Ranchi : राज्य सरकार की ओर से नियुक्ति वर्ष की बात कही गयी है लेकिन नियुक्ति के बजाय लोगों की नौकरियां जा रही हैं. ऐसा ही मामला व्यावसायिक प्रशिक्षकों का सामने आया है. राज्य के उच्च और प्लस टू स्कूलों में कार्यरत व्यावसायिक प्रशिक्षक भूखों मरने की नौबत में आ गये हैं.
ऐसा झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद और क्वेस कॉर्प लिमिटेड के बीच चल रहे करार में हो रहे तकरार की वजह से हो रहा है. दरअसल राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान(RMSA) की परियोजना के तहत झारखंड के उच्च एवं +2 विद्यालयों में व्यवसायिक शिक्षा का संचालन किया जा रहा है.
व्यावसायिक शिक्षा देने के लिए झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद ने थर्ड पार्टी कंपनी क्वेस कॉर्प लिमिटेड के साथ करार किया. यह कंपनी राज्य के हाई और प्लस टू स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति करती है. इस कंपनी की ओर से पिछले पांच साल से समय-समय पर शिक्षकों की नियुक्ति की गयी है.
वर्तमान में 131 व्यावसायिक प्रशिक्षक इस कंपनी के अधिक विभिन्न स्कूलों में सेवा दे रहे हैं. अब इन प्रशिक्षकों को क्वेस कॉर्प लिमिटेड ने कहा है कि आपकी सेवा 30 अप्रैल से समाप्त हो चुकी है.
कंपनी की ओर से अचानक मौखिक रूप से ऐसा कह देने के बाद से भूखों मरने की नौबत आ गयी है. शिक्षकों को इस महामारी के दौर में नौकरी जाने का डर सता रहा है.
क्या कहते हैं प्रशिक्षक
स्कूलों में कार्यरत प्रशिक्षकों का कहना है कि झारखंड शिक्षा परियोजना की ओर से क्वेस कॉर्प लिमिटेड के साथ करार किया गया. हमारी नियुक्ति क्वेस कॉर्प के माध्यम से हुई.
अब कंपनी हमें मौखिक रूप से कह रही है कि आपकी सेवा 30 अप्रैल तक ही है. शिक्षकों ने बताया कि शिक्षा परियोजना के पदाधिकारी स्वप्निल कुजूर और क्वेस कॉर्प लिमिटेड की प्रोजेक्ट मैनेजर दीपिका लकड़ा के बीच गूगल मिट में मीटिंग हुई. इसमें सभी 131 शिक्षकों को शामिल किया गया.
इस मीटिंग में सभी प्रशिक्षकों को मौखिक रूप से कहा गया 30 अप्रैल के बाद आपकी सेवा समाप्त की जाती है. प्रशिक्षकों का कहना है कि इस महामारी के दौर में अचानक से नौकरी से हटाना गलत है.
नये करार की वजह से हुई परेशानी
कार्यरत प्रशिक्षकों के मुताबिक क्वेस कॉर्प लिमिटेड इस परियोजना को छोड़ना चाहती है. कारण यह है कि जेईपीसी द्वारा कंपनी को नये करार के तहत 131 व्यवसायिक प्रशिक्षक के वेतन का 15 % राशि जेईपीसी के पास जमा करने को कहा गया.
इसके साथ ही जेईपीसी की ओर से कंपनी को कहा गया कि आपके बिल का भुगतान प्रत्येक महीने की जगह हर तीन महीने में किया जायेगा.
इस पर कंपनी की ओर से जेईपीसी से लिखित में पूछा गया कि 3 महीने के वेतन बिल का भुगतान कितने कार्य दिवस में किया जायेगा. पर कंपनी के इन सवालों का जवाब जेईपीसी नहीं दे रही है.
इस वजह से क्वेस कॉर्प लिमिटेड जेईपीसी से करार छोड़ना चाह रही है. कंपनी इसी कारण का हवाला देते हुए प्रशिक्षकों की सेवा समाप्त करने की बात कह रही है.
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