सरकारी शिक्षा व्यवस्था का क्या हाल है यह इस खबर से बखूबी पता चलती है।
पलामू जिले में एक बालिका उच्च विद्यालय है जहां अभी 1284 छात्राएं पढ़ती
हैं। यहां आठवीं से लेकर 10वीं तक की पढ़ाई होती है। यहां हर कक्षा तीन
सेक्शन में भी बंटी है और हर घंटी में अलग-अलग विषय भी पढ़ाने होते हैं।
अगर कहा जाए कि सब सेक्शन के हर कक्षा में पिछले दो साल से एक ही शिक्षक हर विषय पढ़ा रहे हों तो आप उस शिक्षक को जरूर रोबोट कहेंगे। जी हां, यह बिलकुल सच है पलामू जिले के हरिहरगंज बालिका उच्च विद्यालय में पिछले दो साल से गणेश राय ही स्कूल के शिक्षक, प्राचार्य, चपरासी सबकुछ हैं।
बिहार-झारखण्ड बॉर्डर से पांच सौ मीटर कि दूरी हरिहरगंज बालिका उच्य विद्यालय है। यहां अभी 1284 छात्राओं पढ़ रही हैं। इन सभी छात्राओं का भविष्य एक शिक्षक के भरोसे है। बॉर्डर पर होने के कारण बिहार की दो सौ से अधिक छात्राएं भी यहां पढ़ने आती हैं। इस स्कूल में वर्ष 2016 के बाद किसी शिक्षक की नियुक्ति नहीं हुई है। 2016 में डेपुटेशन पर गणेश राय का हरिहरगंज बालिका उच्य विद्यालय में ट्रांसफर हुआ था, जिसके बाद से गणेश राय शिक्षक के साथ-साथ प्रभारी प्रचार्य भी हैं।
हरिहरगंज बालिका उच्य विद्यालय में आठवीं से लेकर दसवीं तक की पढ़ाई होती है। हर कक्षा तीन सेक्शन में भी बंटी है। सभी छात्राओं को पढ़ाने का जिम्मा एक शिक्षक गणेश राय के जिम्मे है। गणेश राय ने बताया कि इस स्कूल में एक भी पारा शिक्षक नहीं है। गांव की दो महिलाएं रेणु कुमारी और लक्ष्मी देवी सेवा भावना से और बच्चों को पढ़ाने आ जाती हैं।
क्या कहना है छात्राओं का
हरिहरगंज बालिका उच्य विद्यालय के 10वीं क्लास की छात्रा रूबी कुमारी, रेनू कुमारी, मीणा, पिंकी ने बताया कि स्कूल में शिक्षक की कमी होने के कारण पढ़ाई नहीं हो पाती है। जब सर किसी क्लास के बच्चों को पढ़ाते है तो दूसरी कक्षा के बच्चों को इंतजार करना पड़ता है।
अगर कहा जाए कि सब सेक्शन के हर कक्षा में पिछले दो साल से एक ही शिक्षक हर विषय पढ़ा रहे हों तो आप उस शिक्षक को जरूर रोबोट कहेंगे। जी हां, यह बिलकुल सच है पलामू जिले के हरिहरगंज बालिका उच्च विद्यालय में पिछले दो साल से गणेश राय ही स्कूल के शिक्षक, प्राचार्य, चपरासी सबकुछ हैं।
बिहार-झारखण्ड बॉर्डर से पांच सौ मीटर कि दूरी हरिहरगंज बालिका उच्य विद्यालय है। यहां अभी 1284 छात्राओं पढ़ रही हैं। इन सभी छात्राओं का भविष्य एक शिक्षक के भरोसे है। बॉर्डर पर होने के कारण बिहार की दो सौ से अधिक छात्राएं भी यहां पढ़ने आती हैं। इस स्कूल में वर्ष 2016 के बाद किसी शिक्षक की नियुक्ति नहीं हुई है। 2016 में डेपुटेशन पर गणेश राय का हरिहरगंज बालिका उच्य विद्यालय में ट्रांसफर हुआ था, जिसके बाद से गणेश राय शिक्षक के साथ-साथ प्रभारी प्रचार्य भी हैं।
हरिहरगंज बालिका उच्य विद्यालय में आठवीं से लेकर दसवीं तक की पढ़ाई होती है। हर कक्षा तीन सेक्शन में भी बंटी है। सभी छात्राओं को पढ़ाने का जिम्मा एक शिक्षक गणेश राय के जिम्मे है। गणेश राय ने बताया कि इस स्कूल में एक भी पारा शिक्षक नहीं है। गांव की दो महिलाएं रेणु कुमारी और लक्ष्मी देवी सेवा भावना से और बच्चों को पढ़ाने आ जाती हैं।
क्या कहना है छात्राओं का
हरिहरगंज बालिका उच्य विद्यालय के 10वीं क्लास की छात्रा रूबी कुमारी, रेनू कुमारी, मीणा, पिंकी ने बताया कि स्कूल में शिक्षक की कमी होने के कारण पढ़ाई नहीं हो पाती है। जब सर किसी क्लास के बच्चों को पढ़ाते है तो दूसरी कक्षा के बच्चों को इंतजार करना पड़ता है।
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