देवघर : महीनों से वेतन के अभाव में शिक्षण कार्य कर रहे नवनियुक्त
शिक्षकों के लिए राहत भरी खबर है। उनके वेतन के लिए विभाग ने प्रयास शुरू
कर दिया है, उम्मीद है कि जल्द ही उन्हें वेतन मिल जाएगा। लेकिन जिन 43
शिक्षकों से स्पष्टीकरण किया गया है उनके मामले में विभाग अभी किसी नतीजे
पर नहीं पहुंचा है।
इसलिए नवनियुक्त 599 में 539 को ही वेतन भुगतान का मार्ग प्रशस्त हो पाया है। क्योंकि 43 पर कोई निर्णय नहीं लिया जा सका है जबकि 17 का टेट प्रमाण पत्र फर्जी मिलने के बाद हटा दिया गया है।
जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार नवनियुक्त व पहले से कार्यरत शिक्षकों के वेतन के लिए तकरीबन 70 करोड़ का प्रस्ताव भेजा गया है। इस प्रस्ताव में पुराने शिक्षकों का अक्टूबर माह के बाद का वेतन है जबकि नवनियुक्त शिक्षकों के लिए मार्च 2016 से फरवरी 2017 तक का प्रस्ताव भेजा गया है, हालांकि नवनियुक्त सितंबर व अक्टूबर माह के वेतन का भुगतान कर दिया गया है।
43 शिक्षक असमंजस में
539 शिक्षकों को शपथपत्र के आधार पर दो माह का वेतन भुगतान कर दिया गया है जबकि 43 शिक्षक वेतन को लेकर अभी भी असमंजस की स्थिति में है। बताते चले कि नवनियुक्त शिक्षकों के शैक्षणिक व प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्रों की जांच विभागीय स्तर पर कराई गई। इसमें 43 मामले संदेहास्पद पाए गए। इसके बाद इन 43 नवनियुक्त शिक्षकों को पक्ष रखने के लिए स्पष्टीकरण किया गया। सभी शिक्षकों ने निर्धारित तिथि 22 अक्टूबर तक अपना जवाब दे दिया है लेकिन अभी तक कोई निर्णय विभाग द्वारा नहीं लिया जा सका है। ऐसे में वेतन को लेकर भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
इसलिए नवनियुक्त 599 में 539 को ही वेतन भुगतान का मार्ग प्रशस्त हो पाया है। क्योंकि 43 पर कोई निर्णय नहीं लिया जा सका है जबकि 17 का टेट प्रमाण पत्र फर्जी मिलने के बाद हटा दिया गया है।
जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार नवनियुक्त व पहले से कार्यरत शिक्षकों के वेतन के लिए तकरीबन 70 करोड़ का प्रस्ताव भेजा गया है। इस प्रस्ताव में पुराने शिक्षकों का अक्टूबर माह के बाद का वेतन है जबकि नवनियुक्त शिक्षकों के लिए मार्च 2016 से फरवरी 2017 तक का प्रस्ताव भेजा गया है, हालांकि नवनियुक्त सितंबर व अक्टूबर माह के वेतन का भुगतान कर दिया गया है।
43 शिक्षक असमंजस में
539 शिक्षकों को शपथपत्र के आधार पर दो माह का वेतन भुगतान कर दिया गया है जबकि 43 शिक्षक वेतन को लेकर अभी भी असमंजस की स्थिति में है। बताते चले कि नवनियुक्त शिक्षकों के शैक्षणिक व प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्रों की जांच विभागीय स्तर पर कराई गई। इसमें 43 मामले संदेहास्पद पाए गए। इसके बाद इन 43 नवनियुक्त शिक्षकों को पक्ष रखने के लिए स्पष्टीकरण किया गया। सभी शिक्षकों ने निर्धारित तिथि 22 अक्टूबर तक अपना जवाब दे दिया है लेकिन अभी तक कोई निर्णय विभाग द्वारा नहीं लिया जा सका है। ऐसे में वेतन को लेकर भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
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