रांची (नीलमणि)। यह मर्डर मिस्ट्री Murder Mystery है झारखंड की राजधानी रांची के एक ऐसे शिक्षक की जिसके कमरे से दर्जनों कंडोम के पैकेट पाए गए थे। सड़क पर गोली मार कर दिनदहाड़े हत्या कर दी गई थी। शव की शिनाख्त तो हो गई लेकिन पुलिस चार साल बाद भी हत्यारों तक नहीं पहुंच पाई है। गोली क्यों मारी गई, हत्यारे कौन थे ? आज तक यह रहस्य कायम है। पुलिस इस रहस्य से अबतक पर्दा नहीं उठा सकी है।
दो अपराधियों ने मारी थी गोली
इस मर्डर मिस्ट्री Murder Mystery का मुख्य केंद्र स्थल है झारखंड की राजधानी रांची का लालपुर चौक। इस चौक से महज कुछ दूरी पर बीच सड़क पर दिनदहाड़े दो अपरराधी हथियार लहारते हुए पहुंचे। योजनाबद्ध तरीके से दोनों अपराधियों ने सबके सामने शिक्षक को गाली मार दी। सड़क पर ही शिक्षक की मौत हो गई।
गुरुनानक स्कूल में पढ़ाते थे शिव प्रसाद
पुलिस रिकार्ड के मुताबिक इस शिक्षक का नाम था- शिव प्रसाद। हत्या के बाद जब पुलिस ने छानबीन शुरू की तो पता चला कि शिप प्रसाद राजधानी रांची के ही गुरु नानक स्कूल में पढ़ाते थे। यानी पेशे से शिक्षक थे। हत्यारे घटनास्थल से भाग चुके थे। पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती थी हत्यारों तक पहुंचना। तभी पता चल पाता कि हत्या क्यों की गई।
पुलिस की प्रारंभिक जांच शुरू हुई। पुलिस को सबसे पहले इस बात का अंदेशा हुआ कि मामला कहीं प्रेम-प्रसंग का तो नहीं...। पुलिस ने इस एंगल से जांच शुरू कर दी। इस क्रम में पुलिस सबसे पहले शिक्षक के कमरे की तलाशी लेने पहुंची। कमरे में कोई साक्ष्य नहीं मिला, लेकिन काफी संख्या में कंडोम के पैकेट मिले। इससे पुलिस का शक और गहारने लगा। पुलिस अब इसी एंगल पर आगे बढ़ चली। इस उम्मीद में कि हत्या को कोई सुराग हाथ लग जाए।
पुलिस के लिए यह हत्या चुनौती
समय बीतने के साथ पुलिस के लिए यह हत्या चुनौती साबित होने लगी। पुलिस ने कंडोम बरामद करने के बाद उन 100 लड़कियों की सूची तैयार की, जिन्हें शिक्षक शिवनाथ प्रसाद पढ़ाने का काम करते थे। या कभी उन्हें पढ़ा चुके थे। पुलिस ने एक-एक कर 100 से ज्यादा लड़कियों से पूछताछ कर ली। फिर भी पुलिस खाली हाथ थी। कुछ सूझ नहीं रहा था।
लड़कियों के बॉयफ्रेंड से भी हुई पूछताछ
इतनी सारी लड़कियों से पूछताछ के बाद पुलिस ने अब लड़कियों के बॉयफ्रेंड को रडार पर लिया। जिन लड़कियों के बॉयफ्रेंड थे, उनकी पुलिस ने कुंडली खंगालनी शुरू कर दी। एक एक कर दर्जनों बॉयफ्रेंड की कुंडली खंगालने के बावजूद पुलिस किसी नजीते पर नहीं पहुंच सकी। पुलिस अब भी खाली हाथ थी।
कोचिंंग में भी पढ़ाते थे शिव प्रसाद
दरअसल, शिव प्रसाद स्कूल के अलावा एक कोचिंग में भी पढ़ाते थे। ऐसे में पुलिस ने कोचिंग में पढ़ने वाले तमाम लड़के-लड़कियों से पूछताछ की। पुलिस को उम्मीद थी कि कहीं कोई सुराग मिल जाए और वह अपराधियों तक पहुंच जाएगी। हताश होकर अंतत: पुलिस ने हत्यारों का पता बताने पर पहले 50 हजार रुपये इनाम की घोषणा कर दी। फिर भी पुलिस को कुछ भी हाथ नहीं लगा।
अब भी घोषित है एक लाख का इनाम
पुलिस की चुनौती हर दिन बढ़ती जा रही थी। बीच सड़क पर हत्या और हत्यारे पुलिस की गिरफ्त से बाहर...। पुलिस अपनी जगहंसाई से बचना चाहती थी। पुलिस ने इनाम की राशि बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दी। बावजूद किसी ने पुलिस को कोई जानकारी नहीं दी। नतीजा सिफर ही साबित हुआ।
तीन एसआइटी नहीं लगा पाई पता
07 जुलाई 2018 को शाम होने ही वाली थी, जब यह हत्या की गई थी। इस हत्या के बाद से अबतक तीन डीएसपी और दो थानेदार बदल चुके हैं। तीन एसआइटी जांच के लिए गठित हो चुकी है। वह भी कुछ कमाल नहीं कर सकी है। घर का कमाऊ पुत्र खो चुके मृतक के स्वजन न्याय के लिए थाने से लेकर रांची एसएसपी ऑफिस का चक्कर लगा रहे हैं।
आर्या होटल के समीप मारी थी गोली
घर वालों की मानें तो हत्यारे लालपुर चौक से कोकर जाने वाले मार्ग पर आर्या होटल के समीप स्कूटी से आए थे। शिक्षक शिव प्रसाद गुरुनानक स्कूल में रसायन शास्त्र के शिक्षक थे। सर्कुलर रोड में कोचिंग चलाया करते थे। गोली लगते ही उनकी मौत हो गई थी।
जांच में ससुराल वाले निकले बेदाग
शिक्षक शिव प्रसाद के स्वजन ने हत्या के पीछे ससुराल वालों को जिम्मेदार ठहराया था। ऐसा इसलिए कि घटना से कुछ दिन पहले शिव प्रसाद का ससुराल वालों से किसी बात को लेकर विवाद हुआ था। स्वजन को आशंका थी कि ससुराल वालों ने ही हत्या करा दी है। जब पुलिस ने छानबीन की तो ससुराल वाले बेदाग निकले। कोई भी ऐसा साक्ष्य नहीं मिला जिससे प्रतीत हो कि उनलोगों ने हत्या कराई है। ऐसे में सवाल उठता है कि हत्या के चार साल बाद भी पुलिस हत्यारे को क्यों नहीं ढूंढ़ पाई है।
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