मेदिनीनगर : सीमित संसाधन के कारण नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय प्रबंधन
अब भी विभिन्न योजनाओं को धरातल पर नहीं उतार पा रहा है। भवन के अभाव में
गरीब मेधावी बच्चों के लिए संचालित को¨चग सुविधा का लाभ विद्यार्थियों को
नहीं मिल पा रहा है।
हालांकि एनपीयू प्रबंधन सक्रियता के साथ इसे चालू कराने की दिशा में प्रयासरत है। दरअसल, झारखंड सरकार के उच्च, तकनीकी व कौशल विकास योजना के सचिव अजय कुमार ¨सह वीडियो कांफ्रें¨सग के माध्यम से बुधवार को एनपीयू की ¨बदुवार समीक्षा कर रहे थे। एनपीयू के कुलपति डॉ. एएन ओझा व कुलसचिव डॉ. अमर ¨सह ने सचिव को सभी योजनाओं की अद्यतन स्थिति से वाकिफ कराया। को¨चग से संबंधित मामले पर बताया गया कि 2016 में चार माह तक इसका संचालन हुआ। बावजूद भवन के अभाव में फिलहाल यह बंद है। डॉ. एमके सहाय से इस मसले पर बातचीत कर अविलंब शुरू कराने का प्रयास तेज है। सचिव ने सेकेंड शिफ्ट क्लासेस की स्थिति जानने का प्रयास किया। बताया गया कि सभी अंगीभूत कालेजों के प्राचार्यों के अलावा स्नातकोत्तर विभाग के अध्यक्षों को निर्देश दिया गया है कि वे जरूरत के अनुसार शिक्षकों की मांग करें। नेट क्वालिफाइ या पीएचडी उत्तीर्ण लोगों से शिक्षक की सेवा ली जा सकती है। आधारभूत संरचना से संबंधित मसले पर बताया गया कि सारे कालेजों में कार्य जारी है। एनपीयू के अधीन संचालित कालेजों के अलावा स्नातकोत्तर विभाग के शिक्षकों व शिक्षकेतर कर्मचारियों की अद्यतन स्थिति की जानकारी मांगी गई। इससे पहले यूजीसी के मापदंडों के अनुरूप प्रत्येक 40 बच्चों पर एक शिक्षकों के आधार पर 1236 शिक्षकों की मांग की गई थी। लेकिन अब इसमें बदलावा लाया गया। कहा गया कि प्रत्येक 20 बच्चों पर एक शिक्षक की जरूरत है। अन्य योजनाओं को भी अविलंब धरातल पर उतारने का निर्देश दिया गया है।
हालांकि एनपीयू प्रबंधन सक्रियता के साथ इसे चालू कराने की दिशा में प्रयासरत है। दरअसल, झारखंड सरकार के उच्च, तकनीकी व कौशल विकास योजना के सचिव अजय कुमार ¨सह वीडियो कांफ्रें¨सग के माध्यम से बुधवार को एनपीयू की ¨बदुवार समीक्षा कर रहे थे। एनपीयू के कुलपति डॉ. एएन ओझा व कुलसचिव डॉ. अमर ¨सह ने सचिव को सभी योजनाओं की अद्यतन स्थिति से वाकिफ कराया। को¨चग से संबंधित मामले पर बताया गया कि 2016 में चार माह तक इसका संचालन हुआ। बावजूद भवन के अभाव में फिलहाल यह बंद है। डॉ. एमके सहाय से इस मसले पर बातचीत कर अविलंब शुरू कराने का प्रयास तेज है। सचिव ने सेकेंड शिफ्ट क्लासेस की स्थिति जानने का प्रयास किया। बताया गया कि सभी अंगीभूत कालेजों के प्राचार्यों के अलावा स्नातकोत्तर विभाग के अध्यक्षों को निर्देश दिया गया है कि वे जरूरत के अनुसार शिक्षकों की मांग करें। नेट क्वालिफाइ या पीएचडी उत्तीर्ण लोगों से शिक्षक की सेवा ली जा सकती है। आधारभूत संरचना से संबंधित मसले पर बताया गया कि सारे कालेजों में कार्य जारी है। एनपीयू के अधीन संचालित कालेजों के अलावा स्नातकोत्तर विभाग के शिक्षकों व शिक्षकेतर कर्मचारियों की अद्यतन स्थिति की जानकारी मांगी गई। इससे पहले यूजीसी के मापदंडों के अनुरूप प्रत्येक 40 बच्चों पर एक शिक्षकों के आधार पर 1236 शिक्षकों की मांग की गई थी। लेकिन अब इसमें बदलावा लाया गया। कहा गया कि प्रत्येक 20 बच्चों पर एक शिक्षक की जरूरत है। अन्य योजनाओं को भी अविलंब धरातल पर उतारने का निर्देश दिया गया है।
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