(रांची): मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी ने
राज्य के सभी उपायुक्तों को निर्देश दिया है कि अराजकता फैलाने वाले जेल
में बंद और एफआइआर में नामजद सभी पारा शिक्षकों की बर्खास्तगी की प्रक्रिया
शुरू करते हुए अविलंब उनकी जगह टेट पास लोगों की नियुक्ति करें।
उन्होंने
सभी जिलों के एसपी को निर्देश दिया कि जो पारा शिक्षक नामजद अभियुक्त होने
के बाद भी पकड़ से बाहर हैं, उनकी गिरफ्तारी सुनिश्चित करें। मुख्य सचिव
प्रोजेक्ट भवन सचिवालय में सभी जिलों के उपायुक्त तथा एसपी से वीडियो
कांफ्रेंसिंग के माध्यम से मुखातिब थे।मुख्य सचिव ने स्पष्ट किया कि सरकार ने पारा शिक्षकों के काम पर लौटने की जो तारीख तय की है, उसमें कोई बदलाव नहीं होगा। उन्होंने कहा कि, सूचना मिल रही है कि कतिपय पारा शिक्षकों को काम पर लौटने पर एक हजार रुपये जुर्माना और मारपीट की धमकी दी जा रही है, ऐसे शिक्षकों को प्रोटेक्शन दिया जाए। इसके लिए जिला और सब डिवीजन स्तर पर कंट्रोल रूम बनाएं। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के प्रधान सचिव एपी सिंह ने निर्देश दिया कि सरकारी शिक्षकों की प्रतिनियुक्त अन्य स्कूलों में नहीं करें। अगर किसी स्कूल में जरूरत हो तो स्कूल प्रबंधन समिति के पढ़े-लिखे लोगों की इच्छानुसार स्कूलों में पारा शिक्षकों के मानदेय पर प्रतिनियुक्ति कर सकते हैं। उन्होंने पलामू, गढ़वा, दुमका, चतरा, गिरिडीह, हजारीबाग आदि जिलों में बिना डॉक्यूमेंट के पारा शिक्षक बने लोगों पर वैधानिक कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया।
सूखा प्रभावित इलाके में राहत कार्य शुरू करें-सुधीर त्रिपाठी
मुख्य सचिव ने सूखा प्रभावित प्रखंडों में
जरूरत के अनुसार राहत कार्य शुरू करने का निर्देश उपायुक्तों को दिया है।
उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि अन्न के बिना कोई भूखा
नहीं रहेगा। इसके लिए पंचायतवार पहले ही 10 हजार रुपए उपलब्ध कराए जा चुके
हैं। वहीं पेयजल के लिए भी 100 करोड़ रुपए की राशि निर्गत की गई है।
उन्होंने कहा कि रबी फसल के लिए सरकार सूखा प्रभावित इलाके के किसानों को 90 फीसदी अनुदान पर बीज उपलब्ध करा रही है। इसका लाभ सभी जरूरतमंद किसानों को मिले, इसे सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
एक दिसंबर से ड्रोन उड़ाने के लिए होंगे नए नियम
सरकार एक दिसंबर से ड्रोन उड़ाने के लिए नए
नियमों की नकेल कसने जा रही है। एडीजी आरके मल्लिक ने मुख्य सचिव की
अध्यक्षता में संपन्न वीडियो कांफ्रेंसिंग में सभी एसपी और डीसी को बताया
कि इसके लिए डीजीसीए ने रेड, येलो और ग्रीन जोन बनाया है। रेड जोन वीवीआइपी
इलाके होंगे। यह जोन किसी भी तरह के ड्रोन के लिए प्रतिबंधित होगा। येलो
जोन में एसपी और डीसी की अनुमति से 250 ग्राम तक के ड्रोन उड़ाए जा सकेंगे।
जबकि, ग्रीन जोन मुक्त होगा। इस नियम की अवहेलना करनेवालों पर एक हजार
रुपये का जुर्माना या तीन माह की सजा का प्रावधान है। इसकी निगरानी के लिए
हर जिले में टेक्नो फ्रेंडली नोडल पदाधिकारी की प्रतिनियुक्त होगी।
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