रांची : आजसू पार्टी ने पारा शिक्षकों को उनके गृह प्रखंड से
स्थानांतरित करने पर आपत्ति जतायी है. सरकार से पारा शिक्षकों की मांग पर
गंभीरता दिखाने को कहा है. पार्टी प्रवक्ता डॉ देवशरण भगत ने कहा है कि
सरकार शिक्षा में सुधार के नाम पर लगातार गलत नीतियों की ओर बढ़ रही है.
समायोजन के नाम पर शिक्षकों के साथ मनमानी रवैये पर रोक लगाने की
जरूरत है़ मानदेय पर काम करनेवालों को उनके गृह प्रखंड में ही पूर्व की
तरह काम करने देना चाहिए. उन्हें इधर–उधर किये जाने से गांवों में भी लोग
नाराज है़ं
डॉ भगत ने कहा है कि पारा शिक्षकों की मांगों पर सरकार को गंभीरता
दिखाने की जरूरत है. पारा शिक्षक एक बार फिर आंदोलन के लिए तैयार हैं.
सितंबर महीने में शिक्षकों ने आंदोलन की रूपरेखा तय कर ली है़ पारा
शिक्षकों के आंदोलन पर जाने से शैक्षणिक व्यवस्था प्रभावित होगी. आठ महीने
पहले राज्य के मुख्य सचिव के निर्देश पर पारा शिक्षकों की मांगों पर विचार
करने के लिए कमेटी गठित की गयी थी.
अभी तक इसकी रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गयी है़ इनके वेतमान और सेवा
स्थायीकरण को लेकर कोई स्पष्ट फैसला नहीं हुआ है़ आजसू नेता ने कहा है कि
इसी महीने प्रधानमंत्री झारखंड दौरे पर आनेवाले हैं. उनका कार्यक्रम बेहद
महत्वपूर्ण है. इससे पहले पारा शिक्षकों ने घोषणा कर दी है कि
धरना-प्रदर्शन के साथ वे लोग खून से प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखेंगे.
बार-बार के आश्वासनों से निराश होकर पारा शिक्षकों ने यह फैसला लिया है
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