ षड्यंत्रकारी द्वारा मुझ पर झूठा आरोप लगाकर गुपचुप तरीके से पारा शिक्षक के पद से हटा दिया गया था। इसके बाद मेरे पिता एव बड़े भाई ने मुझे कोर्ट से न्याय मिलने का भरोसा दिलाया। इन्होंने कहा कि न्याय दिलाने में शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों का भी सराहनीय योगदान रहा।
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