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Wednesday 25 January 2017

रघुवर सरकार गरीबों और SC-ST पर कुछ इस तरह हुई मेहरबान...जान होंगे हैरान

रांची। झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने सोमवार को राज्य विधानसभा में वित्त वर्ष 2017-18 के लिए 75,673.41 करोड़ रुपये का बजट पेश किया। इसमें किसी नए कर का प्रस्ताव नहीं है। मुख्यमंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि शिक्षा और ग्रामीण विकास को इसमें प्राथमिकता दी गई है।
इन क्षेत्रों में कुल बजट आवंटन का क्रमश: 13.90 प्रतिशत और 13.84 प्रतिशत आवंटन किया गया है।

आदिवासी भूमि से जुड़े सीएनटी एवं एसपीटी अधिनियम के प्रावधानों में संशोधन के खिलाफ जारी मुख्य विपक्षी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा के विरोध और सदन से वॉकआउट के बीच मुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री रघुवर दास ने विधानसभा में बजट पेश किया।

बजट में राजस्व व्यय के लिए 57,861.32 करोड़ रुपये एवं पूंजीगत व्यय के लिए 17,812.10 करोड़ रुपये का प्रस्ताव है।

अबतक का सबसे बड़ा बजट
मुख्यमंत्री ने सदन को बताया कि इस साल का बजट पिछले साल के बजट अनुमान से 19.17 प्रतिशत अधिक है जबकि पुनर्निधारित अनुमान के अनुसार इस वर्ष की बजट राशि पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 13.63 प्रतिशत अधिक है।

आगामी वित्त वर्ष के बजट में सरकार ने 6,947.83 करोड़ रुपये के राजकोषीय घाटे का अनुमान लगाया है जो कुल बजटीय राशि का 2.29 प्रतिशत है।

गरीब कल्याण वर्ष के रूप में मनाने का फैसला
राज्य सरकार ने आगामी वित्त वर्ष को गरीब कल्याण वर्ष के रूप में मनाने का फैसला किया है। सरकार ने इस बात को ध्यान में रखते हुए इस वर्ष शिक्षा एवं कौशल विकास ग्रामीण विकास तथा पंचायती राज के साथ कल्याण एवं सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्रों में अधिकतर बजटीय राशि व्यय करने का प्रावधान किया है।

राज्य सरकार ने अगले वित्त वर्ष में राजस्व व्यय में कुल 18.66 प्रतिशत वृद्धि करते हुए इसकी राशि 57,861.32 करोड़ रुपये रखी है, जबकि पूंजी व्यय में पिछले वित्तवर्ष की कुल राशि 14,740.77 करोड़ रुपये की तुलना में इस वर्ष 17,812.10 करोड़ रुपये रखी है, पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 20.84 प्रतिशत अधिक है।

शिक्षा पर बढ़ाया गया बजट
झारखंड के बजट में शिक्षा विभाग के लिए कुल 10,517 करोड़ 64 लाख रुपए का प्रावधान किया है जबकि पिछले वित्तीय वर्ष में शिक्षा क्षेत्र के लिए 9,429 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई थी। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के लिए आगामी वित्तीय वर्ष के लिए 10,473 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है।

पथ एवं भवन विभाग को मिलेगी ये राशि
पथ एवं भवन विभाग में आगामी वित्त वर्ष के लिए 6101 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। कृषि एवं जल संसाधन विभाग के लिए 5590 करोड़ रुपए कल्याण सामाजिक सुरक्षा एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के लिए 5370 करोड़ रुपए, पुलिस एवं आपदा प्रबंधन के लिए 4713 करोड़ 86 लाख रुपए, नगर विकास पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के लिए 4551 करोड़ 82 लाख रुपए और स्वास्थ्य विभाग के लिए 3105 करोड़ 97 लाख रुपए आवंटित किये गये हैं।

पशुपालन और जल संसाधन पर खर्च होंगे इतने रकम
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने बताया कि आगामी वित्तीय वर्ष में कृषि एवं पशुपालन तथा जल संसाधन और ग्रामीण क्षेत्रों से जुड़े अन्य विभागों से जुड़ी मांगों के तहत आगामी वित्तीय वर्ष में कुल मिलाकर 5,375 करोड़ 22 लाख रुपये का अनुमानित व्यय किया जाएगा जो वर्तमान वित्तीय वर्ष के 4,845 करोड़ 72 लाख रुपये के बजट प्रावधान की तुलना में 12 प्रतिशत अधिक है।

महिलाओं को बनाया जाएगा सख्त
महिलाओं के विकास विशेषकर सभी मंडलों को सशक्त ओर जीवंत संस्था के रुप में विकसित करने का निर्णय लिया गया है सखी मंडलों के माध्यम से राज्य में उपयोग किए जाने वाले अंडा, सब्जी, दूध, चादर, तोलिया, स्कूल गणवेश हस्तशिल्प तसर एवं लाह पर आधारित उत्पादों का स्थानीय बाजार में विपणन सुनिश्चित किया जाएगा पिछले वर्ष से बजट में महिलाओं के लिए अलग से जेंडर बजट का जो प्रावधान किया गया था उसके तहत वर्तमान वित्तीय वर्ष में 5,908 करोड़ 99 लाख रुपए का प्रावधान है जब की आगामी वित्तीय वर्ष के लिए कुल 7684 करोड़ 51 लाख रुपए का इस मद में प्रावधान किया गया है।

शहीदों के गांव को किया जायेगा डेवलप
झारखंड राज्य के वीर सपूतों बिरसा मुंडा सिद्धू कानू एवं अन्य शहीदों के ग्रामों में बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने एवं उनके जन्म भूमि को विकसित करने के लिए 30 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। राज्य में पहली बार ताना भगत विकास प्राधिकार गठित किया जाएगा इसके लिए 10 करोड़ रुपए का बजटीय प्रावधान किया गया है। राज्य में 24 घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए 2017-18 में बजट प्रावधान बढ़ाया गया है।

जीएसटी के क्रियान्वयन के लिए की जाएगी ये व्यवस्था
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने बजट पेश करते राज्य के आंतरिक स्रोतों से नए खर्च को पूरा करने की बात कही। दास ने जीएसटी के क्रियान्वयन के लिए सभी आवश्यक कार्यवाही किए जाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि राज्य के वाणिज्य कर विभाग के सभी स्तर के पदाधिकारियों को जीएसटी का प्रशिक्षण दिया जा चुका है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि झरखंड एफआरबीएम कानून अर्थात राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम मैं निर्धारित सीमा के अंदर ही आगामी वित्तीय वर्ष के सकल वित्तीय घाटे को रखा गया है उन्होंने कहा कि राज्य का कुल राजकोषीय घाटा आगामी वित्त वर्ष में 2.29 प्रतिशत रहने का अनुमान है मुख्यमंत्री ने कहा कि 2015-16 में राज्य का सकल घरेलू उत्पाद पिछले वर्ष की तुलना में 13.19 प्रतिशत अधिक है। वित्तवर्ष 2017-18 में प्रचलित मूल्य के आधार पर राज्य की सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) वृद्धि 13.19 प्रतिशत से अधिक रहने का अनुमान है। स्थिर मूल्य पर राज्य के जीएसडीपी में वित्तीय वर्ष 2017-18 में 8.96 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान है। 

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