रांची : राज्य सरकार ने चार साल बाद दूसरी शिक्षक पात्रता परीक्षा
(जेटेट) की प्रक्रिया तो शुरू कर दी, लेकिन इसके अगले चरण प्राथमिक शिक्षक
नियुक्ति को लेकर अभ्यर्थियों में संशय है। उनमें यह संशय पिछले साल बनी
नियुक्ति नियमावली को लेकर है। यदि राज्य सरकार इस बार भी उक्त नियमावली के
तहत जिला स्तर पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करती है तो पुरानी गलतियां फिर
से दोहराए जाने की आशंका है।
जेटेट ले रहे झारखंड एकेडमिक काउंसिल ने अपनी वेबसाइट पर इस नियमावली को डालकर अभ्यर्थियों में इसकी आशंका और बढ़ा दी है।
जेटेट की तैयारी कर रहे गंभीर अभ्यर्थी इस परीक्षा के बाद एक और राज्य स्तरीय प्रतियोगिता परीक्षा के माध्यम से ही नियुक्ति पर जोर दे रहे हैं। इसे लेकर स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग में कई ज्ञापन भी सौंपे गए हैं। इन अभ्यर्थियों का कहना है कि जिला स्तर पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होने से एक बार फिर बड़ी संख्या में पद रिक्त रह जा सकते हैं। इसी साल जनवरी-फरवरी में जिला स्तर पर हुई नियुक्ति में कई पद रिक्त रह गए थे। वहीं, एकेडमिक अंकों के आधार पर मेरिट सूची बनने से सीबीएसई व आइसीएसई से उत्तीर्ण अभ्यर्थियों से झारखंड बोर्ड के अभ्यर्थी भी पीछे रह जा रहे थे। विभिन्न जिलों में नियुक्ति प्रक्रिया में एकरूपता का भी अभाव दिखा था। इसके बाद कई गड़बड़ियां सामने आई थीं।
उल्लेखनीय है कि नियुक्ति नियमावली में प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति जिला स्तर पर उपायुक्तों की अध्यक्षता में गठित स्थापना समिति से मेधा सूची के आधार पर करने का प्रावधान है। यह मेधा सूची जेटेट व एकेडमिक अंकों के प्राप्तांक के आधार पर बनती है।
एक और परीक्षा लेना चाह रही सरकार
राज्य सरकार पिछली गलतियों से बचने के लिए नियुक्ति प्रक्रिया में बदलाव पर विचार कर रही है। इसके तहत राज्य स्तर पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने तथा जेटेट के बाद एक और प्रतियोगिता परीक्षा आयोजित करने पर भी विचार चल रहा है। यदि ऐसा होता है तो एक और नियुक्ति परीक्षा लेने की जिम्मेदारी झारखंड कर्मचारी चयन आयोग को दी जा सकती है। इसके लिए राज्य सरकार को नियुक्ति नियमावली में संशोधन करना पड़ेगा।
जेटेट ले रहे झारखंड एकेडमिक काउंसिल ने अपनी वेबसाइट पर इस नियमावली को डालकर अभ्यर्थियों में इसकी आशंका और बढ़ा दी है।
जेटेट की तैयारी कर रहे गंभीर अभ्यर्थी इस परीक्षा के बाद एक और राज्य स्तरीय प्रतियोगिता परीक्षा के माध्यम से ही नियुक्ति पर जोर दे रहे हैं। इसे लेकर स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग में कई ज्ञापन भी सौंपे गए हैं। इन अभ्यर्थियों का कहना है कि जिला स्तर पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होने से एक बार फिर बड़ी संख्या में पद रिक्त रह जा सकते हैं। इसी साल जनवरी-फरवरी में जिला स्तर पर हुई नियुक्ति में कई पद रिक्त रह गए थे। वहीं, एकेडमिक अंकों के आधार पर मेरिट सूची बनने से सीबीएसई व आइसीएसई से उत्तीर्ण अभ्यर्थियों से झारखंड बोर्ड के अभ्यर्थी भी पीछे रह जा रहे थे। विभिन्न जिलों में नियुक्ति प्रक्रिया में एकरूपता का भी अभाव दिखा था। इसके बाद कई गड़बड़ियां सामने आई थीं।
उल्लेखनीय है कि नियुक्ति नियमावली में प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति जिला स्तर पर उपायुक्तों की अध्यक्षता में गठित स्थापना समिति से मेधा सूची के आधार पर करने का प्रावधान है। यह मेधा सूची जेटेट व एकेडमिक अंकों के प्राप्तांक के आधार पर बनती है।
एक और परीक्षा लेना चाह रही सरकार
राज्य सरकार पिछली गलतियों से बचने के लिए नियुक्ति प्रक्रिया में बदलाव पर विचार कर रही है। इसके तहत राज्य स्तर पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने तथा जेटेट के बाद एक और प्रतियोगिता परीक्षा आयोजित करने पर भी विचार चल रहा है। यदि ऐसा होता है तो एक और नियुक्ति परीक्षा लेने की जिम्मेदारी झारखंड कर्मचारी चयन आयोग को दी जा सकती है। इसके लिए राज्य सरकार को नियुक्ति नियमावली में संशोधन करना पड़ेगा।
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