दुमका : शिक्षकों की कमी के कारण अब हाईस्कूल विद्यालय में संबंधित विषय
के शिक्षक नहीं होने के बाद भी अब विषयवार पढ़ाई बाधित नहीं होगा। विभाग
ने अपने विवेक से इस समस्या के निदान का रास्ता खोज निकाला है। अब विषय के
विशेषज्ञ अपने स्कूल के अलावा समीप के विद्यालय में तीन दिन उस विषय की
क्लास लेंगे।
परीक्षा समाप्त होने तक मध्य विद्यालयों में भी तीन माह के लिए शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति की जाएगी। किस शिक्षक को किस स्कूल में भेजना है इसका दायित्व संबंधित प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारियों को दिया गया है।
दरअसल जिले में शिक्षकों का घोर अभाव है। 126 हाइस्कूल में 1152 की जगह महज 190 शिक्षक ही कार्यरत हैं। इसलिए अधिकांश स्कूलों में विषयवार पढ़ाई बंद हैं। इसी समस्या के निदान के लिए शिक्षा विभाग ने रास्ता खोज निकाला है। सरकार के बिना किसी आदेश के विभाग ने शिक्षकों से विषयवार पढ़ाई कराने का प्रयास चालू कर दिया है। अभी तक 35 शिक्षकों ने पढ़ाने की हामी भरी है। ये शिक्षक अपने स्कूल में जिस विषय को पढ़ाते हैं। तीन दिन समीप के स्कूल में जाकर उसी विषय को पढ़ाएंगे। उदारहण के लिए अगर जिला स्कूल का कोई शिक्षक सांइस पढ़ाता है और समीप के स्कूल में साइंस पढ़ाने वाला कोई नहीं है तो वह शिक्षक सप्ताह में तीन दिन जिला और बाकी तीन दिन उस स्कूल में जाकर पढ़ाएंगे।
तीन माह के लिए होगी प्रतिनियुक्ति
मध्य विद्यालय में शिक्षकों की कमी दूर करने की विभाग ने योजना तैयार की है। ग्रामीण इलाके के किसी स्कूल में विषयवार शिक्षक नहीं है तो उस स्कूल के शिक्षक दूसरे स्कूल में जाकर संबंधित विषय पढ़ाएंगे। किस स्कूल में किस शिक्षक को भेजना है इसका चयन का अधिकार प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी को दिया गया है। पदाधिकारी यह भी तय करेंगे कि किस स्कूल में सबसे पहले शिक्षकों की आवश्यकता है। वे यह तय करेंगे कि अगर शिक्षक दूसरे स्कूल में जाते हैं तो उनके स्कूल की पढ़ाई तो बाधित नहीं होगी। चयन के बाद शिक्षकों को तीन माह के लिए दूसरे स्कूल में प्रतिनियुक्त किया जाएगा।
जब तक शिक्षकों की कमी दूर नहीं होगी तब तक दूसरे स्कूल के शिक्षकों से पढ़ाई का काम लिया जाएगा। प्रयास है कि स्कूल में सभी विषयों की पढ़ाई हो। अभी तक 35 शिक्षकों ने पढ़ाने की हामी भरी है। ऐसा होने से सभी विषयों की पढ़ाई संभव हो सकेगी और बच्चों की भी शिकायत दूर हो जाएगी।
धर्मदेव राय, जिला शिक्षा पदाधिकारी, दुमका।
परीक्षा समाप्त होने तक मध्य विद्यालयों में भी तीन माह के लिए शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति की जाएगी। किस शिक्षक को किस स्कूल में भेजना है इसका दायित्व संबंधित प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारियों को दिया गया है।
दरअसल जिले में शिक्षकों का घोर अभाव है। 126 हाइस्कूल में 1152 की जगह महज 190 शिक्षक ही कार्यरत हैं। इसलिए अधिकांश स्कूलों में विषयवार पढ़ाई बंद हैं। इसी समस्या के निदान के लिए शिक्षा विभाग ने रास्ता खोज निकाला है। सरकार के बिना किसी आदेश के विभाग ने शिक्षकों से विषयवार पढ़ाई कराने का प्रयास चालू कर दिया है। अभी तक 35 शिक्षकों ने पढ़ाने की हामी भरी है। ये शिक्षक अपने स्कूल में जिस विषय को पढ़ाते हैं। तीन दिन समीप के स्कूल में जाकर उसी विषय को पढ़ाएंगे। उदारहण के लिए अगर जिला स्कूल का कोई शिक्षक सांइस पढ़ाता है और समीप के स्कूल में साइंस पढ़ाने वाला कोई नहीं है तो वह शिक्षक सप्ताह में तीन दिन जिला और बाकी तीन दिन उस स्कूल में जाकर पढ़ाएंगे।
तीन माह के लिए होगी प्रतिनियुक्ति
मध्य विद्यालय में शिक्षकों की कमी दूर करने की विभाग ने योजना तैयार की है। ग्रामीण इलाके के किसी स्कूल में विषयवार शिक्षक नहीं है तो उस स्कूल के शिक्षक दूसरे स्कूल में जाकर संबंधित विषय पढ़ाएंगे। किस स्कूल में किस शिक्षक को भेजना है इसका चयन का अधिकार प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी को दिया गया है। पदाधिकारी यह भी तय करेंगे कि किस स्कूल में सबसे पहले शिक्षकों की आवश्यकता है। वे यह तय करेंगे कि अगर शिक्षक दूसरे स्कूल में जाते हैं तो उनके स्कूल की पढ़ाई तो बाधित नहीं होगी। चयन के बाद शिक्षकों को तीन माह के लिए दूसरे स्कूल में प्रतिनियुक्त किया जाएगा।
जब तक शिक्षकों की कमी दूर नहीं होगी तब तक दूसरे स्कूल के शिक्षकों से पढ़ाई का काम लिया जाएगा। प्रयास है कि स्कूल में सभी विषयों की पढ़ाई हो। अभी तक 35 शिक्षकों ने पढ़ाने की हामी भरी है। ऐसा होने से सभी विषयों की पढ़ाई संभव हो सकेगी और बच्चों की भी शिकायत दूर हो जाएगी।
धर्मदेव राय, जिला शिक्षा पदाधिकारी, दुमका।
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