प्रारंभिकमाध्यमिक शिक्षा समिति के तत्वावधान में गुरुवार को समाहरणालय सभाकक्ष में उपायुक्त शांतनु कुमार अग्रहरि की अध्यक्षता में बैठक की गई। बैठक में जिले में 69 उत्क्रमित मध्य विद्यालयों के लिए 207 61 उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालयों के लिए 122 शिक्षकों सहित अन्य विद्यालयों में 1684 शिक्षकों की नियुक्ति करने पद सृजन करने का फैसला लिया गया।
बैठक में सैद्धांतिक तौर पर इंटर मैट्रिक के परीक्षा केंद्रों का निर्धारण नहीं हो सका। बैठक में परीक्षा केंद्रों की मौजूदा संख्या में 30 फीसदी बढ़ोतरी कर निर्धारण करने का निर्देश दिया गया। इस दौरान बताया गया कि इंटर की परीक्षा अनुमंडल स्तर पर मैट्रिक की परीक्षा प्रखंड स्तर पर होनी चाहिए। विधायक जोबा मांझी ने कहा कि इंटर की परीक्षा अनुमंडल मुख्यालय पर ही होनी चाहिए ताकि परीक्षार्थियों को परेशानी हो। वहीं मैट्रिक के परीक्षार्थियों की सुविधा के लिहाज से यह परीक्षा प्रखंड मुख्यालय में ही होनी चाहिए। सरकार का निर्देश भी यही है।
बैठक में बताया गया कि पिछले साल जिले में मैट्रिक के 38 इंटर के 4 केंद्र बनाए गए थे। इस पर उपायुक्त ने इस बार परीक्षा केंद्रों का निर्धारण 30 फीसदी बढ़ाकर करने का निर्देश दिया। वहीं समिति के सदस्यों की ओर से झींकपानी में भी मैट्रिक परीक्षा केंद्र बनाने का प्रस्ताव दिया गया।
माध्यमिक प्रारंभिक शिक्षा समिति की बैठक करते उपायुक्त
ये रहे मौजूद
बैठकमें मुख्य रूप से विधायक गीता कोड़ा, विधायक जोबा मांझी, विधायक दीपक बिरूवा, अपर उपायुक्त जय किशोर प्रसाद, जिला शिक्षा पदाधिकारी प्रदीप चौबे जिला शिक्षा अधीक्षक नीलम आइलिन टोप्पो आदि शामिल थे।
बच्चों की संख्या के अनुपात में होगा पद सृजन
उपायुक्तने माध्यमिक शिक्षा समिति के बाद प्रारंभिक शिक्षा समिति की भी बैठक की। साथ ही वैसे स्कूलों में जहां शिक्षक कम और बच्चे ज्यादा हैं, वहां शिक्षकों की व्यवस्था करने का निर्देश दिया। इसके लिए जिस स्कूल में बच्चों की संख्या के अनुपात में शिक्षकों की संख्या ज्यादा है, वहां के शिक्षकों का युक्तिकरण कर अन्य स्कूलों में भेजने का निर्देश दिया। इसके लिए ऐसे स्कूलों में नए पद सृजित करने को भी कहा। बैठक में ऐसे स्कूलों की संख्या 329 बताई गई।
केवलआनंदपुर में 11 शिक्षक ज्यादा
बैठकमें वैसे विद्यालयों की सूची बनाने का भी निर्देश दिया गया, जहां छात्रों के अनुपात में शिक्षकों की संख्या ज्यादा है। लिहाजा जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय द्वारा ऐसे शिक्षकों की सूची तैयार करने का काम भी शुरू कर दिया गया है। समीक्षा के क्रम में पाया गया कि केवल आनंदपुर प्रखंड के स्कूलों में ही बच्चों के अनुपात में 11 शिक्षक ज्यादा हैं। शेष अन्य प्रखंडों में शिक्षकों की घोर कमी है।
बैठक में सैद्धांतिक तौर पर इंटर मैट्रिक के परीक्षा केंद्रों का निर्धारण नहीं हो सका। बैठक में परीक्षा केंद्रों की मौजूदा संख्या में 30 फीसदी बढ़ोतरी कर निर्धारण करने का निर्देश दिया गया। इस दौरान बताया गया कि इंटर की परीक्षा अनुमंडल स्तर पर मैट्रिक की परीक्षा प्रखंड स्तर पर होनी चाहिए। विधायक जोबा मांझी ने कहा कि इंटर की परीक्षा अनुमंडल मुख्यालय पर ही होनी चाहिए ताकि परीक्षार्थियों को परेशानी हो। वहीं मैट्रिक के परीक्षार्थियों की सुविधा के लिहाज से यह परीक्षा प्रखंड मुख्यालय में ही होनी चाहिए। सरकार का निर्देश भी यही है।
बैठक में बताया गया कि पिछले साल जिले में मैट्रिक के 38 इंटर के 4 केंद्र बनाए गए थे। इस पर उपायुक्त ने इस बार परीक्षा केंद्रों का निर्धारण 30 फीसदी बढ़ाकर करने का निर्देश दिया। वहीं समिति के सदस्यों की ओर से झींकपानी में भी मैट्रिक परीक्षा केंद्र बनाने का प्रस्ताव दिया गया।
माध्यमिक प्रारंभिक शिक्षा समिति की बैठक करते उपायुक्त
ये रहे मौजूद
बैठकमें मुख्य रूप से विधायक गीता कोड़ा, विधायक जोबा मांझी, विधायक दीपक बिरूवा, अपर उपायुक्त जय किशोर प्रसाद, जिला शिक्षा पदाधिकारी प्रदीप चौबे जिला शिक्षा अधीक्षक नीलम आइलिन टोप्पो आदि शामिल थे।
बच्चों की संख्या के अनुपात में होगा पद सृजन
उपायुक्तने माध्यमिक शिक्षा समिति के बाद प्रारंभिक शिक्षा समिति की भी बैठक की। साथ ही वैसे स्कूलों में जहां शिक्षक कम और बच्चे ज्यादा हैं, वहां शिक्षकों की व्यवस्था करने का निर्देश दिया। इसके लिए जिस स्कूल में बच्चों की संख्या के अनुपात में शिक्षकों की संख्या ज्यादा है, वहां के शिक्षकों का युक्तिकरण कर अन्य स्कूलों में भेजने का निर्देश दिया। इसके लिए ऐसे स्कूलों में नए पद सृजित करने को भी कहा। बैठक में ऐसे स्कूलों की संख्या 329 बताई गई।
केवलआनंदपुर में 11 शिक्षक ज्यादा
बैठकमें वैसे विद्यालयों की सूची बनाने का भी निर्देश दिया गया, जहां छात्रों के अनुपात में शिक्षकों की संख्या ज्यादा है। लिहाजा जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय द्वारा ऐसे शिक्षकों की सूची तैयार करने का काम भी शुरू कर दिया गया है। समीक्षा के क्रम में पाया गया कि केवल आनंदपुर प्रखंड के स्कूलों में ही बच्चों के अनुपात में 11 शिक्षक ज्यादा हैं। शेष अन्य प्रखंडों में शिक्षकों की घोर कमी है।
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