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दो साल से लटकी है शिक्षक पात्रता परीक्षा, आठ साल में हुई सिर्फ दो टीइटी

रांची | रांची राज्य में अध्यापक पात्रता परीक्षा (टेट) को नियमावली में संशोधन का इंतजार है| जहां यह एग्जाम प्रत्येक साल होना चाहिए था, वही प्रदेश में नियमावली में संशोधन के प्रयास में 2 वर्ष से यह एग्जाम लटका हुआ है| निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा के अधिकार अधिनियम लागू होने के पश्चात प्रदेश में 8 साल से महज 2 परीक्षा हो सकी है |

अधिनियम लागू होने के पश्चात प्रदेश में काफी विवाद तथा लंबे इंतजार पर वर्ष 2012 और वर्ष 2013 में पहली अध्यापक पात्रता परीक्षा हुई थी| दूसरी अध्यापक पात्रता परीक्षा इसके 3 वर्ष पश्चात वर्ष 2016 में हुई| इसके बाद तीसरी अध्यापक पात्रता परीक्षा होने का इंतजार है| नियमित रूप से एग्जाम नहीं होने से शिक्षक प्रशिक्षित अभ्यर्थियों में निराशा है |
यह हो रहा संशोधन
अध्यापक पात्रता परीक्षा (टेट) के आधार पर सफल अभ्यर्थियों को मिलने वाले प्रमाण-पत्रों की मान्यता अब सात वर्ष तक रहेगी| इससे इस एग्जाम में सफल अभ्यर्थी सात वर्षों तक अध्यापक बनने की पात्रता रखेंगे| अभी तक प्रदेश में हुई दो पात्रता परीक्षा के प्रमाण-पत्रों की मान्यता पांच साल तक ही थी| शिक्षक पात्रता परीक्षा के पैटर्न में भी आंशिक बदलाव किया जा रहा है| यह परीक्षा अब पूरी तरह सीटेट की तर्ज पर होगी |
केंद्र ने मांगी जानकारी

केंद्र ने प्रदेश सरकार से जानकारी मांगी है कि यहां निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा के अधिकार अधिनियम लागू होने के पश्चात कितनी बार शिक्षक पात्रता परीक्षा हो चुकी है| बता दें कि दिल्ली में होने वाली अधिसंख्य बैठकों में भी नियमित रूप से यह परीक्षा नहीं होने का मामला उठता है| समग्र शिक्षा अभियान के बजट की स्वीकृति को लेकर प्रोग्राम एप्रूवल बोर्ड की बैठक में राज्य सरकार ने प्रत्येक वर्ष इस एग्जाम के आयोजन का भरोसा भी दिलाया है |

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