Ranchi: वेतन निर्धारण और सेवा नियमितीकरण को लेकर लंबे समय तक आंदोलन
में रहे राज्य के 65 हजार से अधिक पारा शिक्षकों का प्रतिनिधिमंडल बुधवार
को शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो से मिला.
प्रतिनिधिमंडल में संयुक्त पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के संजय कुमार दुबे सहित अन्य प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. बातचीत के क्रम में शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने कहा कि विभाग की ओर से बनायी गयी नियमावली पर पारा शिक्षकों की ओर से दर्ज आपत्तियों पर विचार किया जायेगा.इसके साथ ही शिक्षा मंत्री ने कहा कि पूर्व में आंदोलन के दौरान पहले की सरकार ने पारा शिक्षकों पर कई मामले दर्ज किये थे. सरकार की ओर से उन सभी मामलों पर विचार किया जायेगा. इसके बाद इस पर उचित कार्रवाई की जायेगी.
बैठक में शिक्षा मंत्री, पारा शिक्षकों के अलावा विकास आयुक्त, वित्त सचिव, शिक्षा सचिव, राज्य परियोजना निदेशक एवं प्रशासी पदाधिकारी उपस्थित थे. पारा शिक्षकों ने जेएमएम के घोषणा पत्र के आधार पर राज्य के तमाम पारा शिक्षकों को समान काम के बदले समान वेतन दिलाने की बात को रखा.
वहीं अप्रशिक्षित पारा शिक्षक के मामले पर बैठक में कहा गया कि इसे लेकर भारत सरकार को पत्र जायेगा. पारा शिक्षकों का बचा हुआ भुगतान जल्द किया जायेगा.
वहीं छतरपुर एवं नौडीहा बाजार के 453 पारा शिक्षकों को हटाने एवं मानदेय भुगतान के मुद्दे पर शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने शिक्षा सचिव को विधानसभा अध्यक्ष के कार्यालय से कॉर्डिनेट कर रिपोर्ट प्राप्त कर लंबित मानदेय अविलंब भुगतान करने का निर्देश दिया.गौरतलब हो कि सरकार की ओर से बनायी गयी नियुक्ति नियमावली पर पारा शिक्षकों की ओर से 3367 आपत्तियां दर्ज करायी गयी हैं. पारा शिक्षकों की ओर से जो आपत्तियां दर्ज करायी गयी हैं, उनमें पारा शिक्षकों ने कहा है कि सरकार की ओर सीमित आकलन परीक्षा में असफल शिक्षकों की सेवा समाप्त करने की बात कही गयी है. जबकि ऐसा न हो. अगर आकलन परीक्षा में कोई फेल होता है तो उसे पुरानी व्यवस्था के तहत काम करने की अनुमति दी जाये.इसके अलावा आकलन परीक्षा में शामिल होने के लिए ट्रेनिंग के बाद सेवा के आठ वर्ष पूरा करने की जगह विद्यालय में नियुक्ति के आठ साल को माना जाये. पारा शिक्षकों की ओर से सीमित आकलन परीक्षा के स्वरूप में बदलाव करने की बात कही गयी है.पारा शिक्षक संघ का कहना है कि आकलन परीक्षा दो चरण की जगह एक चरण में हो. आकलन परीक्षा 100 अंक की हो और जो पारा शिक्षक 30 अंक लाते हैं, उन्हें परीक्षा मेंपास घोषित किया जाये.वहीं शैक्षणिक गतिविधियों पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि नये शैक्षणिक सत्र में प्राइवेट स्कूलों में बीपीएल बच्चों के लिए सुनिश्चित की गयी 25 फीसदी सीट पर अनिवार्य रूप से नामांकन हो. 25 फीसदी के आंकड़े को पूरा नहीं करने वाले या नामांकन में मनमानी करनेवाले स्कूलों पर कार्रवाई की जायेगी. साथ ही यह कहा कि पूर्व की सरकार ने राज्य के जिन स्कूलों को बंद किया था, उन्हें फिर से खोलने पर विचार किया जा रहा है.
राज्य के सरकारी स्कूलों में लगभग एक साल से बंद पड़े टैब को फिर से उपयोग में लाने की बात शिक्षा मंत्री ने की. उन्होंने कहा कि टैब में जो पूर्व मुख्यमंत्री की तसवीर और संदेश चलता है, उसे हटाया जायेगा. अगर हटाने की वजह से टैब बेकार होता है तो वैसे तकनीकी कर्मियों पर भी कार्रवाई की जायेगी, जिन्होंने इस तरह की प्रोग्रामिंग की है.
