बिदापाथर (जामताड़ा) : शिक्षा विभाग की ओर से विद्यालय में टैब के बदले
शिक्षकों को निजी एंड्रायड फोन से ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज कराने का फरमान
जारी किया गया है, जबकि अनेकों पारा शिक्षकों के पास एंड्रॉयड मोबाइल फोन
नहीं है व बदहाल जिदगी जीने पर विवश हैं।
इसकी सुध लेनेवाला कोई नहीं है। उक्त बातें एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के बारहघरिया सीआरसी अध्यक्ष नैनी प्रसाद गोराई ने कही। कहा कि अनेक ऐसे पारा शिक्षक हैं जिन्हें इस अल्प मानदेय पर परिवार का भरण-पोषण करना मुश्किल हो गया है। ऐसे में एंड्रायड मोबाइल खरीदना कहां से संभव है। कहा कि युक्तिकरण वाले पारा शिक्षक व बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज नहीं करने वाले पारा शिक्षकों का कई माह से मानदेय लंबित है। पारा शिक्षक आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं। एक तो समय पर मानदेय नहीं मिलता है, ऊपर से तानाशाही फरमान जारी कर पारा शिक्षक को दमन किया जा रहा है। कहा कि मानदेय के बगैर चुनाव प्रशिक्षण में जाना भी उनके लिए मुश्किल है। क्योंकि चुनाव प्रशिक्षण में जाने के लिए पेट्रोल बाइक में भराना पड़ता है लेकिन पेट्रोल के लिए पैसा नहीं है। गोराई ने मैनुअल हाजिरी बनाने की मांग विभाग से की है।
इसकी सुध लेनेवाला कोई नहीं है। उक्त बातें एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के बारहघरिया सीआरसी अध्यक्ष नैनी प्रसाद गोराई ने कही। कहा कि अनेक ऐसे पारा शिक्षक हैं जिन्हें इस अल्प मानदेय पर परिवार का भरण-पोषण करना मुश्किल हो गया है। ऐसे में एंड्रायड मोबाइल खरीदना कहां से संभव है। कहा कि युक्तिकरण वाले पारा शिक्षक व बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज नहीं करने वाले पारा शिक्षकों का कई माह से मानदेय लंबित है। पारा शिक्षक आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं। एक तो समय पर मानदेय नहीं मिलता है, ऊपर से तानाशाही फरमान जारी कर पारा शिक्षक को दमन किया जा रहा है। कहा कि मानदेय के बगैर चुनाव प्रशिक्षण में जाना भी उनके लिए मुश्किल है। क्योंकि चुनाव प्रशिक्षण में जाने के लिए पेट्रोल बाइक में भराना पड़ता है लेकिन पेट्रोल के लिए पैसा नहीं है। गोराई ने मैनुअल हाजिरी बनाने की मांग विभाग से की है।
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