महाधरना. वर्तमान सूबे की सरकार को बताया जन विरोधी, कई मुद्दों पर घेरा, बोले प्रदीप यादव
अनुबंध पर दस साल काम कर चुके लोगों को प्राथमिकता के आधार पर नियुक्त करे सरकार
दुमका : झाविमो के प्रधान महासचिव प्रदीप यादव ने कहा कि राज्य में
टेट पास पारा शिक्षकों की सीधी नियुक्ति रिक्त पदों के विरुद्ध होनी चाहिए.
ये सभी शिक्षक आज ट्रैंड हो चुके हैं. दस साल का लगभग अनुभव है. सबसे बड़ी
बात है कि सारे लोग झारखंडी है, जिसे ग्राम शिक्षा समिति ने चुना है.
उन्होंने महाधरना में उपस्थित पार्टी कार्यकर्ताओं-समर्थकों को संबोधित
करते हुए कहा कि सरकार को चाहिए कि वह दस साल काम कर चुके तमाम
अनुबंधकर्मियों को प्राथमिकता के आधार पर नियुक्त करें. श्री यादव ने जैक
से संबद्ध मदरसों के डिग्री की मान्यता खत्म कर दिये जाने पर सरकार की
आलोचना की.
कहा कि हिंदू-मुस्लिम के नाम पर भेदभाव नहीं होनी चाहिए. श्री यादव ने
कहा कि जब वे शिक्षामंत्री थे, तब उन्होंने संताल परगना के छात्रों की
सुविधा के लिए अधिविद्य परिषद का क्षेत्रीय कार्यालय दुमका में खुलवाया
था. इस क्षेत्र में हाईकोर्ट बेंच भी समय की मांग है. हाईकोर्ट बेंच बनने
से गरीब तबके को न्याय मिल पायेगा और वे रांची आने-जाने वाले खर्चे से बच
पायेंगे.
गोड्डा में अडाणी का जमीन विवाद : 1.64 करोड़ प्रति एकड़ की जमीन घटकर कैसे हुई 13 लाख रुपये, बताये सरकार
दुमका के गांधी मैदान में आयेाजित जेवीएम के महाधरना में समर्थकों व
कार्यकताओं को संबाेधित करते प्रदीप यादव व सिदो कान्हू की प्रतिमा पर
माल्यार्पण करते जेवीएम सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी एवं प्रदीप यादव.
पांच साल से 57 आइटीआइ तैयार, पर पढ़ाई नहीं
श्री यादव ने कहा कि सूचनाधिकार से यह जानकारी हासिल हुई है कि राज्य
में 57 आइटीआइ बनकर पांच साल से बेकार पड़े हुए हैं. इनमें पढ़ाई शुरू नहीं
हुई है. इनमें न शिक्षक हैं, न ही छात्र. कई नये और आइटीआइ बन रहे हैं.
दर्जनों पॉलिटेकनिक, एग्रीकल्चर व डेयरी कॉलेज भी इसी तरह बने हुए हैं.
सरैयाहाट आइटीआइ में छात्र का एडमिशन हो चुका है, पर शिक्षक की बहाली नहीं
हुई है. इसी तरह हंसडीहा में डेयरी इंजीनियरिंग कॉलेज का भवन भी बेकार
साबित हो रहा है.
अडाणी को खुश करने के लिये विशेष छूट क्यों ?
श्री यादव ने कहा कि सरकार अडाणी को खुश करने में जुटी हुई है. सरकार
कंपनी को विशेष छूट क्यों दे रही है. इससे हर साल झारखंड को 2000 करोड़ का
नुकसान होगा. उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने सरकार बनते ही पहला काम
भूमि अधिग्रहण कानून 2013 को संशोधित करने का प्रयास किया था, ताकि जमीन
अधिग्रहण में 80 प्रतिशत रैयतों की सहमति की अनिवार्यता खत्म की जा सके.
राज्य में रघुवर दास की सरकार ने उससे भी चार कदम आगे बढ़ाकर अडाणी को जमीन
उपलब्ध कराने के लिए जमीन की कीमत ही कम कर दी. गोड्डा में अडाणी को 8000
एकड़ जमीन की जरूरत थी.
1.64 करोड़ प्रति एकड़ से घटाकर रातोरात सरकार ने जमीन की कीमत 13 लाख
रुपये कर दी. श्री यादव ने कहा कि विरोध के आगे रघुवर सरकार को झुकना पड़ा
था आज जमीन की कीमत 45 लाख रुपये तक पहुंची है. श्री यादव ने कहा कि जमीन
अधिग्रहण के बजाय लीज पर लेने की व्यवस्था सरकार करे.
सारठ की धरती खराब... तसवीर रखना जरूरी
झाविमो के प्रधान महासचिव प्रदीप यादव जब मंच पर माइक थामे हुए थे और
पार्टी की सदस्यता ग्रहण करने वालों का नाम ले रहे थे तो सारठ विस क्षेत्र
के नेता चांदो मंडल की उन्होंने प्रशंसा भी की. पार्टी सुप्रीमो द्वारा
सदस्यता ग्रहण कराये जाने व माला पहनाये जाने के पल को उन्होंने सामने
मौजूद कुछ छायाकारों से तस्वीर कैद कर लेने की अपील की. कहा कि सारठ की
धरती खराब है. फोटो रखना जरूरी है. चुनाव जीतने के पहले हमारे साथ होते
हैं, बाद में दूसरे के साथ. चांदो मंडल चितरा के रहने वाले हैं. वे अपने
काफी समर्थकों के साथ गांधी मैदान पहुंचे थे.
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