राज्य के 69 हजार पारा शिक्षकों को भविष्य निधि योजना में शामिल नहीं
किया जायेगा। इसके लिए झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद (जेईपीसी) ने आदेश
जारी कर दिया है। जेईपीसी के राज्य परियोजना निदेशक उमाशंकर सिंह ने स्पष्ट
किया है कि पारा शिक्षकों की बहाली ग्राम शिक्षा समिति की ओर से की जाती
है।
ऐसे में जेईपीसी और पारा शिक्षकों के बीच नियोक्ता और कर्मचारी का संबंध नहीं है। इसी वजह से पारा शिक्षकों के लिए कर्मचारी भविष्य निधि मान्य नहीं है। पारा शिक्षक संघ की ओर से हर जिला में भविष्य निधि को लेकर मामला दर्ज कराया गया है, जिसके बाद कर्मचारी भविष्य निधि कार्यालय में जेईपीसी से इस बारे में जानकारी मांगी थी।
ग्राम शिक्षा समिति करती है पारा शिक्षकों की बहाली : जेईपीसी ने स्पष्ट किया कि एक ग्राम शिक्षा समिति के अधीन 20 से कम पारा शिक्षक कार्यरत हैं। पारा शिक्षक अपनी उपस्थिति स्कूलों में दर्ज करते हैं और ग्राम शिक्षा समितियों की ओर से इसकी अनुशंसा के बाद उनके मानदेय का भुगतान होता है। साथ ही, समग्र शिक्षा अभियान के तहत अन्य राज्यों में भी कार्यरत पारा, नियोजित या अनुबंध पर बहाल शिक्षकों को भी कर्मचारी भविष्य निधि का लाभ नहीं दिया गया है।
पारा शिक्षकों के लिए समग्र शिक्षा अभियान में राशि आती है। इसमें केंद्र और राज्य सरकार का अंशदान होता है। केंद्र सरकार सलाना बजट तय करती है और इसमें कम से कम 120 करोड़ की आवश्यकता पड़ सकती है। ऐसे में झारखंड शिक्षा परियोजना या फिर राज्य सरकार अपनी ओर से भविष्य निधि के लिए अलग से कोई अंशदान देने में फिलहाल समर्थ नहीं है।
राज्य में अन्य विभागों में भी अनुबंध पर बहाल आंगनबाड़ी, सहायिका, एनआरएचएम कर्मचारी, मनरेगा कर्मचारी को भी सुविधा नहीं मिल रही है।
कर्मचारी भविष्य निधि कार्यालय में दर्ज है मामला: पारा शिक्षक संघ ने भविष्य निधि का लाभ देने के लिए हर जिला के कर्मचारी भविष्य निधि संगठन कार्यालयों में मामला दायर किया है। सुनवाई के बाद कर्मचारी भविष्य निधि संगठन कार्यालयों की ओर से हजारीबाग और कोडरमा जिले के बैंक खाता को निष्क्रिय कर दिया गया है। अन्य जिलों के मामले में सुनवाई प्रक्रियाधीन है।
20 फीसदी बढ़ेगा मानदेय
राज्य के पारा शिक्षकों का 20 फीसदी मानदेय बढ़ेगा। अपर मुख्य सचिव केके खंडेलवाल की अध्यक्षता में गठित कमेटी की अनुशंसा पर मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी ने कमेटी की रिपोर्ट की जानकारी दी। पारा शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल से वार्ता में उन्होंने साफ कहा राज्य सरकार ने पारा शिक्षकों के मानदेय बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसमें सरकार को 40 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार बढ़ेगा। शिक्षक पात्रता परीक्षा (टेट) पास प्रमाण पत्र का अवधि विस्तार पांच से बढ़ाकर सात साल किया जायेगा। मुख्य सचिव ने पारा शिक्षकों से अनुशंसा को लागू करवाने और सहयोग की अपील की।
वेतनमान व स्थायीकरण नहीं तो होगा उग्र आंदोलन: पारा शिक्षकों ने मुख्य सचिव की ओर से बतायी गई अनुशंसा को मानने से इंकार कर दिया है।
संघ ने वेतनमान और स्थायीकरण की मांग को फिर से दोहराया है और चेतावनी दी है कि अगर मुख्यमंत्री स्थापना दिवस के दिन वेतनमान व स्थायीकरण की घोषणा नहीं करते हैं तो उन्हें काला झंडा दिखाया जायेगा। इस दिन राज्य के सभी पारा शिक्षक इस समारोह में शामिल होंगे।
शिक्षक कल्याण कोष का हो रहा गठन
पारा शिक्षकों को आर्थिक मदद देने के लिए शिक्षक कल्याण कोष का गठन किया जा रहा है। इस कल्याण कोष में राज्य सरकार 10 करोड़ रुपये देगी। इसमें पारा शिक्षक के मानदेय से हर महीने दो सौ रुपये कटेंगे। पारा शिक्षकों की असामयिक मृत्यु पर उनके परिजनों को आर्थिक सहायता के रूप में ढाई लाख तक की राशि दी जायेगी।
