जरीडीह एवं कसमार दो प्रखंडों के बीच पहाड़ी की तलहटी पर बसे गांवों के
बच्चों के प्लस टू उच्च विद्यालय हरनाद की शैक्षणिक व्यवस्था बदहाल है।
स्कूल में कक्षा 9 से लेकर इंटर तक कुल 521 छात्र-छात्राएं हैं। इनमें 278
छात्राएं और 243 छात्र हैं।
लेकिन पढ़ाने के लिए एक भी सरकारी शिक्षक नहीं है। यहां पदस्थ एकमात्र सरकारी शिक्षक रामेश्वर प्रसाद शर्मा प्रभारी प्रधानाध्यापक हैं। वे भी 31 दिसंबर 2017 को सेवानिवृत्त हो जाएंगे। जनवरी 2018 में यह स्कूल सरकारी शिक्षक विहीन हो जाएगा। यहां पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों ने अपने स्तर पर चार प्राइवेट शिक्षकों की व्यवस्था की है। इन्हें पैसे वे ही देते हैं।
वैकल्पिक व्यवस्था होगी : डीईओ
क्षेत्रनाथ प्लस टू उच्च विद्यालय में शिक्षकों की बहुत समस्या है, इसके लिए शिक्षकों की वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है। कुछ ही दिन में यह स्पष्ट हो जाएगा कि किस शिक्षक को उस स्कूल में पदस्थापित किया जाएगा। इसके बाद स्कूल में पढ़ाई व्यवस्था दुरुस्त हो जाएगी। छात्रों को नुकसान नहीं होने दिया जाएगा
महीपकुमार सिंह, जिला शिक्षा पदाधिकारी बोकारो
दो शिक्षक के भरोसे रहेगा स्कूल
जनवरीसे मध्य विद्यालय के 2 शिक्षक के भरोसे हाई स्कूल रहेगा। स्कूल के मैदान की बाउंड्री भी नहीं बनी है। 2016 में सांसद रवींद्र पांडेय को बाउंड्रीवॉल बनाने के लिए पत्र दिया गया, लेकिन पहल नहीं हुई। शिक्षकों के लिए 2016 में डीईओ को पत्र देकर अवगत कराया गया, लेकिन अभी तक पोस्टिंग की दिशा में पहल शुरू नहीं हुई।
रामेश्वरप्रसाद शर्मा, प्रधानाध्यापक, क्षेत्र नाथ प्लस टू उवि हरनाद
प्लस टू क्षेत्र नाथ उच्च विद्यालय हरनाद की दुर्दशा का आलम यह है कि इस स्कूल के प्रभारी प्रधानाध्यापक एक पीटी शिक्षक (शारीरिक शिक्षक) रामेश्वर प्रसाद शर्मा हैं, जो बीते 2 वर्षों से प्रधानाध्यापक के पद पर प्रभार में हैं। प्रभारी प्रधानाध्यापक भी 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त हो जाएंगे, इसके बाद यह स्कूल सरकारी शिक्षकविहीन हो जाएगा। रामेश्वर प्रसाद शर्मा जुलाई 2016 से प्रभारी प्रधानाध्यापक के पद पर हैं और किसी तरह कुर्सी एवं स्कूल की प्रशासनिक व्यवस्था को संभाल रहे हैं
प्राइवेट शिक्षकों के वेतन के लिए 20-20 रुपए चंदा देते हैं बच्चे
पिछलेपांच साल से स्कूल में प्रधानाध्यापक के अलावा कोई सरकारी शिक्षक नहीं है। अभिभावक अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए चार प्राइवेट शिक्षक रखे हैं। इनका वेतन चंदा वसूली कर देते हैं। निजी शिक्षकों को वेतन देने के लिए हर बच्चा प्रत्येक माह ₹20-20 रुपए चंदा देते हैं। इससे सरकारी तंत्र की लचर व्यवस्था की पोल खुल रही है। आंकड़ों की मानें तो क्षेत्र नाथ +2 उच्च विद्यालय, हरनाथ में लड़कों से अधिक लड़कियाें की संख्या है। इस स्कूल में कक्षा 9 एवं 10 में 397 विद्यार्थी में 206 छात्राएं और 191 छात्र हैं। वहीं इंटर में 124 विद्यार्थियों में 52 छात्र एवं 72 छात्राएं हैं। सरकारी निर्देशों के अनुसार स्कूल में एक प्रधानाध्यापक समेत 10 सहयोगी शिक्षक होने चाहिए। इसके अलावा एक क्लर्क और दो आदेशपाल के पद हैं, लेकिन सिर्फ एक लिपिक एवं एक महिला आदेशपाल ही है। प्रधानाध्यापक एवं शिक्षकों का पद भी लंबे समय से खाली पड़ा हुआ है।
