राज्य के 64 हजार पारा शिक्षकों की सेवा स्थायी होगी। यानी अब वे 60 साल की उम्र तक सेवा में रहेंगे। इतना ही नहीं उन्हें अब सहायक शिक्षक कहा जाएगा। हर साल मानदेय में चार फीसदी वृद्धि होगी। साथ ही चार आकलन परीक्षा में पास नहीं करने के बाद भी उन्हें सेवा से हटाया नहीं जाएगा। बजट सत्र के बाद मुख्यमंत्री के साथ बैठक कर वेतनमान देने और आरक्षण रोस्टर क्लियर करने का रास्ता भी निकाला जाएगा। शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो और पारा शिक्षकों के बीच हुई वार्ता में इस पर सहमति बनी।
अब मानदेय वृद्धि और सेवाशर्त नियमावली को अगले सप्ताह कैबिनेट की बैठक में पास कराया जाएगा। इसके बाद पारा शिक्षक आंदोलन वापस लेने की घोषणा करेंगे। शिक्षा मंत्री के साथ हुए वार्ता के बाद पारा शिक्षकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात कर उनका आभार जताया और कहा कि पारा शिक्षकों के लिए आज हर्ष का दिन है। प्रतिनिधिमंडल ने शिक्षा मंत्री का भी धन्यवाद दिया।
वेतनमान नहीं देने पर पारा शिक्षकों में विरोध को देखते हुए शिक्षा मंत्री ने पारा शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल को मंगलवार को वार्ता के लिए बुलाया था। इस दौरान शिक्षा मंत्री ने फिर वेतननमान पर इच्छा जतायी और कहा कि इसपर जनवरी में फिर वार्ता होगी। वहीं, विधानसभा के बजट सत्र के बाद मुख्यमंत्री के साथ बैठक होगी। इसमें महाधिवक्ता और अधिवक्ताओं की टीम आरक्षण रोस्टर क्लियर करने और वेतनमान देने का रास्ता साफ करेगी। बैठक में टेट पास पारा शिक्षकों को 50 फीसदी और प्रशिक्षित पारा शिक्षकों को 40 फीसदी मानदेय वृद्धि पर सहमति बनी। 10 फीसदी मानदेय में अतिरिक्त बढ़ोतरी के लिए अब तीन के बदले चार आकलन परीक्षा होगी।
पारा शिक्षकों की मुस्कान देख हो रही खुशी: सीएम
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि कई सालों से पारा शिक्षकों की मांगों पर विचार नहीं हो सका था, परंतु हमारी सरकार ने पारा शिक्षकों के दर्द को समझा व उनकी मांगों पर सकारात्मक रास्ता ढूंढने का काम किया है। आज पारा शिक्षकों के चेहरे पर खुशी देख मुझे भी अच्छा लग रहा है। पारा शिक्षक अब सहायक अध्यापक कहलाएंगे यह हर्ष का विषय है। पारा शिक्षक आने वाली पीढ़ी को दिशा देने का काम करने वाले लोग हैं। हमलोगों को मिलकर आदरणीय गुरुजी के विचारों के साथ समृद्ध झारखंड का सपना साकार करना है। मौके पर विधायक सुदिव्य सोनू, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, प्रशिक्षित पारा शिक्षक संघ के अध्यक्ष सिद्दीक शेख, महासचिव विकास चौधरी,सुमन कुमार, एकीकृत मोर्चा के विनोद बिहारी महतो,ऋषिकेश पाठक, संजय दुबे, सिंटू सिंह, मोहन मंडल एवं दशरथ ठाकुर आदि उपस्थित थे।
"यह सर्वजन की सरकार है। सरकारी, अनुबंध कर्मी, युवाओं और महिलाओं की सरकार है।सीमित वित्तीय संसाधनों के बावजूद सरकार आपकी आशाओं-आकांक्षाओं और अधिकारों को पूरा करने के लिए कृतसंकल्पित है।" - हेमंत सोरेन, मुख्यमंत्री
अनुकंपा पर आश्रित को नौकरी भी मिलेगी
शिक्षा मंत्री ने कहा कि पारा शिक्षकों के निधन पर आश्रित को अनुकंपा के आधार पर नौकरी दी जाएगी। सरकार इस पर विचार कर रही है। पारा शिक्षकों को ईपीएफ, सेवानिवृत्ति लाभ, लोन, चिकित्सा व पितृत्व अवकाश का भी लाभ मिलेगा। इसके अलावा पारा शिक्षकों पर दर्ज केस भी वापस लिए जाएंगे।
अभियान बंद होने पर पूरा भार उठाएगी सरकार
पारा शिक्षक अब सहायक शिक्षक के रूप में जाने जाएंगे। 2022 से समग्र शिक्षा अभियान बंद होने पर इन शिक्षकों के मानदेय का खर्च राज्य सरकार उठाएगी। इसके लिए बजट में प्रावधान किया जाएगा। नई शिक्षा नीति के अनुसार 2022 से कहीं भी पारा, नियोजित या अनुबंध पर शिक्षक नहीं होंगे।
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