रांची, राज्य ब्यूरो। इधर राज्य सरकार ने स्थापना
दिवस समारोह में उपद्रव करने वाले पारा शिक्षकों पर मुश्कें कस रखी हैं,
उसकी सख्ती बरकरार है। गुरुवार की देर रात आदेश जारी कर कहा गया कि काम
करने को तैयार शिक्षकों को विशेष सुरक्षा मिलेगी। हर हाल में पढ़ाई और
मध्याह्न भोजन शुरू होगा ।वहीं पारा शिक्षक अब भी हड़ताल पर डटे हैं।
पारा शिक्षक इस बार आर या पार, लेकर रहेंगे अपना कर्मसिद्ध अधिकार का नारा बुलंद करते हुए सरकार को कार्रवाई की चुनौती दे रहे हैं। एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के हृषिकेश पाठक ने प्रेस बयान में कहा कि मुख्य सचिव के आदेशानुसार फिर से हमारे घरों में पुलिसिया दबिश चालू कर दी गई है, इन दमनकारी नीतियों से हम डरने वाले नहीं हैं।
कहा कि संघर्ष को इस बार आर-पार की लड़ाई की संज्ञा इसलिए दिया जा रहा है क्योंकि ऐसी ऐतिहासिक हड़ताल और इतना जनसमर्थन पहले कभी हम लोगों को प्राप्त नहीं हुआ था और यह केवल हमारी अखंड एकता के कारण प्राप्त हुई हैl कहा कि अपनों ने तो साथ दिया ही, बाहर वाले भी बिना बोले साथ देने को तैयार हैंl
मोर्चा की ओर से कहा गया कि सरकार द्वारा दिए जा रहे लगातार निरंकुश आदेशों से यह निश्चित हो रहा है कि "दीया बुझने से पहले फड़फड़ा रहा है अर्थात सरकार अब झुकने के कगार पर है" और किसी भी हालत में हमारी एकता को भंग करना चाहती हैl उन्होंने पारा शिक्षकों से अखंड एकता के साथ हड़ताल में बने रहने की अपील की है। कहा कि यदि अष्टमंगल कमेटी को सरकार अपनी गिरफ्त में लेती है तो घबराने की बात नहीं हैl हमारे बाद राज्य के तमाम "प्रमंडल अध्यक्ष और जिला अध्यक्ष सलाहकार समिति के सदस्यों के साथ मिलकर" जोरदार आंदोलन की रणनीति अपनाते हुए आंदोलन को और उग्र करेंगेl
एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने कहा कि जेल में बंद साथियों की रिहाई के लिए निरंतर पक्ष, विपक्ष और अधिवक्ताओं से हम सभी संपर्क में है और जल्द ही उनकी रिहाई हो जाएगीl कहा कि सरकार के रोज बदलती हुई नीतियों को देख कर अब मंजिल बहुत नजदीक नजर आ रही है इसलिए एकत्रित, संगठित और अटल एकता का परिचय देते हुए हड़ताल पर बने रहें, जीत निश्चित ही हमारी कदम चूमेगीl
पारा शिक्षक इस बार आर या पार, लेकर रहेंगे अपना कर्मसिद्ध अधिकार का नारा बुलंद करते हुए सरकार को कार्रवाई की चुनौती दे रहे हैं। एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के हृषिकेश पाठक ने प्रेस बयान में कहा कि मुख्य सचिव के आदेशानुसार फिर से हमारे घरों में पुलिसिया दबिश चालू कर दी गई है, इन दमनकारी नीतियों से हम डरने वाले नहीं हैं।
कहा कि संघर्ष को इस बार आर-पार की लड़ाई की संज्ञा इसलिए दिया जा रहा है क्योंकि ऐसी ऐतिहासिक हड़ताल और इतना जनसमर्थन पहले कभी हम लोगों को प्राप्त नहीं हुआ था और यह केवल हमारी अखंड एकता के कारण प्राप्त हुई हैl कहा कि अपनों ने तो साथ दिया ही, बाहर वाले भी बिना बोले साथ देने को तैयार हैंl
मोर्चा की ओर से कहा गया कि सरकार द्वारा दिए जा रहे लगातार निरंकुश आदेशों से यह निश्चित हो रहा है कि "दीया बुझने से पहले फड़फड़ा रहा है अर्थात सरकार अब झुकने के कगार पर है" और किसी भी हालत में हमारी एकता को भंग करना चाहती हैl उन्होंने पारा शिक्षकों से अखंड एकता के साथ हड़ताल में बने रहने की अपील की है। कहा कि यदि अष्टमंगल कमेटी को सरकार अपनी गिरफ्त में लेती है तो घबराने की बात नहीं हैl हमारे बाद राज्य के तमाम "प्रमंडल अध्यक्ष और जिला अध्यक्ष सलाहकार समिति के सदस्यों के साथ मिलकर" जोरदार आंदोलन की रणनीति अपनाते हुए आंदोलन को और उग्र करेंगेl
एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने कहा कि जेल में बंद साथियों की रिहाई के लिए निरंतर पक्ष, विपक्ष और अधिवक्ताओं से हम सभी संपर्क में है और जल्द ही उनकी रिहाई हो जाएगीl कहा कि सरकार के रोज बदलती हुई नीतियों को देख कर अब मंजिल बहुत नजदीक नजर आ रही है इसलिए एकत्रित, संगठित और अटल एकता का परिचय देते हुए हड़ताल पर बने रहें, जीत निश्चित ही हमारी कदम चूमेगीl
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