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झारखंड : अंकों का योग नहीं जानते शिक्षक, प्रति वर्ष बदल जाते हैं मैट्रिक-इंटर के टॉपरों के अंक... जानें

रांची : राज्य में मैट्रिक व इंटरमीडिएट की उत्तरपुस्तिका के मूल्यांकन में गड़बड़ी का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. मूल्यांकन में गड़बड़ी के कारण प्रति वर्ष मैट्रिक व इंटरमीडिएट परीक्षा के टॉपरों के अंक में भी बदलाव हो जाता है. झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) द्वारा प्रति वर्ष मूल्यांकन के पूर्व परीक्षकों को यह जानकारी दी जाती है कि उत्तरपुस्तिका के मूल्यांकन में किन बातों का ख्याल रखा जाये.
 
इसके बाद भी परीक्षक प्रति वर्ष मूल्यांकन में गलती करते हैं. अंकों के योग व मूल्यांकन में गड़बड़ी के कारण गत तीन वर्षों में  मैट्रिक व इंटरमीडिएट के लगभग 250 शिक्षकों को ब्लैक लिस्टेड किया गया है. इनमें से 80 से अधिक शिक्षकों को आजीवन मूल्यांकन कार्य से बाहर कर दिया गया है. शेष शिक्षकों को तीन वर्ष के लिए मूल्यांकन कार्य से हटा दिया गया है.   
 
 जैक ने वर्ष 2016 की मैट्रिक परीक्षा में छह से 10 अंक तक की गड़बड़ी करने वाले 24 परीक्षक को तीन साल के लिए मूल्यांकन कार्य से हटा दिया है. वर्ष 2016 की ही मैट्रिक परीक्षा में 11 से अधिक अंक की गड़बड़ी करने वाले 82 शिक्षक को आजीवन कॉपी जांचने के कार्य से हटा दिया गया है. 
 
वर्ष 2015 में इंटरमीडिएट की उत्तरपुस्तिका के मूल्यांकन में गड़बड़ी के लिए 54 शिक्षक व वर्ष 2016 में 11 शिक्षक को ब्लैक लिस्टेड किया गया. वर्ष 2017 की मैट्रिक की परीक्षा में 10 या इससे अधिक अंक की गड़बड़ी के लिए 67 शिक्षकों को ब्लैक लिस्टेड किया गया. इन शिक्षकों को तीन वर्ष के लिए मूल्यांकन कार्य से हटा दिया गया है.  
 
मूल्यांकन में गड़बड़ी से बदल जाते टॉपर : मूल्यांकन में गड़बड़ी कीशिकायत को देखते हुए जैक प्रति वर्ष मैट्रिक व इंटर के टॉप 20 परीक्षार्थियों की उत्तरपुस्तिका की स्पेशल स्क्रूटनी कराता है. स्क्रूटनी में प्रति वर्ष टॉप रहे परीक्षार्थियों के अंक में बदलाव हो जाता है. 
 
वर्ष 2017 की इंटर परीक्षा में भी स्क्रूटनी के बाद परीक्षार्थियों के अंक में बदलाव हो गया था. वर्ष 2017 में  जैक द्वारा मई में जारी रिजल्ट में मनीषा कुमारी को 434 अंक मिला था. मनीषा को इंटर कॉमर्स में सबसे अधिक अंक मिला था. स्क्रूटनी के बाद मनीषा स्थान पर पहुंच गयी. वहीं अपूर्वा (पहले 432 अंक मिले थे) स्टेट टॉपर बन गयी. 
 
वहीं उर्सुलाइन इंटर कॉलेज की छात्रा रितिका जायसवाल के प्राप्तांक में स्क्रूटनी के बाद पांच अंक की बढ़ोतरी हो गयी. रितिका पहले प्राप्त अंक के आधार पर राज्य में पांचवें स्थान पर थी. स्क्रूटनी के बाद वह थर्ड स्टेट टॉपर बन गयी. रितिका के अंक बढ़ने के कारण पहले तीसरे स्थान पर रही फातिमा स्टेट के टॉप थ्री की सूची से बाहर हो गयी.  टॉप थ्री के अलावा अन्य परीक्षार्थियों के अंक में भी बदलाव आया है.  इंटर आर्ट्स के परीक्षार्थियों के अंक में भी स्क्रूटनी के बाद बदलाव हुआ. 
 
