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शिक्षक नियुक्ति परीक्षा में निगेटिव मार्किंग के खिलाफ कैंडल मार्च

सिटीरिपोर्टर | गिरिडीह झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) हाईस्कूल शिक्षकों की नियुक्ति संबंधी नियमावली जारी किया है। बताया जाता है कि नियुक्ति नियमावली में विसंगतियां व्याप्त है। उपर्युक्त विसंगती युक्त नियमावली के विरुद्ध में गिरिडीह शहर स्थित झंडा मैदान में गुरुवार को सरकारी एवं प्राइवेट कॉलेजों से डोनेशन के माध्यम से बीएड डिग्री लेने वाले अभ्यर्थियों की बैठक हुई।

उन्होंने विरोध स्वरूप शाम में शांति पूर्वक कैंडल मार्च भी निकाला। बीएड उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की भागीदारी रही। साथ ही अन्य छात्रों ने भी मार्च में हिस्सा लिया। उन्होंने प्रेस-मीडिया के माध्यम से पांच बिंदुओं पर राज्य सरकार से हाईस्कूल शिक्षक नियुक्ति नियमावली में सुधार किए जाने की मांग की गई। कैंडल मार्च में कैलाश कुमार वर्मा, संजय वर्मा, डालचंद मंडल, राजेश वर्मा, नीरज कुमार पांडेय, संजय कुमार पांडेय, किरन कुमारी, मनोरमा कुमारी, रूचि कुमारी, सुनीता हेम्ब्रम, अर्पणा सिंह, नीतू कुमारी, संध्या कुमारी, प्रीति कुमारी, कंचन कुमारी, सुनीता कुमारी, जागृति कुमारी, सुजाता राणा, राजेंद्र प्रसाद यादव, अमर कुमार वर्मा, उमेश कुमार, ईश्वर, ऋषिकेश भारती, चंकी समेत कई ने भाग लिया।

कैंडल मार्च निकालते छात्र बीएड डिग्रीधारी।

छात्रों को गुमराह किया जा रहा है

झाविमोनगर अध्यक्ष नवीन सिन्हा ने कहा कि सरकार को नियुक्ति नहीं करना है। सिर्फ छात्रों को गुमराह किया जा रहा है। कहा कि राज्य के छात्र पिछले कई साल से नियुक्ति की राह देख रहे थे। पर अब जब नियुक्ति का समय आया है तो सरकार स्थानीय और मूलवासी छात्रों को परेशान कर रही है। इस तरह की नीति बनाने के सीधा मतलब है झारखंडी युवाओं को परीक्षा और नौकरी की दौड़ से बाहर निकालना। पार्टी इसके खिलाफ जल्दी अपनी नीति तय करेगी। औऱ् इसके लिए आंदलोन की रणनीति तय की जाएगी। इसके लिए अभी से छात्रों को गोलबंद करने का काम किया जा रहा है। सरकार को हमारी मांगों पर विचार करने के लिए बाध्य होना होगा। इसके लिए जिस स्तर पर भी आंदोलन की जरूरत होगी, किया जाएगा। छात्रों पर होने वाले जुल्म को लेकर चुपचाप नहीं बैठा जा सकता है। दूसरी पार्टियों से भी बात की जाएगी।

45 प्रतिशत अंक की बाध्यता पर आक्रोश

ग्रेजुएटमें सबसीडियरी विषय में 45 प्रतिशत अंक की बाध्यता खत्म करने के संबंध में, निगेटिव मार्किंग खत्म करने के संबंध में, नियुक्ति नियमावली में संशोधन करने के संबंध में, नियमावली में गणित-भौतिकी, जीव विज्ञान -रसायन शास्त्र, इतिहास-राजनीतिशास्त्र को एक साथ रखा गया है जबकि शेष विषय को अलग-अलग रखा गया है। संयुक्त विषयों की भी अलग-अलग परीक्षा ली जाए। स्थानीय नीति के तहत 13 जिलों की तरह अन्य 11 जिलों को भी आरक्षित किया जाए ताकि मूलवासियों की नियुक्ति हो सके।

राज्यमें क्या है बीएड में नामांकन का प्रावधान

राज्यमें किसी भी मान्यता प्राप्त बीएड कॉलेज में नामांकन प्रवेश परीक्षा से नहीं होता है। कहीं मैट्रिक से ग्रेजुएट तक शैक्षणिक अंक प्रतिशतता में अव्वल का नामांकन तो कहीं एकमुश्त मोटी रकम चुकता कर कोई भी ग्रेजुएट बीएड में दाखिला ले सकता है।

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