रांची, राज्य ब्यूरो। सरकार के सख्त रवैये के बाद
सोमवार को 1783 पारा शिक्षक काम पर लौट आए हैं। इससे इतर विभिन्न जिलों में
103 नई बहालियां भी होने की खबर है। ये बहालियां स्थापना दिवस के अवसर पर
विरोध प्रदर्शन करने के बाद गिरफ्तार कर जेल भेजे गए पारा शिक्षकों की जगह
पर हुई हैं। गौरतलब है कि इस जुर्म में लगभग 300 पारा शिक्षक जेल में बंद
हैं।
इन सबसे अलग अब भी लगभग 60 हजार से अधिक पारा शिक्षक आंदोलन पर डटे हैं। एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के बैनर तले शिक्षकों के जत्थे ने सोमवार को भी मंत्रियों, सांसदों और विधायकों के आवास पर डेरा डालो, घेरा डालो कार्यक्रम चलाया। इधर स्थायीकरण और वेतनमान की मांग को लेकर आंदोलन पर अड़े पारा शिक्षकों के खिलाफ स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने कार्रवाई शुरू कर दी है।
कार्रवाई के प्रथम चरण में गिरफ्तार पारा शिक्षकों को हटाने से संबंधित नोटिस भेजने का सिलसिला सोमवार से शुरू हो गया। संबंधित नोटिस जिला स्तर से विद्यालय प्रबंधन समिति तथा प्रखंड शिक्षा समिति को भेज गया है, जिसमें गिरफ्तार शिक्षकों की जगह उन्हीं के मानदेय पर टेट उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को बहाल करने को कहा गया है।
सरयू राय से मिला शिक्षकों का शिष्टमंडल : संघर्ष मोर्चा की पूर्वी सिंहभूम जिला कमेटी ने सोमवार को राज्य के खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले विभाग के मंत्री सरयू राय से मुलाकात की। शिष्टमंडल ने पारा शिक्षकों को देय सुविधाओं से संबंधित बिहार और छत्तीसगढ़ की नियमावली मंत्री को उपलब्ध कराई तथा उनसे इस मामले में सरकार के स्तर पर पहल करने की अपील की। इधर कोल्हान प्रमंडलीय प्रवक्ता सन्नी कुमार के अनुसार मंत्री ने पारा शिक्षकों की मांग को उचित फोरम पर रखने का आश्वासन दिया है।
शिक्षकों का दावा, बर्खास्त नहीं कर सकती सरकार, जाएंगे कोर्ट : शिक्षकों के एक समूह का दावा है कि सरकार उन्हें सीधे बर्खास्त नहीं कर सकती। ग्राम शिक्षा समिति अथवा प्रखंड शिक्षा समिति ही शिक्षकों को हटा सकती है। इससे इतर अधिकतर समितियां पारा शिक्षकों के पक्ष में है। इसके बाद भी अगर सरकार अपनी जिद पर अड़ी रही तो शिक्षक कोर्ट में पीआइएल दायर करेंगे।
फैक्ट फाइल : - राज्य में पारा शिक्षकों की कुल संख्या लगभग 67 हजार है। - झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद की रिपोर्ट के अनुसार 15 नवंबर तक कुल 19 हजार पारा शिक्षक ड्यूटी पर थे। 20 नवंबर को यह संख्या घटकर महज ढाई हजार रह गई।- सोमवार को अगर 1783 पारा शिक्षक काम पर लौट भी आए हैं तो लगभग 60 हजार आज भी हड़ताल पर डटे हैं।
- सरकार ने काम पर लौटने वाले शिक्षकों को सुरक्षा प्रदान करने का दे रखा है निर्देश।- 15 से 20 नवंबर के बीच लगातार अनुपस्थित रहने वाले पारा शिक्षकों को काम से अनुपस्थित मानकर सरकार कर रही कार्रवाई। - न्यायिक हिरासत में 24 घंटे रह चुके तथा प्राथमिकी दर्ज शिक्षकों की सेवा तत्काल प्रभाव से रद करने की कार्रवाई का है निर्देश। - ऐसे विद्यालय, जहां शत फीसद पारा शिक्षक कार्यरत हैं, विद्यालय प्रबंध समिति को वैकल्पिक व्यवस्था के तहत 65 साल से कम आयु वाले सेवानिवृत्त शिक्षकों, समिति के योग्य सदस्यों की सेवाएं लेने का दिया गया है निर्देश।
