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संस्थान नहीं रख सकेंगे मूल प्रमाण पत्र

ऑलइंडिया काउंसिल ऑफ टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) ने अपने कई नियमों में बदलाव किया है। नए नियमों में सबसे ज्यादा ध्यान छात्र हितों का रखा गया है। इसका लाभ छात्रों को इसी सत्र (2017-18) से मिलना शुरू हो जाएगा। इसके तहत अब कोई भी संस्थान किसी भी छात्र के मूल दस्तावेज जैसे मार्कशीट, प्रमाण पत्र अपने पास नहीं रख सकेगा।
साथ ही अगर कोर्स शुरू होने से पहले ही छात्र किसी संस्थान में एडमिशन लेने से इनकार कर देता है तो केवल एक हजार रुपए काटकर छात्र की पूरी फीस लौटानी होगी। इसे ऐसे समझें कि अगर कोई छात्र किसी कोर्स में एडमिशन ले लेता है और प्रवेश तिथि खत्म होने से पहले छोड़ देता है तब। साथ ही उसके छोड़ने के बाद वह सीट भर जाती है तो उसकी फीस केवल एक हजार रुपए काटी जाएगी बाकी फीस लौटानी होगी।

वहीं अगर कोई छात्र किसी कोर्स में एडमिशन लेता है और एडमिशन की अंतिम तिथि से पहले छोड़ देता है। साथ ही छोड़ने के बाद यह सीट भर नहीं पाती है तो ऐसे में उस छात्र से केवल उतनी फीस एक्सट्रा ली जाएगी जितने कि उसने पढ़ाई की है। यही शर्त हॉस्टल आदि के खर्च पर भी लागू होगा।

शिफ्टिंग का दायरा बढ़ा

अगरकोई संस्थान किसी अन्य स्थान पर शिफ्ट करना है तो वह अब 20 किमी की रेडियस तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि संबद्ध विवि के क्षेत्र में भी शिफ्ट किया जा सकता है। अगर राज्य सरकार संबद्ध विवि का कार्य क्षेत्र बदलता है तो कोई भी अतिरिक्त फीस नहीं लगेगी।

तय पे स्केल पर भुगतान

एआईसीटीईके नए नियमों में शिक्षकों को भी राहत दी गई है। इसके तहत शिक्षकों को तय पे स्केल के हिसाब से भुगतान करना होगा। साथ ही योग्य शिक्षकों को रखने की अनिवार्यता होगी। शिक्षक-छात्र अनुपात बनाए रखना होगा। ऐसा करने पर काउंसिल कार्रवाई कर सकता है।

कॉलेज की फीस हुई तय

डिप्लोमा,पोस्ट डिप्लोमा, डिग्री, पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री और पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा शुरू करने वाले नए तकनीकी संस्थानों में अल्पसंख्यक संस्थानों और केवल महिला के लिए संस्थानों को प्रोसेसिंग फीस के रूप में पांच लाख और अन्य संस्थानों के लिए सात लाख तय की गई है। इसी तरह संस्थान का नेचर बदलने, बंद करने या स्थान बदलने के दर को भी बदला गया है।

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