रांची. झारखंड के पारा टीचर्स की तकरीबन सभी मांगें मान ली गई हैं. पारा शिक्षकों की प्रदेश के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो के साथ बैठक सफल रही. इसके साथ ही पारा शिक्षक मामले का पटाक्षेप हो गया है. अब पारा शिक्षकों के लिए एक नियमावली तैयारी की जाएगी. बिहार के तर्ज पर पारा शिक्षक को नियोजित शिक्षक (सहायक अध्यापक) का दर्जा देने पर भी सहमति बनी है. पारा शिक्षकों की एक मांग छोड़ कर बाकी सभी मांगे मान ली गई हैं. सरकार के इस फैसले से राज्य के करीब 65 हजार पारा शिक्षकों ने राहत की सांस ली है.
प्रदेश के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो और पारा शिक्षक प्रतिनिधिमंडल की बैठक मंगलवार को हुई थी. इसमें प्रतिनिधिमंडल की ओर से पारा शिक्षक नियमावली पर आपत्ति दर्ज की गई. प्रतिनिधिमंडल को जानकारी दी गई कि हर साल पारा शिक्षकों के मानदेय में 4 फीसदी की वृद्धि की जाएगी. इसके साथ ही पारा शिक्षकों को चार बार लिखित परीक्षा पास करने का अवसर मिलेगा. आकलन परीक्षा पास करने के लिए सामान्य श्रेणी के पारा शिक्षकों को 40 फीसदी और रिजर्व श्रेणी के पारा शिक्षकों को 30 फीसदी अंक लाना होगा. अनुकंपा व्यवस्था देने पर भी सरकार विचार करेगी.
वेतनमान के लिए मुख्यमंत्री से बातचीत का आश्वासन
एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के संयोजक विनोद बिहारी महतो ने कहा कि
हमारी कई मांगें मान ली गई हैं. वेतनमान के लिए मुख्यमंत्री के साथ वार्ता
कराने का आश्वासन मिला है. नियमावली लागू होने के बाद हमें वेतनमान मिलने
का भी रास्ता साफ होगा. शिक्षा सचिव तथा राज्य परियोजना निदेशक ने भी
आरक्षण रोस्टर की बाधा दूर करने का आश्वासन दिया है.
शिक्षा मंत्री की नई घोषणाएं
शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने इसके साथ ही पारा शिक्षकों के हितों को
ध्यान में रखते कई नई घोषणाएं कीं. इसके तहत पारा शिक्षकों का सेवा अवधि
में निधन होने पर आश्रितों को अनुकंपा पर नौकरी दी जाएगी. पिछली सरकार में
पारा शिक्षकों पर दर्ज प्राथमिकी वापस लेने का भी ऐलान किया गया है. साथ ही
पारा शिक्षकों को चिकित्सा अवकाश तथा पितृत्व अवकाश भी दिया जाएगा.
No comments:
Post a Comment