इन सबसे अलग अब भी लगभग 60 हजार से अधिक पारा शिक्षक आंदोलन पर डटे हैं। एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के बैनर तले शिक्षकों के जत्थे ने सोमवार को भी मंत्रियों, सांसदों और विधायकों के आवास पर डेरा डालो, घेरा डालो कार्यक्रम चलाया। इधर स्थायीकरण और वेतनमान की मांग को लेकर आंदोलन पर अड़े पारा शिक्षकों के खिलाफ स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने कार्रवाई शुरू कर दी है।
कार्रवाई के प्रथम चरण में गिरफ्तार पारा शिक्षकों को हटाने से संबंधित नोटिस भेजने का सिलसिला सोमवार से शुरू हो गया। संबंधित नोटिस जिला स्तर से विद्यालय प्रबंधन समिति तथा प्रखंड शिक्षा समिति को भेज गया है, जिसमें गिरफ्तार शिक्षकों की जगह उन्हीं के मानदेय पर टेट उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को बहाल करने को कहा गया है।
सरयू राय से मिला शिक्षकों का शिष्टमंडल : संघर्ष मोर्चा की पूर्वी सिंहभूम जिला कमेटी ने सोमवार को राज्य के खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले विभाग के मंत्री सरयू राय से मुलाकात की। शिष्टमंडल ने पारा शिक्षकों को देय सुविधाओं से संबंधित बिहार और छत्तीसगढ़ की नियमावली मंत्री को उपलब्ध कराई तथा उनसे इस मामले में सरकार के स्तर पर पहल करने की अपील की। इधर कोल्हान प्रमंडलीय प्रवक्ता सन्नी कुमार के अनुसार मंत्री ने पारा शिक्षकों की मांग को उचित फोरम पर रखने का आश्वासन दिया है।
शिक्षकों का दावा, बर्खास्त नहीं कर सकती सरकार, जाएंगे कोर्ट : शिक्षकों के एक समूह का दावा है कि सरकार उन्हें सीधे बर्खास्त नहीं कर सकती। ग्राम शिक्षा समिति अथवा प्रखंड शिक्षा समिति ही शिक्षकों को हटा सकती है। इससे इतर अधिकतर समितियां पारा शिक्षकों के पक्ष में है। इसके बाद भी अगर सरकार अपनी जिद पर अड़ी रही तो शिक्षक कोर्ट में पीआइएल दायर करेंगे।
फैक्ट फाइल : - राज्य में पारा शिक्षकों की कुल संख्या लगभग 67 हजार है। - झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद की रिपोर्ट के अनुसार 15 नवंबर तक कुल 19 हजार पारा शिक्षक ड्यूटी पर थे। 20 नवंबर को यह संख्या घटकर महज ढाई हजार रह गई।- सोमवार को अगर 1783 पारा शिक्षक काम पर लौट भी आए हैं तो लगभग 60 हजार आज भी हड़ताल पर डटे हैं।
- सरकार ने काम पर लौटने वाले शिक्षकों को सुरक्षा प्रदान करने का दे रखा है निर्देश।- 15 से 20 नवंबर के बीच लगातार अनुपस्थित रहने वाले पारा शिक्षकों को काम से अनुपस्थित मानकर सरकार कर रही कार्रवाई। - न्यायिक हिरासत में 24 घंटे रह चुके तथा प्राथमिकी दर्ज शिक्षकों की सेवा तत्काल प्रभाव से रद करने की कार्रवाई का है निर्देश। - ऐसे विद्यालय, जहां शत फीसद पारा शिक्षक कार्यरत हैं, विद्यालय प्रबंध समिति को वैकल्पिक व्यवस्था के तहत 65 साल से कम आयु वाले सेवानिवृत्त शिक्षकों, समिति के योग्य सदस्यों की सेवाएं लेने का दिया गया है निर्देश।
No comments:
Post a Comment