ऐसे में जेईपीसी और पारा शिक्षकों के बीच नियोक्ता और कर्मचारी का संबंध नहीं है। इसी वजह से पारा शिक्षकों के लिए कर्मचारी भविष्य निधि मान्य नहीं है। पारा शिक्षक संघ की ओर से हर जिला में भविष्य निधि को लेकर मामला दर्ज कराया गया है, जिसके बाद कर्मचारी भविष्य निधि कार्यालय में जेईपीसी से इस बारे में जानकारी मांगी थी।
ग्राम शिक्षा समिति करती है पारा शिक्षकों की बहाली : जेईपीसी ने स्पष्ट किया कि एक ग्राम शिक्षा समिति के अधीन 20 से कम पारा शिक्षक कार्यरत हैं। पारा शिक्षक अपनी उपस्थिति स्कूलों में दर्ज करते हैं और ग्राम शिक्षा समितियों की ओर से इसकी अनुशंसा के बाद उनके मानदेय का भुगतान होता है। साथ ही, समग्र शिक्षा अभियान के तहत अन्य राज्यों में भी कार्यरत पारा, नियोजित या अनुबंध पर बहाल शिक्षकों को भी कर्मचारी भविष्य निधि का लाभ नहीं दिया गया है।
पारा शिक्षकों के लिए समग्र शिक्षा अभियान में राशि आती है। इसमें केंद्र और राज्य सरकार का अंशदान होता है। केंद्र सरकार सलाना बजट तय करती है और इसमें कम से कम 120 करोड़ की आवश्यकता पड़ सकती है। ऐसे में झारखंड शिक्षा परियोजना या फिर राज्य सरकार अपनी ओर से भविष्य निधि के लिए अलग से कोई अंशदान देने में फिलहाल समर्थ नहीं है।
राज्य में अन्य विभागों में भी अनुबंध पर बहाल आंगनबाड़ी, सहायिका, एनआरएचएम कर्मचारी, मनरेगा कर्मचारी को भी सुविधा नहीं मिल रही है।
कर्मचारी भविष्य निधि कार्यालय में दर्ज है मामला: पारा शिक्षक संघ ने भविष्य निधि का लाभ देने के लिए हर जिला के कर्मचारी भविष्य निधि संगठन कार्यालयों में मामला दायर किया है। सुनवाई के बाद कर्मचारी भविष्य निधि संगठन कार्यालयों की ओर से हजारीबाग और कोडरमा जिले के बैंक खाता को निष्क्रिय कर दिया गया है। अन्य जिलों के मामले में सुनवाई प्रक्रियाधीन है।
20 फीसदी बढ़ेगा मानदेय
राज्य के पारा शिक्षकों का 20 फीसदी मानदेय बढ़ेगा। अपर मुख्य सचिव केके खंडेलवाल की अध्यक्षता में गठित कमेटी की अनुशंसा पर मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी ने कमेटी की रिपोर्ट की जानकारी दी। पारा शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल से वार्ता में उन्होंने साफ कहा राज्य सरकार ने पारा शिक्षकों के मानदेय बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसमें सरकार को 40 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार बढ़ेगा। शिक्षक पात्रता परीक्षा (टेट) पास प्रमाण पत्र का अवधि विस्तार पांच से बढ़ाकर सात साल किया जायेगा। मुख्य सचिव ने पारा शिक्षकों से अनुशंसा को लागू करवाने और सहयोग की अपील की।
वेतनमान व स्थायीकरण नहीं तो होगा उग्र आंदोलन: पारा शिक्षकों ने मुख्य सचिव की ओर से बतायी गई अनुशंसा को मानने से इंकार कर दिया है।
संघ ने वेतनमान और स्थायीकरण की मांग को फिर से दोहराया है और चेतावनी दी है कि अगर मुख्यमंत्री स्थापना दिवस के दिन वेतनमान व स्थायीकरण की घोषणा नहीं करते हैं तो उन्हें काला झंडा दिखाया जायेगा। इस दिन राज्य के सभी पारा शिक्षक इस समारोह में शामिल होंगे।
शिक्षक कल्याण कोष का हो रहा गठन
पारा शिक्षकों को आर्थिक मदद देने के लिए शिक्षक कल्याण कोष का गठन किया जा रहा है। इस कल्याण कोष में राज्य सरकार 10 करोड़ रुपये देगी। इसमें पारा शिक्षक के मानदेय से हर महीने दो सौ रुपये कटेंगे। पारा शिक्षकों की असामयिक मृत्यु पर उनके परिजनों को आर्थिक सहायता के रूप में ढाई लाख तक की राशि दी जायेगी।
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