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झारखंड : पारा शिक्षकों व सरकार के बीच बनी सहमति, सहायक अध्यापक का मिलेगा दर्जा, खत्म होगा आंदोलन

 रांची : लंबे समय से आंदोलनरत पारा शिक्षकों एवं झारखंड सरकार के बीच कई मुद्दों पर सहमति बन गयी है। राज्य के पारा शिक्षकों ने सेवा शर्त नियमावली पर अपनी सहमति दे दी है। इसके साथ ही इस महीने की 29 तारीख को हेमंत सोरेन सरकार के दो साल पूरे होने के मौके पर पारा शिक्षक अपना आंदोलन स्थगित कर लेंगे। इसके लिए सरकार इस तैयारी में है कि 29 दिसंबर के पहले इस प्रस्ताव को कैबिनेट से स्वीकृति मिल जाए।

नियमावली में किए गए बदलाव के आधार पर पारा शिक्षक अब सहायक शिक्षक कहलाएंगे। पारा शिक्षकों के सुझाव पर नियमावली में कुछ बिंदुओं पर बदलाव किया गया है। इससे पहले 11 दिसंबर को शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो के साथ पारा शिक्षकों की बैठक हुई थी, जिसमें उन्हें सेवा शर्त की नियमावली की कॉपी दी गयी। पारा शिक्षकों की ओर से उसमें कुछ संशोधन सुझाव के साथ पारा शिक्षकों का प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को फिर शिक्षा मंत्री जगनराथ महतो से मिला। इस वार्ता में शिक्षा मंत्री के अलावा झामुमो विधायक सुदिव्य कुमार सोनू, एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के विनोद बिहारी महतो आदि शामिल थे।

शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो के अनुसार, पारा शिक्षकों के सुझाव को नियमावली में शामिल किया जाएग और साथ ही पिछली सरकार द्वारा उन पर दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएंगे।

नियमावली के महत्वपूर्ण बिंदु :

टेट सफल पारा शिक्षक के मानदेय में 50 प्रतिशत व अन्य शिक्षकों के मानदेय में 40 प्रतिशत की वृद्धि की जाएगी। मानदेय में वृद्धि जनवरी 2022 से प्रभावी होगी। आकलन परीक्षा पास करने के बाद शिक्षकों के मानदेय में 10 प्रतिशत की वृद्धि होगी।

पारा शिक्षकों को आकलन परीक्षा देने के तीन की जगह चार अवसर मिलेंगे। यह सुझाव पारा शिक्षकों की ओर से आया है।

पारा शिक्षकों के मानदेय में अब हर साल चार प्रतिषत की वार्षिक वृद्धि की जाएगी। पहले यह वृद्धि तीन प्रतिशत थी।

पारा शिक्षकों को 15 दिनों का मेडिकल अवकाश भी मिलेगा।

आकलन परीक्षा में पांच प्रतिशत कम अंक का प्रावधान होगा। सामान्य वर्ग के लिए यह 45 प्रतिशत से 40 प्रतिशत और अन्य वर्ग के लिए 40 के बजाय 35 प्रतिशत होगा। 

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