चंदवा: स्कूलों में मध्याहन भोजन के संचालन के लिए अध्यक्ष व संयोजिका
को जिम्मेदारी सौंपी गई है। विद्यालयों के प्रधानाचार्य अर्थात सचिव को
इससे दूर रहने के लिए विभाग बार-बार बयान जारी कर रहा है मगर ऐसा नजर नहीं
आता।
प्रत्येक महीने सचिव ही चावल उठाव के लिए गोदाम पहुंचते और चावल उठाव करते नजर आते हैं। शनिवार को भी ऐसा ही नजारा प्रखंड मुख्यालय परिसर में स्थित गोदाम के बाहर दिखा। बीआरसी प्रतिनिधि की उपस्थिति में शिक्षक संबंधित कागजात जमा कर चावल उठाने के लिए मशगुल दिखे। जब उनसे यह जानने का प्रयास किया गया कि यह जिम्मेवारी तो विद्यालय प्रबंधन समिति अध्यक्ष व संयोजिका की है तो फिर आप लोग इतने परेशान क्यों हैं। कुछ शिक्षकों ने कहा कि वो भी चाहते हैं कि वो इससे मुक्त हो जाएं लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा। इतना दवाब है कि न चाहते हुए भी उन्हें यह सब करना पड़ता है। कुछ गड़बड़ी होने पर न तो अध्यक्ष पर कारवाई होती है और न संयोजिका पर। सारी जवाबदेही उनपर थोप दी जाती है आखिर वो करें तो क्या करें।
कहते हैं बीईईओ: इस बावत बीईईओ सुनील कुमार केशरी ने बताया कि वो जिला की बैठक में गए थे। जहां तक चावल उठाव की बात है तो यह जिम्मेवारी विद्यालय प्रबंधन समिति अध्यक्ष को दी गई है। शिक्षकों को इसके लिए मना किया गया है। यदि फिर भी ऐसा हुआ है तो जानकारी लेकर ही कुछ कहना बेहतर होगा।
प्रत्येक महीने सचिव ही चावल उठाव के लिए गोदाम पहुंचते और चावल उठाव करते नजर आते हैं। शनिवार को भी ऐसा ही नजारा प्रखंड मुख्यालय परिसर में स्थित गोदाम के बाहर दिखा। बीआरसी प्रतिनिधि की उपस्थिति में शिक्षक संबंधित कागजात जमा कर चावल उठाने के लिए मशगुल दिखे। जब उनसे यह जानने का प्रयास किया गया कि यह जिम्मेवारी तो विद्यालय प्रबंधन समिति अध्यक्ष व संयोजिका की है तो फिर आप लोग इतने परेशान क्यों हैं। कुछ शिक्षकों ने कहा कि वो भी चाहते हैं कि वो इससे मुक्त हो जाएं लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा। इतना दवाब है कि न चाहते हुए भी उन्हें यह सब करना पड़ता है। कुछ गड़बड़ी होने पर न तो अध्यक्ष पर कारवाई होती है और न संयोजिका पर। सारी जवाबदेही उनपर थोप दी जाती है आखिर वो करें तो क्या करें।
कहते हैं बीईईओ: इस बावत बीईईओ सुनील कुमार केशरी ने बताया कि वो जिला की बैठक में गए थे। जहां तक चावल उठाव की बात है तो यह जिम्मेवारी विद्यालय प्रबंधन समिति अध्यक्ष को दी गई है। शिक्षकों को इसके लिए मना किया गया है। यदि फिर भी ऐसा हुआ है तो जानकारी लेकर ही कुछ कहना बेहतर होगा।
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