रांची, जेएनएन। CBSE Class 12 Board Exams 2021, Good news for CBSE students सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंड्री एजुकेशन, सीबीएसई ने छात्रों के हक में बड़ा फैसला लिया है। इस साल 12वीं बोर्ड की परीक्षा स्थगित कर दी गई है। जिस पर 1 जून को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड बड़ा फैसला लेने जा रहा है। वहीं सीबीएसई ने छात्रों को प्रोडक्टिव बनाने के लिहाज से सिलेबस और एग्जाम पैटर्न में भी बड़ा बदलाव किया है।
केंद्र सरकार की ओर से लागू की गई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को पाठ्यक्रमों में शामिल करते हुए सीबीएसई ने 9वीं कक्षा से लेकर 12वीं कक्षा तक के पैटर्न में अब संकाय की बाध्यता समाप्त कर दी है। ऐसे में अब विज्ञान की पढ़ाई करने वाले छात्र इतिहास व भूगोल जैसे विषय भी अपनी पसंद के अनुसार चुन सकेंगे। इससे छात्र-छात्राओं को नामांकित संकाय के बदले दूसरे संकाय की शिक्षा सुलभ तरीके से मिलेगी।
बताया गया है कि सीबीएसई की नई शिक्षा नीति लागू करने के पीछे तर्क है कि छात्रों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर की शिक्षा दी जाए। इस तरह का पैटर्न विदेशों में पहले से ही लागू है। अब सीबीएसई का पैटर्न अंतरराष्ट्रीय स्तर का होने से भारतीय छात्रों को आगे चलकर हायर स्टडीज के लिएविदेशों में पढ़ाई करने में पहले के मुकाबले अधिक सुविधा होगी। सीबीएसई के नए पैटर्न से देश में शिक्षा की गुणवत्ता बेहतर होने की उम्मीद है।
शिक्षाविदों का कहना है कि सीबीएसई बोर्ड में अब संकाय के बदले छात्र अब विषय आधारित पढ़ाई कर सकेंगे। विज्ञान के छात्र-छात्रा अपनी पसंद से कॉमर्स और आर्ट्स के विषय में भी हाथ आजमाएंगे। इससे उनका सर्वांगीण विकास होगा। कला या वाणिज्य के विषय चुनने की स्वतंत्रता से छात्र पहले के मुकाबले अधिक शिद्दत से पढ़ाई कर सकेंगे। साथ ही विषय आधारित पढ़ाई करने से स्कूलों में शिक्षकों की संख्या बढ़ेगी, जिसका सीधा फायदा छात्रों को मिलेगा।
शिक्षाविदों का कहना है कि पहले कई स्कूल सिर्फ विज्ञान संकाय या सिर्फ कॉमर्स या आर्ट्स पढ़ाते थे। लेकिन नए पैटर्न में विषय चुनने की बाध्यता खत्म होने से स्कूलों को सभी विषयों के शिक्षक बहाल करने होंगे। ऐसे में सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंड्री एजुकेशन (सीबीएसई) की नई शिक्षा नीति बड़ी संख्या में शिक्षकों के लिए रोजगार का अवसर भी मुहैया कराएगा।
झारखंड प्राइवेट स्कूल्स एसोसिएशन का कहना है कि सीबीएसई की नई शिक्षा नीति से छात्र-छात्राओं के लिए शिक्षा के नए द्वार खुलेंगे। संकाय की बाध्यता खत्म होने के बाद 12वीं के छात्र विज्ञान, वाणिज्य एवं कला संकाय में किसी भी विषय में विशेषज्ञता हासिल कर सकते हैं। ताजा पैटर्न के मुताबिक अब कोई भी छात्र विज्ञान संकाय में नामांकित होने के बावजूद इतिहास, भूगोल या फिर किसी भी पसंदीदा विषय की पढ़ाई कर सकता है। सीबीएसई का नया पैटर्न निश्चित तौर पर छात्रों में शिक्षा की गुणवत्ता का स्तर बढ़ाएगा।
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