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तो 12 वीं के बाद ही खुलेगी शिक्षक बनने की राह!

नई दिल्ली। डाक्टर और इंजीनियर की तरह छात्र अब 12 वीं के बाद शिक्षक भी बन सकेंगे। इसके लिए उन्हें सीधे बीएड में प्रवेश दिया जाएगा। देश में अच्छे शिक्षकों को तैयार करने के लिए सरकार एकीकृत बीएड पाठ्यक्रम शुरु करने की तैयारी में है। जो चार साल का होगा।
इसे लेकर सरकार ने राज्यसभा में एक विधेयक पेश किया है। मौजूदा समय में बीए, बीएससी जैसी डिग्री को लेने के बाद ही बीएड में प्रवेश में मिलता है। ऐसे में कोई छात्र यदि शिक्षक बनना भी चाहता है, तो उसे पांच साल लग जाते है।

बीएड के इस नए पाठ्यक्रम के तहत शुरु से शिक्षक बनने के लिए इच्छुक कोई भी छात्र सीधे 12वीं के बाद ही इनमें प्रवेश ले सकेगा। नेशनल टीचर्स एजुकेशन कौंसिल ने इसके तहत जो नए कोर्स डिजाइन किए है, उसमें बीए-बीएड और बीएससी-बीएड जैसे कोर्स शामिल है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय की मानें तो बीएड के इन नए पाठ्यक्रम को शुरु करने के पीछे जो मुख्य मकसद है, उसके तहत इनमें सिर्फ उन्हीं छात्रों को प्रवेश दिया जाए, जो वाकई में शिक्षक बनना चाहते है। उनमें शिक्षक बनने के लिए जुनून है। यही वजह है कि इस कोर्स को कुछ इस तरह से डिजाइन किया जा रहा है कि ताकि यह एमबीबीएस और बीटेक जैसे दूसरे प्रोफेशनल कोर्स के मुकाबले खड़ा किया जा सके।


मंत्रालय के सूत्रों की मानें तो इसके साथ ही सरकार का अगला कदम दो वर्षीय बीएड पाठ्यक्रमों को खत्म करना होगा। यानि जो व्यवस्था तैयार की जा रही है, उसके तहत शिक्षक बनने के लिए चार साल का कोर्स करना अनिवार्य होगा। गौरतलब है कि सरकार ने यह नई पहल स्कूलों की शैक्षणिक गुणवत्ता को सुधारने के लिए उठाया है। मौजूदा समय में स्कूलों में पढ़ा रहे करीब 13 लाख शिक्षक वैसे ही सरकार के लिए एक बडी समस्या बने हुए है। सरकार इन सभी को प्रशिक्षण दिलाने में जुटी है।

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