झारखंड में प्रति वर्ष मैट्रिक व इंटर की उत्तरपुस्तिकाआें के
मूल्यांकन में गड़बड़ी सामने आती है. स्क्रूटनी के बाद टॉपर्स बदल जाते
हैं. जैक ने मूल्यांकन में गड़बड़ी के आरोप में 250 से अधिक शिक्षकों को
ब्लैक लिस्टेड भी किया है. इसके बाद भी गड़बड़ी का सिलसिला थमने का नाम
नहीं ले रहा है.
इन दिनों वर्ष 2018 की मैट्रिक-इंटर की उत्तरपुस्तिकाआें की जांच चल
रही है. प्रभात खबर संवाददाता ने लगातार तीन दिनों तक राजधानी के अलग-अलग
मूल्यांकन केंद्रों पर जाकर मूल्यांकन कार्य पर नजर रखा. इसमें मूल्यांकन
कार्य में कई खामियां उजागर हुईं.
रांची : झारखंड में मैट्रिक व इंटर की एक कॉपी की जांच चार से पांच
मिनट में हो रही है. इसी अवधि में परीक्षक कॉपी का मूल्यांकन, अंकों के योग
से लेकर मार्क्स फाइल पर चढ़ाने तक का काम पूरा कर रहे हैं. वहीं, दूसरी
ओर सीबीएसइ बोर्ड की एक उत्तरपुस्तिका की जांच करने में वीक्षकों को करीब
15 मिनट लगता है. रांची में मूल्यांकन केंद्रों पर 10 से चार बजे तक कॉपी
जांचने का समय तय किया गया है. परीक्षकाें को 10 बजे से पहले मूल्यांकन
केंद्र पर पहुंचना है और चार बजे तक मूल्यांकन कार्य पूरा करना है, पर इसका
पालन ठीक से नहीं हो रहा है.
13 मई को जिला स्कूल स्थित मूल्यांकन केंद्र पर परीक्षक तय समय से दो
घंटे विलंब तक आते रहे. मारवाड़ी प्लस टू हाइस्कूल में 12.30 बजे तक
परीक्षकों के पहुंचने का सिलसिला जारी रहा. 12.30 में मूल्यांकन केंद्र
पहुंचनेवाले परीक्षकों ने 3.30 मिनट में ही छह घंटे का मूल्यांकन कार्य
पूरा कर लिया.
जैक के निर्देश के अनुरूप एक परीक्षक को सामान्य परिस्थिति में 30 व
विशेष परिस्थिति में एक दिन में 40 कॉपियाें का मूल्यांकन करना है. परीक्षक
आैसतन 3.30 घंटा मूल्यांकन केंद्र पर रहते हैं. अगर आधा घंटा रिफ्रेशमेंट
में जाता है, तो वह तीन घंटे में 30 से 40 कॉपी की जांच करते हैं . 40 कॉपी
के मूल्यांकन पर वह प्रति कॉपी 4.5 मिनट व 30 कॉपी जांचने पर एक कॉपी पर
करीब छह मिनट का समय देते हैं.
संत जॉन्स इंटर कॉलेज में गणित के एक परीक्षक दोपहर एक बजे मूल्यांकन
केंद्र से निकल रहे थे. जब उनसे पूछा गया कि मूल्यांकन कार्य पूरा हो गया,
तो उन्होंने कहा कि 30 कॉपी जांचने में कितना समय लगता है? 10 बजे आये थे,
हो गया. इसी केंद्र पर रसायन शास्त्र के परीक्षक एक बजे पहुंचे थे, पूछने
पर बताया कि वे पहले भी आये थे, पर किसी काम से बाहर गये थे, जबकि नियम के
अनुरूप मूल्यांकन के दौरान परीक्षक को केंद्र से बाहर नहीं जाना होता है.
सीबीएसइ में एक दिन में 25 कॉपी का मूल्यांकन
सीबीएसइ बोर्ड में एक परीक्षक को एक दिन में 25 उत्तरपुस्तिका का
मूल्यांकन करना होता है. परीक्षक आठ घंटे तक मूल्यांकन केंद्र पर रहते हैं.
एक घंटा परीक्षकों के रिफ्रेशमेंट के लिए छोड़ दिया जाये, तो सात घंटे
में परीक्षक 25 कॉपी की जांच करते हैं. एक कॉपी के लिए 15 मिनट से अधिक का
समय मिलता है. कॉपी की जांच के साथ-साथ अंकों की पोस्टिंग का कार्य भी करते
हैं.
क्या कहते केंद्र निदेशक
जिला स्कूल के प्राचार्य नरेंद्र कुमार ने कहा कि सभी परीक्षकों को 10
बजे तक आने के लिए कहा गया है. जो परीक्षक समय पर नहीं आते हैं, उन पर
कार्रवाई की जा रही है. मारवाड़ी स्कूल के प्राचार्य ब्रज किशोर प्रसाद ने
कहा कि परीक्षकों को 10 बजे से चार बजे तक मूल्यांकन कार्य करना है.
सभी परीक्षक को 10 बजे आना है. संत जॉन्स इंटर कॉलेज के प्राचार्य
फादर फ्लोरेंस कुजूर ने कहा कि रविवार को नौ से दो बजे तक मूल्यांकन का समय
निर्धारित किया गया था. इस कारण परीक्षक एक बजे जा रहे थे.
सुबह 10 से चार बजे तक करना है मूल्यांकन, दोपहर एक बजे तक केंद्र पर जारी रहता है परीक्षकों के आने का सिलसिला
क्या है िनयम
परीक्षकों का मूल्यांकन केंद्र पर आने का समय सुबह 10 बजे
शाम चार बजे तक करना है मूल्यांकन
छह घंटे में 30-40 कॉपियां जांचनी है
एक कॉपी जांचने के लिए 9 से 12 िमनट का समय
क्या हाे रहा है
दोपहर एक बजे तक केंद्र पर जारी रहता है परीक्षकों के आने का सिलसिला
3.30 बजे तक कॉपी जांच कर निकल जाते हैं
तीन घंटे में ही जांच रहे
30-40 कॉपी
एक कॉपी चार मिनट में ही जांच दे रहे हैं परीक्षक
परीक्षक अंकों के योग में गड़बड़ी कर देते हैं, जिससे जैक की बदनामी
होती है. परीक्षकों को छह घंटे मूल्यांकन कार्य करना है. मूल्यांकन के
दौरान परीक्षकों को केंद्र से बाहर नहीं जाना है. मामले में केंद्र निदेशक
से जानकारी ली जायेगी. -डॉ अरविंद प्रसाद, अध्यक्ष, जैक
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