ब्यूरो/अमर उजाला, नई दिल्ली केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) यूजीसी नेट परीक्षा में ऑनलाइन मूल्यांकन की तैयारी कर रहा है। इससे न केवल समय की बचत होगी बल्कि पारदर्शिता व सटीकता भी आएगी। इसके लिए बोर्ड डिजिटल स्कोरिंग का इस्तेमाल करेगा।
बीते दिसंबर में सबसे पहले इस तकनीक का प्रयोग नवोदय विद्यालय संगठन की प्रिंसिपल व सहायक उपायुक्त की भर्ती परीक्षा में ओएमआर शीट पर किया गया था।
इसका दोबारा इस्तेमाल 17 दिसंबर को केंद्रीय विद्यालय में प्रिंसिपल की भर्ती परीक्षा के लिए किया गया। इसमें भी ओएमआर शीट की डिजिटल स्कोरिंग की गई। नतीजे उत्साहवर्धक आने से बोर्ड ने इस तकनीक का इस्तेमाल केंद्रीय विद्यालय संगठन की शिक्षक भर्ती परीक्षा के मूल्यांकन में दिल्ली-एनसीआर के 108 केंद्रों पर भी किया।
अब बोर्ड ने इसका चरणबद्ध तरीके से इस्तेमाल 22 जनवरी को होने वाली यूजीसी नेट परीक्षा के मूल्यांकन में योजना बनाई है। बोर्ड का मानना है कि अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में इसके इस्तेमाल करने से पहले इसका प्रयोग कुछ सौ सेंटरों पर किया जाएगा। इसके लिए इसकी व्यवहारिकता और परीक्षार्थियों की संख्या की नियमित समीक्षा की जा रही है।
परीक्षा की ओएमआर शीट की स्कैनिंग कर इसे ऑनलाइन सर्वर में डाल दिया जाता है। स्कैनिंग ओएमआर की इमेज तुरंत सेंट्रल सर्वर पर चली जाती है। जहां परीक्षा होती है, वहीं पर ओएमआर शीट को ऑनलाइन डाल दिया जाता है। इसके बाद शीट का मूल्यांकन हो जाता है। इससे प्रत्येक परीक्षार्थी का डाटा सुरक्षित रहता है, उससे छेड़छाड़ भी नहीं की जा सकती और समय की बचत भी होती है। इससे नतीजे भी जल्द जारी हो पाएंगे।
बीते दिसंबर में सबसे पहले इस तकनीक का प्रयोग नवोदय विद्यालय संगठन की प्रिंसिपल व सहायक उपायुक्त की भर्ती परीक्षा में ओएमआर शीट पर किया गया था।
इसका दोबारा इस्तेमाल 17 दिसंबर को केंद्रीय विद्यालय में प्रिंसिपल की भर्ती परीक्षा के लिए किया गया। इसमें भी ओएमआर शीट की डिजिटल स्कोरिंग की गई। नतीजे उत्साहवर्धक आने से बोर्ड ने इस तकनीक का इस्तेमाल केंद्रीय विद्यालय संगठन की शिक्षक भर्ती परीक्षा के मूल्यांकन में दिल्ली-एनसीआर के 108 केंद्रों पर भी किया।
अब बोर्ड ने इसका चरणबद्ध तरीके से इस्तेमाल 22 जनवरी को होने वाली यूजीसी नेट परीक्षा के मूल्यांकन में योजना बनाई है। बोर्ड का मानना है कि अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में इसके इस्तेमाल करने से पहले इसका प्रयोग कुछ सौ सेंटरों पर किया जाएगा। इसके लिए इसकी व्यवहारिकता और परीक्षार्थियों की संख्या की नियमित समीक्षा की जा रही है।
परीक्षा की ओएमआर शीट की स्कैनिंग कर इसे ऑनलाइन सर्वर में डाल दिया जाता है। स्कैनिंग ओएमआर की इमेज तुरंत सेंट्रल सर्वर पर चली जाती है। जहां परीक्षा होती है, वहीं पर ओएमआर शीट को ऑनलाइन डाल दिया जाता है। इसके बाद शीट का मूल्यांकन हो जाता है। इससे प्रत्येक परीक्षार्थी का डाटा सुरक्षित रहता है, उससे छेड़छाड़ भी नहीं की जा सकती और समय की बचत भी होती है। इससे नतीजे भी जल्द जारी हो पाएंगे।
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