शिक्षा जैसे पवित्र विभाग में लंबे समय से सेवा देने के बाद सरकारी उदासीनता
से अब पारा शिक्षक काफी मायूस हैं। अपनी मांगों के समर्थन में लगभग डेढ़
महीना से कार्य से दूर रहे इन शिक्षकों के प्रति सरकार संवेदनहीनता की नीति
अपना रही है। कुछ ऐसी ही चर्चा पारा शिक्षकों के बीच होने लगी है।
मंगलवार को बीआरसी के निकट धरना पर बैठे पारा शिक्षकों ने कहा कि इस राज्य की सरकार शिक्षक विरोधी है। जब अरुणाचल, बंगाल समेत अन्य राज्य में पारा शिक्षकों के लिए कई सुविधा प्रदान किया गया है तो फिर झारखंड में इसे लागू करने में क्या कठिनाई है। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार पारा शिक्षकों का वेतनमान लागू करें या फिर उन्हें बर्खास्त करें। समाज में शिक्षा की रोशनी फैलाने वाले एवं गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा प्रदान करने में एक मिसाल कायम करने वाले पारा शिक्षकों की मांग पर सहयोग प्रदान करने की सबों से अपील भी किया गया। इस मौके पर शांतिमय मान्ना, पार्वती टुडू, दयामय मंडल, पुनु बाउरी, तरूण गण, बामापद मंडल, इंदुरानी झा, सागर गोरांई समेत काफी संख्या में पारा शिक्षक शिक्षिका शामिल थे।
मंगलवार को बीआरसी के निकट धरना पर बैठे पारा शिक्षकों ने कहा कि इस राज्य की सरकार शिक्षक विरोधी है। जब अरुणाचल, बंगाल समेत अन्य राज्य में पारा शिक्षकों के लिए कई सुविधा प्रदान किया गया है तो फिर झारखंड में इसे लागू करने में क्या कठिनाई है। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार पारा शिक्षकों का वेतनमान लागू करें या फिर उन्हें बर्खास्त करें। समाज में शिक्षा की रोशनी फैलाने वाले एवं गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा प्रदान करने में एक मिसाल कायम करने वाले पारा शिक्षकों की मांग पर सहयोग प्रदान करने की सबों से अपील भी किया गया। इस मौके पर शांतिमय मान्ना, पार्वती टुडू, दयामय मंडल, पुनु बाउरी, तरूण गण, बामापद मंडल, इंदुरानी झा, सागर गोरांई समेत काफी संख्या में पारा शिक्षक शिक्षिका शामिल थे।
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