रांची : प्रधान न्यायायुक्त नवनीत कुमार की अदालत से 33 महिला सहित 34
पारा शिक्षकों को जमानत मिल गयी. उन्हें 10-10 हजार रुपये के निजी मुचलके
पर जमानत दी गयी.
गौरतलब है कि 15 नवंबर को झारखंड स्थापना दिवस के अवसर पर पारा
शिक्षकों ने मोरहाबादी मैदान में मुख्यमंत्री व राज्यपाल के सामने प्रदर्शन
किया था. उसके बाद पुलिस ने पारा शिक्षकों पर लाठीचार्ज कर दिया था़
इसके विराेध स्वरूप पारा शिक्षकों ने भी पुलिस पर पथराव व जानलेवा हमला
किया था. इस मामले में पुलिस ने महिला सहित 282 पारा शिक्षकों को गिरफ्तार
किया था.
पारा शिक्षकों पर जानलेवा हमला, सरकारी कामकाज में बाधा और एकमत हाेकर
हमला करने की धारा के तहत लालपुर थाना में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी.
लालपुर पुलिस ने उन्हें 16 नवंबर को जेल भेजा था. जेल जाने के बाद से ही
पारा शिक्षकाें ने जमानत की याचिका दाखिल की थी़ उस पर बुधवार को प्रधान
न्यायायुक्त नवनीत कुमार की अदालत में सुनवाई हुई और 34 पारा शिक्षकों को
जमानत दे दी गयी.
प्राथमिक व मवि शिक्षकों का विरोध शुरू, काला बिल्ला लगा किया कार्य
रांची : 13 सूत्री मांगों तथा पारा शिक्षकों पर हो रही दमनात्मक
कार्रवाई के विरोध में अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ की प्रदेश
कार्यसमिति के आह्वान पर बुधवार से दो दिवसीय आंदोलन शुरू किया गया.
प्राथमिक व मध्य विद्यालय के हजारों शिक्षकों ने काला बिल्ला लगा कर
पठन-पाठन का कार्य किया. स्कूल के बाहर संघ के बैनर के साथ शिक्षकों ने
सरकार के विरोध में नारेबाजी की. संघ के प्रदेश अध्यक्ष बिजेंद्र चौबे,
महासचिव राममूर्ति ठाकुर व मुख्य प्रवक्ता नसीम अहमद ने कहा कि वर्तमान
व्यवस्था शिक्षकों की समस्याअों को दूर करने के बदले दमनात्मक कार्रवाई कर
रही है.
समस्याओं के समाधान के प्रति सरकार उदासीन है. इस अवसर पर सुनील
कुमार,असदुल्ला, अनूप केशरी, दीपक दत्ता, संतोष कुमार, हरेकृष्ण चौधरी,
राकेश कुमार, अनिल खलखो, सलीम सहाय, कृष्णा शर्मा, अजय ज्ञानी, सुनील
कुमार, संजय साहू , देवी प्रसाद मुखर्जी, अनिल कुमार सिंह, उपेंद्र कुमार,
देवेंद्र प्रसाद तिवारी, श्रीकांत सिन्हा, अजय कुमार सिंह आिद उपस्थित थे.
पारा शिक्षकों की हड़ताल असंवैधानिक घोषित करने के लिए याचिका दायर
रांची : प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में कार्यरत 67,000 पारा शिक्षकों
की हड़ताल को असंवैधानिक घोषित करने के लिए झारखंड हाइकोर्ट में जनहित
याचिका दायर की गयी है. प्रार्थी संजय कुमार चाैधरी की अोर से अधिवक्ता
महावीर पोद्दार ने याचिका दायर की है. याचिका में प्रार्थी द्वारा कहा गया
है कि पारा शिक्षकों की हड़ताल से प्रारंभिक विद्यालयों में पठन-पाठन का
कार्य प्रभावित हो रहा है. कई स्कूलों में पढ़ाई ठप भी हो गयी है.
प्रार्थी ने राज्य सरकार से उन विद्यालयों में तत्काल वैकल्पिक
व्यवस्था करने की मांग की है, जिसमें पठन-पाठन कार्य प्रभावित हो रहा है.
विद्यालयों में नियमित शिक्षकों की नियुक्ति की जाये, ताकि बार-बार की
हड़ताल का असर बच्चों की पढ़ाई पर नहीं पड़े तथा उनका भविष्य खराब नहीं हो.
याचिका में यह भी कहा गया है कि शिक्षक नियुक्ति नियमावली में पारा
शिक्षकों को 50 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है. इस प्रावधान के
तहत अब तक हजारों पारा शिक्षकों की नियुक्ति नियमित शिक्षक के पद पर हुई
है.
पहले मुकदमा वापस ले सरकार: मोर्चा
रांची़ एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के विनोद बिहारी महतो ने कहा
है कि सरकार पहले पारा शिक्षकों पर किये गये मुकदमा को वापस ले. इसके बाद
वार्ता करेंगे. कहा है कि जब तक जेल गये पारा शिक्षकों को बिना शर्त रिहा
नहीं किया जाता, तब तक वार्ता नहीं होगी. मालूम हो कि राज्य के पारा शिक्षक
स्थायीकरण व वेतनमान की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं.
9 पारा शिक्षकों को रिमांड पर लिया
रांची : लोअर बाजार की पुलिस ने 10 पारा शिक्षक नरेश कुमार मंडल, नीरज
कुमार, रंजीत कुमार, नरेश राय, उमेश सिंह, अमित कुमार, भीम शंकर भगत,
सुखदेव महतो व एच ठाकुर को रिमांड पर लिया है़ उनसे दर्ज प्राथमिकी मेें
अज्ञात पारा शिक्षकों के नाम व पता जानने के लिए पूछताछ की जा रही है़
पुलिस व पत्रकारों से मारपीट व स्थापना दिवस पर हंगामा करने के मामले में
उन्हें जेल भेजा गया था़
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