चौपारण : आज केंद्र व राज्य सरकार सुदूर ग्रामीण क्षेत्र तक शिक्षा की
अलख जगाने का प्रयास कर रही है। बच्चों को स्कूल तक पहुंचाने के लिए
मध्याह्न भोजन समेत अभिभावकों को जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है।
बावजूद इसके शिक्षा विभाग की लापरवाही के चलते शिक्षा की गुणवत्ता में कोई सुधार नहीं हो पा रहा है। अभी भी तमाम विद्यालय ऐसे हैं जो संसाधनों समेत शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं। स्थिति यह है कि जिस विद्यालय में 13-14 शिक्षक होने चाहिए वहां मात्र तीन-चार शिक्षक ही बच्चों को पढ़ा रहे हैं। ऐसे में शिक्षा का स्तर क्या होगा इसका अनुमान सहज ही लगाया जा सकता है। कुछ ऐसा ही हाल है हजारीबाग जिलांतर्गत चौपारण प्रखंड में स्थित इगुनियां उत्क्रमित उच्च विद्यालय का।
अधिकारियों की लापरवाही से इस विद्यालय की शिक्षण व्यवस्था हाशिए पर आ गई है। विद्यालय में पढ़ने वाले सात सौ विद्यार्थी महज दो सरकारी व एक पारा शिक्षक पर निर्भर हैं। यह स्थिति पिछले दो साल से है। विद्यालय के प्राचार्य उपेंद्र पाठक का पदोन्नति के बाद बसरिया मध्य विद्यालय स्थानांतरण कर दिया गया था। दो वर्ष बाद भी उनके स्थान पर अन्य किसी शिक्षक की पदस्थापना नहीं की गई। फलस्वरूप प्राचार्य का पद तो रिक्त हो ही गया, साथ ही शिक्षक की भी कमी हो गई। वहीं इस बार च्वाइस के आधार पर पो¨स्टग के लिए इगुनियां में कोई शिक्षक नहीं पहुंचा। गौरतलब है कि इस विद्यालय की स्थापना वर्ष 1948 में हुई थी। बाद में इसे मध्य विद्यालय में उत्क्रमित किया गया। वर्तमान में विद्यालय में कक्षा एक से कक्षा आठ तक के लिए नौ शिक्षकों की यूनिट है और हाईस्कूल के लिए 13 शिक्षकों की यूनिट है। ऐसे में समझा जा सकता है कि महज तीन शिक्षक सात सौ छात्रों को कैसे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दे सकते हैं।
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कोट
इस संबंध में जानकारी नहीं है। विद्यालय के लिए किसी शिक्षक ने च्वाइस नहीं किया। इस बारे में शीघ्र ही कार्यवाही की जाएगी।
-इंदुभूषण ¨सह, डीएसई, हजारीबाग
बावजूद इसके शिक्षा विभाग की लापरवाही के चलते शिक्षा की गुणवत्ता में कोई सुधार नहीं हो पा रहा है। अभी भी तमाम विद्यालय ऐसे हैं जो संसाधनों समेत शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं। स्थिति यह है कि जिस विद्यालय में 13-14 शिक्षक होने चाहिए वहां मात्र तीन-चार शिक्षक ही बच्चों को पढ़ा रहे हैं। ऐसे में शिक्षा का स्तर क्या होगा इसका अनुमान सहज ही लगाया जा सकता है। कुछ ऐसा ही हाल है हजारीबाग जिलांतर्गत चौपारण प्रखंड में स्थित इगुनियां उत्क्रमित उच्च विद्यालय का।
अधिकारियों की लापरवाही से इस विद्यालय की शिक्षण व्यवस्था हाशिए पर आ गई है। विद्यालय में पढ़ने वाले सात सौ विद्यार्थी महज दो सरकारी व एक पारा शिक्षक पर निर्भर हैं। यह स्थिति पिछले दो साल से है। विद्यालय के प्राचार्य उपेंद्र पाठक का पदोन्नति के बाद बसरिया मध्य विद्यालय स्थानांतरण कर दिया गया था। दो वर्ष बाद भी उनके स्थान पर अन्य किसी शिक्षक की पदस्थापना नहीं की गई। फलस्वरूप प्राचार्य का पद तो रिक्त हो ही गया, साथ ही शिक्षक की भी कमी हो गई। वहीं इस बार च्वाइस के आधार पर पो¨स्टग के लिए इगुनियां में कोई शिक्षक नहीं पहुंचा। गौरतलब है कि इस विद्यालय की स्थापना वर्ष 1948 में हुई थी। बाद में इसे मध्य विद्यालय में उत्क्रमित किया गया। वर्तमान में विद्यालय में कक्षा एक से कक्षा आठ तक के लिए नौ शिक्षकों की यूनिट है और हाईस्कूल के लिए 13 शिक्षकों की यूनिट है। ऐसे में समझा जा सकता है कि महज तीन शिक्षक सात सौ छात्रों को कैसे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दे सकते हैं।
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कोट
इस संबंध में जानकारी नहीं है। विद्यालय के लिए किसी शिक्षक ने च्वाइस नहीं किया। इस बारे में शीघ्र ही कार्यवाही की जाएगी।
-इंदुभूषण ¨सह, डीएसई, हजारीबाग
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