दुमका : प्राथमिक व मध्य विद्यालय में सहायक शिक्षक के पद पर समायोजन
करने के लिए शनिवार को जेटेट सफल पारा शिक्षकों ने उपायुक्त कार्यालय के
बाहर धरना और उपायुक्त को मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन सौंपा।
धरना को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार राय ने कहा कि राज्य के सभी जिलों में प्रदर्शन व धरना दिया गया है। सरकार उनके कार्य अनुभव का सही ढंग से मापदंड नहीं देख पा रही है। वर्षों का अनुभव होने के बाद भी कम मानदेय पर काम करने को विवश हैं। किसी भी प्रतियोगी परीक्षा में बैठने की अब उम्र भी नहीं रही। सारी अर्हता पूरी करने के बाद भी अपने को ठगा महसूस कर रहे हैं। जबकि दूसरे राज्य में सरकारी शिक्षक के पद पर समायोजन हो रहा है। आंदोलन के दौरान पिछले साल जनवरी में विधायक शिवशंकर उरांव की मौजूदगी में शिक्षा सचिव की प्रतिनिधिमंडल की बात हुई थी। जिसमें आश्वासन दिया गया था कि तीन माह के अंदर बचे हुए पारा शिक्षकों की नियुक्ति शिक्षक पद पर कर दी जाएगी। आज तक इस पर कोई अमल नहीं हुआ। जिला सचिव मनोज साह ने नियमावली में खामियों के बाद भी फर्जीवाड़ा कर 12 हजार शिक्षकों की बहाली हुई। छह हजार पद आज भी खाली हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि उनकी योग्यता को देखते हुए खाली पदों पर योगदान करने के लिए दिशा निर्देश दिया जाए। धरना देने वालों में विकास ठाकुर, पारस यादव, धनश्याम यादव, निरंजन यादव, मनीष कुमार, दिनेश भंडारी व मुख्तार अली आदि शामिल थे।
धरना को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार राय ने कहा कि राज्य के सभी जिलों में प्रदर्शन व धरना दिया गया है। सरकार उनके कार्य अनुभव का सही ढंग से मापदंड नहीं देख पा रही है। वर्षों का अनुभव होने के बाद भी कम मानदेय पर काम करने को विवश हैं। किसी भी प्रतियोगी परीक्षा में बैठने की अब उम्र भी नहीं रही। सारी अर्हता पूरी करने के बाद भी अपने को ठगा महसूस कर रहे हैं। जबकि दूसरे राज्य में सरकारी शिक्षक के पद पर समायोजन हो रहा है। आंदोलन के दौरान पिछले साल जनवरी में विधायक शिवशंकर उरांव की मौजूदगी में शिक्षा सचिव की प्रतिनिधिमंडल की बात हुई थी। जिसमें आश्वासन दिया गया था कि तीन माह के अंदर बचे हुए पारा शिक्षकों की नियुक्ति शिक्षक पद पर कर दी जाएगी। आज तक इस पर कोई अमल नहीं हुआ। जिला सचिव मनोज साह ने नियमावली में खामियों के बाद भी फर्जीवाड़ा कर 12 हजार शिक्षकों की बहाली हुई। छह हजार पद आज भी खाली हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि उनकी योग्यता को देखते हुए खाली पदों पर योगदान करने के लिए दिशा निर्देश दिया जाए। धरना देने वालों में विकास ठाकुर, पारस यादव, धनश्याम यादव, निरंजन यादव, मनीष कुमार, दिनेश भंडारी व मुख्तार अली आदि शामिल थे।
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