एकओर जहां पूरे देश को डिजिटलाइजेशन व्यवस्था से जोड़ने की तैयारी चल रही है
और कंप्यूटर साक्षरता पर जोर दिया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर जगन्नाथपुर के
मध्य विद्यालयों में कंप्यूटर शिक्षा की स्थिति बेहद खराब है। इन स्कूलों
में 15 कंप्यूटर तो उपलब्ध करा दिया गया है, लेकिन शिक्षक का अता- पता नहीं
है।
शिक्षा परियोजना विभाग द्वारा जिले के अन्य कई मध्य स्कूलों में भी कंप्यूटर उपलब्ध कराए गए हैं, लेकिन शिक्षक बहाल नहीं किया गया है। जगन्नाथपुर के बालिका मध्य विद्यालय में छात्र अनुपात के हिसाब से करीब पंद्रह कंप्यूटर सेट दिया गया है। बिजली नहीं रहने के दौरान जेनरेटर की भी व्यवस्था की गई है, लेकिन इसका उपयोग नहीं हो पा रहा है।
अन्य स्कूलों में भी ऐसा ही है हाल
कमोबेशयही हाल अन्य विद्यालयों का भी है। वहीं उर्दू मध्य विद्यालय में शिक्षा परियोजना द्वारा कंप्यूटर शिक्षक को बहाल नहीं किए जाने के कारण स्कूल प्रबंधन निजी व्यवस्था से बच्चों को कंप्यूटर की शिक्षा दे रहा है।
शिक्षक के अभाव में नहीं होती है पढ़ाई
बालिकामध्य विद्यालय में कक्षा एक से आठ तक की छात्राओं के लिए तीन कंप्यूटर एक प्रोजेक्टर मशीन दी गई है। सभी कंप्यूटरों को स्टॉल भी कर दिया गया है, लेकिन कंप्यूटर की पढ़ाई के लिए विभाग द्वारा शिक्षक ही बहाल नहीं किये गए हैं।
दस साल से ऑन तक नहीं हुए कंप्यूटर
शिक्षापरियोजना विभाग के द्वारा जगन्नाथपुर प्रखंड मुख्यालय के विभिन्न विद्यालयों में करीब 12 साल पूर्व विद्यार्थियों को कंप्यूटर शिक्षा दिलाने के लिए पंद्रह कंप्यूटर जेनरेटर के रूप में डीबी दी गई थी। प्रारंभ में कंप्यूटर ठीक- ठाक थे। करीब दो साल तक बच्चों ने कंप्यूटर चलाना सीखा भी, लेकिन पिछले दस साल से कंप्यूटर ऑन तक नहीं हुआ है।
^आर्दश मध्य विद्यालय में बंद पड़े कंप्यूटर की पढ़ाई को लेकर कहने का मुझे तो प्रभार दिया गया है, लेकिन अब तक विद्यालय के तत्कालीन प्रधानाध्यापक बलराम घोष द्वारा पूर्ण रूप से प्रभार नहीं दिया गया है। लेखा- जोखा का विवरण भी नहीं है। कंप्यूटर शिक्षक नहीं होने के कारण विद्यालय में कंप्यूटर की पढ़ाई नहीं होती है। कंप्यूटर भी खराब पड़े हैं। इनमें से कुछ कंप्यूटर चोरी हो गए हैं। यदुनंदनप्रधान, प्रभारी प्रधानाध्यापक
चोरी हो गए कई सीपीयू
विद्यालयके शिक्षकों के अनुसार, शिक्षा विभाग ने एंब्रोन कंपनी को कंप्यूटर शिक्षा देने की जिम्मेदारी सौंपी थी, लेकिन एब्रोन के लोग कंपनी कुछ दिन बाद से ही गायब हो गए। बिना संचालन के सभी कंप्यूटर खराब हो गए। कुछ कंप्यूटर सीपीओ चोरी भी हो गए। जेनरेटर के तार भी चूहों ने कुतर दिया।
शिक्षा परियोजना विभाग द्वारा जिले के अन्य कई मध्य स्कूलों में भी कंप्यूटर उपलब्ध कराए गए हैं, लेकिन शिक्षक बहाल नहीं किया गया है। जगन्नाथपुर के बालिका मध्य विद्यालय में छात्र अनुपात के हिसाब से करीब पंद्रह कंप्यूटर सेट दिया गया है। बिजली नहीं रहने के दौरान जेनरेटर की भी व्यवस्था की गई है, लेकिन इसका उपयोग नहीं हो पा रहा है।
अन्य स्कूलों में भी ऐसा ही है हाल
कमोबेशयही हाल अन्य विद्यालयों का भी है। वहीं उर्दू मध्य विद्यालय में शिक्षा परियोजना द्वारा कंप्यूटर शिक्षक को बहाल नहीं किए जाने के कारण स्कूल प्रबंधन निजी व्यवस्था से बच्चों को कंप्यूटर की शिक्षा दे रहा है।
शिक्षक के अभाव में नहीं होती है पढ़ाई
बालिकामध्य विद्यालय में कक्षा एक से आठ तक की छात्राओं के लिए तीन कंप्यूटर एक प्रोजेक्टर मशीन दी गई है। सभी कंप्यूटरों को स्टॉल भी कर दिया गया है, लेकिन कंप्यूटर की पढ़ाई के लिए विभाग द्वारा शिक्षक ही बहाल नहीं किये गए हैं।
दस साल से ऑन तक नहीं हुए कंप्यूटर
शिक्षापरियोजना विभाग के द्वारा जगन्नाथपुर प्रखंड मुख्यालय के विभिन्न विद्यालयों में करीब 12 साल पूर्व विद्यार्थियों को कंप्यूटर शिक्षा दिलाने के लिए पंद्रह कंप्यूटर जेनरेटर के रूप में डीबी दी गई थी। प्रारंभ में कंप्यूटर ठीक- ठाक थे। करीब दो साल तक बच्चों ने कंप्यूटर चलाना सीखा भी, लेकिन पिछले दस साल से कंप्यूटर ऑन तक नहीं हुआ है।
^आर्दश मध्य विद्यालय में बंद पड़े कंप्यूटर की पढ़ाई को लेकर कहने का मुझे तो प्रभार दिया गया है, लेकिन अब तक विद्यालय के तत्कालीन प्रधानाध्यापक बलराम घोष द्वारा पूर्ण रूप से प्रभार नहीं दिया गया है। लेखा- जोखा का विवरण भी नहीं है। कंप्यूटर शिक्षक नहीं होने के कारण विद्यालय में कंप्यूटर की पढ़ाई नहीं होती है। कंप्यूटर भी खराब पड़े हैं। इनमें से कुछ कंप्यूटर चोरी हो गए हैं। यदुनंदनप्रधान, प्रभारी प्रधानाध्यापक
चोरी हो गए कई सीपीयू
विद्यालयके शिक्षकों के अनुसार, शिक्षा विभाग ने एंब्रोन कंपनी को कंप्यूटर शिक्षा देने की जिम्मेदारी सौंपी थी, लेकिन एब्रोन के लोग कंपनी कुछ दिन बाद से ही गायब हो गए। बिना संचालन के सभी कंप्यूटर खराब हो गए। कुछ कंप्यूटर सीपीओ चोरी भी हो गए। जेनरेटर के तार भी चूहों ने कुतर दिया।
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