देशभर में प्राथमिक कक्षाओं में पढ़ाने वाले 14 लाख से अधिक शिक्षक अप्रशिक्षित हैं, जिनमें से 12 से अधिक शिक्षकों ने राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआइओएस) के आॅनलाइन प्रशिक्षण पाठ्यक्रम डीएलएड में पंजीकरण करा लिया है।
बाकी बचे शिक्षकों को एनआइओएस ने डीएलएड में पंजीकरण का एक और मौका दिया है। इसके लिए 7 नवंबर तक आॅनलाइन पंजीकरण किया जा सकता है। एनआइओएस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हमारे पास लगभग सभी राज्यों से उन शिक्षकों के फोन और ईमेल आ रहे थे, जिन्होंने पहले पंजीकरण नहीं करवाया था। इनमें से कुछ की समस्याएं वास्तविक थीं। अधिकारी ने बताया कि हमने इस संबंध में केंद्रीय मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रालय को बताया तो उनकी ओर से इन शिक्षकों को एक और मौका देने की बात कही गई।
मंत्रालय के निर्देश अनुसार ही एनआइओएस ने 1 से 7 नवंबर के बीच फिर से डीएलएड के लिए पंजीकरण का मौका दिया है। पंजीकरण के लिए शिक्षकों को एनआइओएस की वेबसाइट पर जाकर एक आॅनलाइन फॉर्म भरना होगा। इसके बाद निर्धारित शुल्क का आॅनलाइन ही भुगतान करना होगा। पंजीकरण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद एनआइओएस की ओर से उस राज्य के शिक्षा निदेशालय से शिक्षक की वास्तविक स्थिति की जानकारी जुटाई जाएगी। इसके सही पाए जाने पर शिक्षक का आवेदन पक्का माना जाएगा। इस पाठ्यक्रम के तहत शिक्षकों की पढ़ाई आॅनलाइन होगी, जिसमें यूट्यूब चैनल और स्वयंप्रभा चैनल शामिल हैं। इसके बाद सभी शिक्षकों की आॅफलाइन परीक्षा होगी।
बाकी बचे शिक्षकों को एनआइओएस ने डीएलएड में पंजीकरण का एक और मौका दिया है। इसके लिए 7 नवंबर तक आॅनलाइन पंजीकरण किया जा सकता है। एनआइओएस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हमारे पास लगभग सभी राज्यों से उन शिक्षकों के फोन और ईमेल आ रहे थे, जिन्होंने पहले पंजीकरण नहीं करवाया था। इनमें से कुछ की समस्याएं वास्तविक थीं। अधिकारी ने बताया कि हमने इस संबंध में केंद्रीय मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रालय को बताया तो उनकी ओर से इन शिक्षकों को एक और मौका देने की बात कही गई।
मंत्रालय के निर्देश अनुसार ही एनआइओएस ने 1 से 7 नवंबर के बीच फिर से डीएलएड के लिए पंजीकरण का मौका दिया है। पंजीकरण के लिए शिक्षकों को एनआइओएस की वेबसाइट पर जाकर एक आॅनलाइन फॉर्म भरना होगा। इसके बाद निर्धारित शुल्क का आॅनलाइन ही भुगतान करना होगा। पंजीकरण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद एनआइओएस की ओर से उस राज्य के शिक्षा निदेशालय से शिक्षक की वास्तविक स्थिति की जानकारी जुटाई जाएगी। इसके सही पाए जाने पर शिक्षक का आवेदन पक्का माना जाएगा। इस पाठ्यक्रम के तहत शिक्षकों की पढ़ाई आॅनलाइन होगी, जिसमें यूट्यूब चैनल और स्वयंप्रभा चैनल शामिल हैं। इसके बाद सभी शिक्षकों की आॅफलाइन परीक्षा होगी।
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