साहिबगंज : उपायुक्त डॉ. शैलेश कुमार चौरसिया ने सोमवार को सिदो-कान्हु
सभागार में शिक्षा विभाग की ओर से आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुए
कहा कि जिले के सरकारी शिक्षक व पारा शिक्षक स्कूल संचालन में भेदभाव न
करें। अगर ऐसा हो रहा है तो गलत हो रहा है।
क्योंकि सभी को एक परिवार के अंग की तरह मिलकर काम करना है। जहां तक वेतन की बात है तो जब पारा शिक्षक सही गलत समझकर ही एग्रीमेंट में साइन करते हैं तो उन्हें पता होना चाहिए की कितने में पढ़ाना है। इस अवसर पर डीडीसी नैंसी सहाय, जिला शिक्षा अधीक्षक जयगो¨वद ¨सह, सभी प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी, सभी प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी सभी संकुल के सीआरपी एवं शिक्षक मुख्य रूप से मौजूद थे।
उपायुक्त ने कहा कि जनप्रतिनिधि को स्कूलों के निरीक्षण का अधिकार नहीं है। अगर बीआरपी एवं सीआरपी भी स्कूलों की जांच करते हैं तो वे अपनी रिपोर्ट वरीय अधिकारी को सौंप सकते हैं कार्रवाई खुद नहीं कर सकते हैं। जिला शिक्षा अधीक्षक जय गो¨वद ¨सह ने कहा कि जनप्रतिनिधियों को सिर्फ स्कूल का पर्यवेक्षण करने को कहा गया है। क्योंकि दोनों का प्रभाव अलग-अलग पड़ता है। कार्यशाला में शिक्षकों के अधिकार एवं कर्तव्य को बेहतर तरीके से समझाया गया। बताया गया कि स्कूल का बेहतर तरीके से संचालन कैसे करना है। स्कूलों के अनुश्रवण से संबंधित जानकारी भी उपायुक्त ने प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारियों से हासिल की। कार्यशाला में शिक्षकों के अलावे बीआरपी, सीआरपी ने भी अपनी समस्याएं बताई।
क्योंकि सभी को एक परिवार के अंग की तरह मिलकर काम करना है। जहां तक वेतन की बात है तो जब पारा शिक्षक सही गलत समझकर ही एग्रीमेंट में साइन करते हैं तो उन्हें पता होना चाहिए की कितने में पढ़ाना है। इस अवसर पर डीडीसी नैंसी सहाय, जिला शिक्षा अधीक्षक जयगो¨वद ¨सह, सभी प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी, सभी प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी सभी संकुल के सीआरपी एवं शिक्षक मुख्य रूप से मौजूद थे।
उपायुक्त ने कहा कि जनप्रतिनिधि को स्कूलों के निरीक्षण का अधिकार नहीं है। अगर बीआरपी एवं सीआरपी भी स्कूलों की जांच करते हैं तो वे अपनी रिपोर्ट वरीय अधिकारी को सौंप सकते हैं कार्रवाई खुद नहीं कर सकते हैं। जिला शिक्षा अधीक्षक जय गो¨वद ¨सह ने कहा कि जनप्रतिनिधियों को सिर्फ स्कूल का पर्यवेक्षण करने को कहा गया है। क्योंकि दोनों का प्रभाव अलग-अलग पड़ता है। कार्यशाला में शिक्षकों के अधिकार एवं कर्तव्य को बेहतर तरीके से समझाया गया। बताया गया कि स्कूल का बेहतर तरीके से संचालन कैसे करना है। स्कूलों के अनुश्रवण से संबंधित जानकारी भी उपायुक्त ने प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारियों से हासिल की। कार्यशाला में शिक्षकों के अलावे बीआरपी, सीआरपी ने भी अपनी समस्याएं बताई।
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