प्रतिनिधिमंडल में संयुक्त पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के संजय कुमार दुबे सहित अन्य प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. बातचीत के क्रम में शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने कहा कि विभाग की ओर से बनायी गयी नियमावली पर पारा शिक्षकों की ओर से दर्ज आपत्तियों पर विचार किया जायेगा.इसके साथ ही शिक्षा मंत्री ने कहा कि पूर्व में आंदोलन के दौरान पहले की सरकार ने पारा शिक्षकों पर कई मामले दर्ज किये थे. सरकार की ओर से उन सभी मामलों पर विचार किया जायेगा. इसके बाद इस पर उचित कार्रवाई की जायेगी.
बैठक में शिक्षा मंत्री, पारा शिक्षकों के अलावा विकास आयुक्त, वित्त सचिव, शिक्षा सचिव, राज्य परियोजना निदेशक एवं प्रशासी पदाधिकारी उपस्थित थे. पारा शिक्षकों ने जेएमएम के घोषणा पत्र के आधार पर राज्य के तमाम पारा शिक्षकों को समान काम के बदले समान वेतन दिलाने की बात को रखा.
वहीं अप्रशिक्षित पारा शिक्षक के मामले पर बैठक में कहा गया कि इसे लेकर भारत सरकार को पत्र जायेगा. पारा शिक्षकों का बचा हुआ भुगतान जल्द किया जायेगा.
वहीं छतरपुर एवं नौडीहा बाजार के 453 पारा शिक्षकों को हटाने एवं मानदेय भुगतान के मुद्दे पर शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने शिक्षा सचिव को विधानसभा अध्यक्ष के कार्यालय से कॉर्डिनेट कर रिपोर्ट प्राप्त कर लंबित मानदेय अविलंब भुगतान करने का निर्देश दिया.गौरतलब हो कि सरकार की ओर से बनायी गयी नियुक्ति नियमावली पर पारा शिक्षकों की ओर से 3367 आपत्तियां दर्ज करायी गयी हैं. पारा शिक्षकों की ओर से जो आपत्तियां दर्ज करायी गयी हैं, उनमें पारा शिक्षकों ने कहा है कि सरकार की ओर सीमित आकलन परीक्षा में असफल शिक्षकों की सेवा समाप्त करने की बात कही गयी है. जबकि ऐसा न हो. अगर आकलन परीक्षा में कोई फेल होता है तो उसे पुरानी व्यवस्था के तहत काम करने की अनुमति दी जाये.इसके अलावा आकलन परीक्षा में शामिल होने के लिए ट्रेनिंग के बाद सेवा के आठ वर्ष पूरा करने की जगह विद्यालय में नियुक्ति के आठ साल को माना जाये. पारा शिक्षकों की ओर से सीमित आकलन परीक्षा के स्वरूप में बदलाव करने की बात कही गयी है.पारा शिक्षक संघ का कहना है कि आकलन परीक्षा दो चरण की जगह एक चरण में हो. आकलन परीक्षा 100 अंक की हो और जो पारा शिक्षक 30 अंक लाते हैं, उन्हें परीक्षा मेंपास घोषित किया जाये.वहीं शैक्षणिक गतिविधियों पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि नये शैक्षणिक सत्र में प्राइवेट स्कूलों में बीपीएल बच्चों के लिए सुनिश्चित की गयी 25 फीसदी सीट पर अनिवार्य रूप से नामांकन हो. 25 फीसदी के आंकड़े को पूरा नहीं करने वाले या नामांकन में मनमानी करनेवाले स्कूलों पर कार्रवाई की जायेगी. साथ ही यह कहा कि पूर्व की सरकार ने राज्य के जिन स्कूलों को बंद किया था, उन्हें फिर से खोलने पर विचार किया जा रहा है.
राज्य के सरकारी स्कूलों में लगभग एक साल से बंद पड़े टैब को फिर से उपयोग में लाने की बात शिक्षा मंत्री ने की. उन्होंने कहा कि टैब में जो पूर्व मुख्यमंत्री की तसवीर और संदेश चलता है, उसे हटाया जायेगा. अगर हटाने की वजह से टैब बेकार होता है तो वैसे तकनीकी कर्मियों पर भी कार्रवाई की जायेगी, जिन्होंने इस तरह की प्रोग्रामिंग की है.
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