जून में जारी रिजल्ट में उर्सुलाइन इंटर कॉलेज की अमिता कोटका को 416 अंक मिले थे. रिजल्ट में प्राप्त अंक के आधार पर अमिता राज्य में चौथे स्थान पर थी. स्क्रूटनी में उसके अंक में कोई बदलाव नहीं हुआ, पर 418 अंक प्राप्त कर दूसरे स्थान पर रहनेवाली वैष्णवी का अंक घट कर 416 हो गया. इस कारण अमिता भी स्टेट की सेकेंड टॉपर हो गयी. मेघा कुमारी का अंक 417 से घटकर 411 हो गया और वह टॉप थ्री से बाहर हो गयी. इसके बाद एसएल आर्या इंटर कॉलेज तुपकाडीह के सचिन कुमार स्टेट के थर्ड टॉपर बन गये.  
 
वर्ष 2016 में मैट्रिक में नौवां स्थान पर रहा विकास बना था स्टेट टॉपर    
 
 मैट्रिक परीक्षा 2016 में जैक द्वारा जारी रिजल्ट में एसएस हाइस्कूल चिलदाग के विकास कुमार चौधरी को राज्य में नौवां स्थान मिला था. जैक ने जब विकास की उत्तरपुस्तिका की स्क्रूटनी करायी, तो उसे हिंदी में 13 अंक और मिले. परीक्षक द्वारा अंकों के योग में की गयी गड़बड़ी के कारण  जैक की ओर से मई 2016 में  जारी  रिजल्ट में विकास को 468 अंक मिले थे. 
 
स्क्रूटनी के बाद उसके अंक बढ़ कर 481 हो गये. हिंदी में 80 अंक दिये गये थे. स्क्रूटनी  के दौरान पाया गया कि विकास को एक सवाल के सही जवाब के लिए हिंदी में 13  अंक मिले थे, पर इसे उत्तर पुस्तिका के मुख्य  पृष्ठ पर अंकित नहीं  किया  गया था. स्क्रूटनी के दौरान 13 अंक को जोड़ दिया गया. इससे हिंदी में उसके  कुल 93 अंक हो गये. इससे  विकास का कुल प्राप्तांक 481 हो गया. इससे वह स्टेट टॉपर बन गया.   
वर्ष 2016 में गड़बड़ी करनेवाले तीन साल के लिए ब्लैकलिस्टेड शिक्षक  
 
वर्ष 2015 के टॉपरों की उत्तरपुस्तिका के मूल्यांकन में गड़बड़ी      
 
शिक्षकों की लापरवाही के कारण इंटर 2015  के  टॉपर विद्यार्थी स्पेशल स्क्रूटनी के बाद टॉप थ्री से बाहर हो गये थे. स्क्रूटनी में पाया गया कि परीक्षक ने जिस प्रश्न के लिए  उत्तरपुस्तिका में शून्य अंक दिये थे,  अंकों के योग में उस प्रश्न के लिए सात अंक जोड़ दिये थे. 
 
एक टॉपर को अर्थशास्त्र की कॉपी में गलत जवाब में  भी अंक दे दिये गये थे़   वर्ष 2015 की इंटर कला में  जैक द्वारा जारी रिजल्ट  में हजारीबाग के छात्र यशवंत कुमार को कुल 406 अंक मिले थे, जबकि स्पेशल  स्क्रूटनी के बाद  बोकारो की बबली कुमारी स्टेट टॉपर हो गयी. 
यही हाल इंटरमीडिएट कॉमर्स संकाय के टॉपर का भी हुआ. अप्रैल 2015   में जारी रिजल्ट में  सौरभ को 411 अंक मिले थे. परीक्षा में मिले अंक के अनुसार सौरभ को राज्य में सबसे अधिक अंक मिले थे.जब  स्पेशल स्क्रूटनी हुई, तो सौरभ का अंक कम हो गया. सौरभ भी टॉप थ्री से  बाहर हो गया. 
 
वहीं रांची की छात्रा पूर्णिमा गुप्ता का अंक सौरभ से अधिक हो  गया. स्पेशल स्क्रूटनी के बाद पूर्णिमा गुप्ता को 413 अंक  मिले. साइंस के  लगभग 100 विद्यार्थियों के अंक में बदलाव हुआ था़  अंकों के योग में  गड़बड़ी  करने वाले सबसे अधिक शिक्षक गणित विषय के हैं. 

गणित के अलावा  भौतिकी, रसायन, अंग्रेजी, अर्थशास्त्र, एकाउंट, बिजनेस मैथ व बिजनेस स्टडी  विषय के शिक्षक भी शामिल है़ं   गणित के सबसे अधिक 15 शिक्षक हैं. अब इनसे  मूल्यांकन नहीं कराया जायेगा.

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