गरीब, किसान, मजदूर के बच्चे प्राय: सरकारी विद्यालयों में पढ़ते हैं। राज्य
के करीब 72 हजार पारा शिक्षक गत 42 दिनों से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर डटे
हुए हैं जिसके कारण राज्य की प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से ठप हो
गई है।
लेकिन झारखंड की रघुवर सरकार पूरी तरह से सत्ता के अहम में अभी तक सकारात्मक फैसले नहीं ले पा रही है। उपर्युक्त बातें झारखंड प्रदेश पारा शिक्षक महासंघ गिरिडीह जिला इकाई की पुराना जेल परिसर में शुक्रवार को हुई बैठक में महासचिव सुखदेव हाजरा ने कही। लेकिन झारखंड की सरकार समायोजन नहीं करना चाहती है। जिला उपाध्यक्ष गणेश मंडल ने कहा कि रांची स्थित जयपाल सिंह मुंडा स्टेडियम में राज्य भर के पारा शिक्षकों का गत 20 अक्टूबर 2016 से अनिश्चितकालीन घेरा डालो-डेरा डालो कार्यक्रम चल रहा है। गिरिडीह से भी शुक्रवार को 2,000 पारा शिक्षक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए रांची पहुंचे हैं। पहले से भी 5,000 शिक्षक जमे हुए हैं। समायोजन नहीं किए जाने तक उनका हड़ताल जारी रहेगी। सदर प्रखंड सचिव मुनचुन अंसारी ने कहा कि सरकार यदि पारा शिक्षकों को योग्य मानती है तो उनका समायोजन करे, नहीं तो उन्हें बर्खास्त करे।
लेकिन झारखंड की रघुवर सरकार पूरी तरह से सत्ता के अहम में अभी तक सकारात्मक फैसले नहीं ले पा रही है। उपर्युक्त बातें झारखंड प्रदेश पारा शिक्षक महासंघ गिरिडीह जिला इकाई की पुराना जेल परिसर में शुक्रवार को हुई बैठक में महासचिव सुखदेव हाजरा ने कही। लेकिन झारखंड की सरकार समायोजन नहीं करना चाहती है। जिला उपाध्यक्ष गणेश मंडल ने कहा कि रांची स्थित जयपाल सिंह मुंडा स्टेडियम में राज्य भर के पारा शिक्षकों का गत 20 अक्टूबर 2016 से अनिश्चितकालीन घेरा डालो-डेरा डालो कार्यक्रम चल रहा है। गिरिडीह से भी शुक्रवार को 2,000 पारा शिक्षक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए रांची पहुंचे हैं। पहले से भी 5,000 शिक्षक जमे हुए हैं। समायोजन नहीं किए जाने तक उनका हड़ताल जारी रहेगी। सदर प्रखंड सचिव मुनचुन अंसारी ने कहा कि सरकार यदि पारा शिक्षकों को योग्य मानती है तो उनका समायोजन करे, नहीं तो उन्हें बर्खास्त करे।
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