लेकिन पढ़ाने के लिए एक भी सरकारी शिक्षक नहीं है। यहां पदस्थ एकमात्र सरकारी शिक्षक रामेश्वर प्रसाद शर्मा प्रभारी प्रधानाध्यापक हैं। वे भी 31 दिसंबर 2017 को सेवानिवृत्त हो जाएंगे। जनवरी 2018 में यह स्कूल सरकारी शिक्षक विहीन हो जाएगा। यहां पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों ने अपने स्तर पर चार प्राइवेट शिक्षकों की व्यवस्था की है। इन्हें पैसे वे ही देते हैं।
वैकल्पिक व्यवस्था होगी : डीईओ
क्षेत्रनाथ प्लस टू उच्च विद्यालय में शिक्षकों की बहुत समस्या है, इसके लिए शिक्षकों की वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है। कुछ ही दिन में यह स्पष्ट हो जाएगा कि किस शिक्षक को उस स्कूल में पदस्थापित किया जाएगा। इसके बाद स्कूल में पढ़ाई व्यवस्था दुरुस्त हो जाएगी। छात्रों को नुकसान नहीं होने दिया जाएगा
महीपकुमार सिंह, जिला शिक्षा पदाधिकारी बोकारो
दो शिक्षक के भरोसे रहेगा स्कूल
जनवरीसे मध्य विद्यालय के 2 शिक्षक के भरोसे हाई स्कूल रहेगा। स्कूल के मैदान की बाउंड्री भी नहीं बनी है। 2016 में सांसद रवींद्र पांडेय को बाउंड्रीवॉल बनाने के लिए पत्र दिया गया, लेकिन पहल नहीं हुई। शिक्षकों के लिए 2016 में डीईओ को पत्र देकर अवगत कराया गया, लेकिन अभी तक पोस्टिंग की दिशा में पहल शुरू नहीं हुई।
रामेश्वरप्रसाद शर्मा, प्रधानाध्यापक, क्षेत्र नाथ प्लस टू उवि हरनाद
प्लस टू क्षेत्र नाथ उच्च विद्यालय हरनाद की दुर्दशा का आलम यह है कि इस स्कूल के प्रभारी प्रधानाध्यापक एक पीटी शिक्षक (शारीरिक शिक्षक) रामेश्वर प्रसाद शर्मा हैं, जो बीते 2 वर्षों से प्रधानाध्यापक के पद पर प्रभार में हैं। प्रभारी प्रधानाध्यापक भी 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त हो जाएंगे, इसके बाद यह स्कूल सरकारी शिक्षकविहीन हो जाएगा। रामेश्वर प्रसाद शर्मा जुलाई 2016 से प्रभारी प्रधानाध्यापक के पद पर हैं और किसी तरह कुर्सी एवं स्कूल की प्रशासनिक व्यवस्था को संभाल रहे हैं
प्राइवेट शिक्षकों के वेतन के लिए 20-20 रुपए चंदा देते हैं बच्चे
पिछलेपांच साल से स्कूल में प्रधानाध्यापक के अलावा कोई सरकारी शिक्षक नहीं है। अभिभावक अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए चार प्राइवेट शिक्षक रखे हैं। इनका वेतन चंदा वसूली कर देते हैं। निजी शिक्षकों को वेतन देने के लिए हर बच्चा प्रत्येक माह ₹20-20 रुपए चंदा देते हैं। इससे सरकारी तंत्र की लचर व्यवस्था की पोल खुल रही है। आंकड़ों की मानें तो क्षेत्र नाथ +2 उच्च विद्यालय, हरनाथ में लड़कों से अधिक लड़कियाें की संख्या है। इस स्कूल में कक्षा 9 एवं 10 में 397 विद्यार्थी में 206 छात्राएं और 191 छात्र हैं। वहीं इंटर में 124 विद्यार्थियों में 52 छात्र एवं 72 छात्राएं हैं। सरकारी निर्देशों के अनुसार स्कूल में एक प्रधानाध्यापक समेत 10 सहयोगी शिक्षक होने चाहिए। इसके अलावा एक क्लर्क और दो आदेशपाल के पद हैं, लेकिन सिर्फ एक लिपिक एवं एक महिला आदेशपाल ही है। प्रधानाध्यापक एवं शिक्षकों का पद भी लंबे समय से खाली पड़ा हुआ है।
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