रांची, जासं । स्टूडेंट्स में प्रोब्लम सोल्विंग और क्रिटिकल थिंकिंग जैसे गुणों का होना बड़ा महत्व रखता है। नई शिक्षा नीति भी इसी काे बढ़ावा देती है। स्टूडेंस को ऐसे गुणों से भरपूर होने में शिक्षकों की भूमिका बड़ा मायने रखती है। लेकिन शिक्षक स्टूडेंट्स को अपने लक्ष्य की प्राप्ति में तभी हेल्प कर सकते हैं जब वे खुद मेंटर के रूप में तैयार हो। इसी को देखते हुए सेंट्रल बोर्ड आफ सेकेंड्री एजुकेशन (सीबीएसई) ने मिनिस्ट्री आफ एजुकेशन
इनोवेशन सेल (एमआइसी) व एआइसीटीई के साथ मिलकर 13 मई को आनलाइन इनोवेशन एंबेस्डर प्रोग्राम लांच करने जा रहा है। इसके तहत शिक्षकों को ट्रेंड किया जाएगा। उनकी मेंटरिंग कैपिसिटी को मजबूत किया जाएगा जिससे ये शिक्षक छात्रों के लिए बेहतर मेंटर बन सके। छात्रों को इनोवेशन व एंटरप्रेन्यॅरशिप की ओर मोड़ सके।पहला बैच 17 मई से
सीबीएसई इस इनोवेशन एंबेस्डर प्रोग्राम के तहत 50,000 शिक्षकों को ट्रेंड करेगा। हर स्कूल से दाे या तीन शिक्षक होंगे। इसलिए सीबीएसई ने सभी एफिलिएटेड स्कूलों से कहा है कि वे चार या पांच शिक्षकों का नाम भेजें। पहले माॅड्यूल की ट्रेनिंग की प्रथम बैच 17 मई से शुरू होगी।
10 मई तक होगा रजिस्ट्रेशन
स्कूल इस प्रोग्राम के लिए आनलाइन रजिस्ट्रेशन 10 मई तक करेंगे। इसमें शिक्षकों का नाम भेजना है। रजिस्ट्रेशन के लिए सीबीएसई की वेबसाइट-डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू.सीबीएसई.एनआइसी.इन पर जाएं। चयनित शिक्षकों का बैच, तिथि व समय मेल के माध्यम से भेज दिया जाएगा।
यह होगा चयन का आधार
शिक्षकों का चयन का आधार होगा उनमें स्टूेंडट्स के प्रोजेक्ट को विकसित करने में उनकी रुचि कितनी रहती है। इसके अलावा नए आइडिया को लेकर पैसन, प्रोब्लम सोल्विंग स्किल, कम्यूनिकेशन एंड एनालाइटिकल स्किल व इनोवेशन एग्जिबिशन में सहभागिता
चार मॉड्यूल के तहत तैयार होंगे
इनोवेशन एंबेस्डर प्रोग्राम के तहत शिक्षकों को चार मॉड्यूल के तहत तैयार किया जाएगा। इसमेें पहला होगा 26 घंटे का डिजाइन थिकिंग एंड इनोवेशन, दूसरा 15 घंटे का आइडिया जेनरेशन एंड आइडियल हैंड होल्डिंग, तीसरा 12 घंटे का इंटेलेक्चुअल प्रोपर्टी राइट्स व चौथा 13 घंटे का प्रोडक्ट प्रोटोटाइप डेवलेपमेंट।
ये करेंगे इनोवेशन एंबेस्डर
- अपने स्कूलों में इनोवेशन का कल्चर तैयार करना।
- अपने और नजदीक के स्कूलों के अन्य शिक्षक व स्टूडेंट्स के लिए मेंटर के तौर पर कार्य करना।
- अन्य स्कूलों में रिसोर्स पर्सन के तौर पर सहायता करना।
- स्टूडेंट्स व फैकल्टी के बीच इनोवेशन और स्टार्टअप को बढ़ावा देना।
- राष्ट्रीय स्तर पर होने वाली आइडिया देने वाली प्रतियोगिता में इवेल्यूटर के तौर पर रहना।
- इनोवेशन या उससे संबंधित होने वाली राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रमों में मेंटर के तौर पर रहना।
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