बेंच-डेक्स की कीमत चार हजार, कमीशन चाहिए 1000 रुपये.
गुमला जिले में 1375 स्कूलों में बेंच-डेक्स खरीदा जाना है
मात्र 518 स्कूलों ने ही बेंच-डेक्स की खरीदारी हुई है
दुर्जय पासवान
गुमला : गुमला में कमीशन के चक्कर में शिक्षक बेंच-डेक्स नहीं खरीद
रहे हैं. शिक्षकों की बोली है: 200 रुपये में क्या होगा, 1000 रुपया कमीशन
दीजिये, तभी बेंच-डेक्स खरीदेंगे. आपूर्तिकर्ता द्वारा शिक्षकों की मांग
पूरी नहीं करने के कारण कई स्कूलों ने बेंच-डेक्स की खरीदारी अभी तक नहीं
की गयी है.
बेंच-डेस्क के अभाव में विद्यार्थी फर्श पर बैठ कर पढ़ने को विवश हैं.
कई स्कूलों में एक बेंच में पांच-छह छात्र बैठते हैं, जबकि बेंच-डेक्स
खरीदने के लिए शिक्षा विभाग ने स्कूल प्रबंधन समिति के खाते में पैसा
हस्तांतरित कर दिया है.
शिक्षा विभाग से प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर गुमला जिले के 12 प्रखंड
के 1375 स्कूलों में बेंच-डेक्स खरीदा जाना है. इसके लिए शिक्षा विभाग ने
सभी स्कूल की प्रबंधन समिति के खाते में चार करोड़ 56 लाख 54 हजार रुपये
हस्तांतरित कर दिया है. लेकिन अभी तक 1375 में मात्र 518 स्कूल ने ही
बेंच-डेक्स खरीदा है. अभी भी 857 स्कूल बेंच-डेक्स खरीदने में आनाकानी कर
रहे हैं. मुख्य सचिव व शिक्षा सचिव का सख्त निर्देश है कि बेंच-डेक्स समय
पर खरीद कर लें. यहां तक कि गुमला में डीसी व डीएसइ ने भी बेंच-डेक्स
खरीदने का निर्देश जारी किया है, लेकिन कमीशन के फेर में चार महीने से पैसा
बैंक के खाते में जमा है और शिक्षक बेंच-डेक्स खरीदने से कतरा रहे हैं.
प्रथम किस्त की राशि दे दी गयी है : बेंच-डेक्स खरीदने के लिए विभाग
ने एसएमसी के खाते में चार करोड़ 56 लाख 54 हजार रुपया आवंटित कर दिया है.
जिसमें बसिया प्रखंड को 19 लाख 70 हजार, भरनो प्रखंड को 48 लाख 24 हजार,
बिशुनपुर को 21 लाख 80 हजार, चैनपुर को 15 लाख 78 हजार, डुमरी को 21 लाख 12
हजार, घाघरा को 54 लाख 84 हजार, गुमला को एक करोड़ 10 लाख 56 हजार,
कामडारा को 25 लाख दो हजार, पालकोट को 39 लाख 90 हजार, रायडीह को 19 लाख 34
हजार व सिसई प्रखंड को 80 लाख 24 हजार रुपये आवंटित किया गया है. शिक्षा
विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, बेंच-डेक्स खरीदने के लिए यह प्रथम किस्त की
राशि है. अभी दूसरी किस्त में और राशि प्राप्त होनी बाकी है.
प्रतिपीस 4000 में खरीदना है : प्रति पीस बेंच-डेक्स चार हजार रुपये
में खरीदना है. सभी स्कूलों में बेंच-डेक्स खरीदने की संख्या अलग-अलग है.
बेंच-डेक्स खरीदने के लिए विद्यालय प्रबंधन समिति की देखरेख में क्रय समिति
का गठन करना है, लेकिन कई स्कूलों में अभी तक ऐसा नहीं किया है. इधर,कई
स्कूलों ने बेंच डेक्स खरीदा है. लेकिन जिस मानक के अनुसार खरीद करना है,
वह मानक नहीं है. दो माह पहले अधिकारियों ने बेंच-डेक्स खरीद की जांच की
थी, जिसमें गड़बड़ी पायी गयी है
डीएसइ गनौरी मिस्त्री की सुनिये :जिला शिक्षा अधीक्षक गनौरी मिस्त्री
ने कहा कि सभी स्कूलों को पत्र लिखा गया है. उन्हें निर्देश दिया गया है कि
बेंच डेक्स खरीदे. स्थानीय स्तर पर दुकानदार व कारीगर से बना बेंच-डेक्स
खरीदना है. शिक्षा सचिव का भी निर्देश प्राप्त हुआ है कि बेंच-डेक्स खरीद
कर उसका उपयोगिता प्रमाण पत्र दें, लेकिन स्कूलों ने अभी तक बेंच-डेक्स
नहीं खरीदा है. शिक्षक कमीशन नहीं मिलने के कारण बेंच-डेक्स नहीं खरीद रहे
हैं. इसकी शिकायत मेरे पास प्राप्त नहीं हुआ है. अगर ऐसी बात है, तो मैं
कार्रवाई करूंगा.
शिक्षक संघ के अध्यक्ष की सुनिये
अखिल भारतीय झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ गुमला के अध्यक्ष सुरजन कुमार
ने प्रभात खबर को बताया कि किसी भी स्कूल के प्रधानाध्यापक या
प्रधानाध्यापिका ने कमीशन की मांग आपूर्तिकर्ता से नहीं की है. बहुत से
स्कूलों को बेंच-डेक्स खरीद के लिए अभी तक फंड प्राप्त नहीं हुआ है. जिन
स्कूलों को फंड प्राप्त हुआ है, वे कार्रवाई के डर से बेंच-डेक्स नहीं खरीद
रहे हैं.
एचएम इस बात को लेकर डरे हुए हैं कि अगर घटिया बेंच-डेक्स की खरीद हो
गयी, तो कार्रवाई उसके ऊपर होगी. मुख्य सचिव का आदेश है, स्थानीय स्तर के
दुकानदार से बेंच डेक्स खरीदे. अब स्थानीय स्तर के दुकानदार के पास कागजात
नहीं है. जबकि बेंच-डेक्स खरीद के बाद पक्का रसीद भी प्रस्तुत करना है. ऐसे
में मामला लटकता चला गया और अभी तक कई स्कूलों में बेंच-डेक्स की खरीद
नहीं हुई है.
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