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नैक की तरह अब सीबीएसई भी करेगा स्कूलों की ग्रेडिंग

वेंकटेश्वर राव, जमशेदपुर। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने स्कूलों की मनमानी पर नकेल कसने की तैयारी कर ली है। इसके तहत स्कूलों का एक्रीडिटेशन किया जाएगा। यह एक्रीडिटेशन इस मायने में खास होगा कि स्कूलों को बेहतर ग्रेड पाने के लिए काफी मशक्कत करनी होगी।
बोर्ड उन्हीं स्कूलों को एक्रीडिटेशन में बेहतर ग्रेड प्रदान करेगा, जो निर्धारित मानकों पर खरा उतरेंगे। यह एक्रीडिटेशन नैक की तरह ही होगा।
अब तक तमाम निजी स्कूल बेहतर शिक्षा, शिक्षक व सुविधाओं के नाम पर अभिभावकों की जेब हल्की करते रहे हैं। हर साल स्कूलों द्वारा शुल्क में बढ़ोतरी की जाती है। साथ ही, सालाना शुल्क के नाम पर भी हजारों रुपये वसूले जाते हैं। हालांकि री-एडमिशन के नाम पर स्कूलों के शुल्क लेने पर रोक है, लेकिन स्कूलों द्वारा यह भारी-भरकम राशि री-एडमिशन की बजाय वार्षिक शुल्क मद में लिए जाते हैं।


यह राशि स्कूलों की जेब में जाती थी, लेकिन अब इन्हें स्कूल के विकास पर खर्च करना होगा। इसका कारण यह है कि स्कूलों को अपने यहां स्थायी शिक्षकों की नियुक्ति करनी होगी, जिन स्कूलों के पास स्थायी शिक्षक नहीं होंगे और जहां बार-बार शिक्षकों को हटाया जाता है, उन स्कूलों को एक्रीडिटेशन में बेहतर ग्रेड नहीं दिया जाएगा। सीबीएसई के पूर्व चेयरमैन आरके चतुर्वेदी ने पहले ही कह चुके हैं कि बोर्ड से संबद्ध करीब 18 हजार स्कूलों का एक्रीडिटेशन किया जा रहा है।

ये हैं एक्रीडिटेशन की मुख्य बातें
- उच्च शिक्षा संस्थाओं को जिस प्रकार नैक एक्रीडिटेशन देता है, उसी तरह सीबीएसई भी स्कूलों को उनके खर्च पर एक्रीडिटेशन करेगा।
-अभिभावक एक क्लिक पर यह देख सकेंगे कि किस स्कूल में कैसी आधारभूत संरचना है, किस क्लास में किस योग्यता और अनुभव के कितने समय से, किस विषय के शिक्षक कार्यरत हैं। उन्हें वेतन कितना दिया जा रहा है। किस तरह की सुविधाएं उपलब्ध है।
-स्कूलों के एक्रीडिटेशन होने पर समान ग्रेड के अनुरूप फीस भी निर्धारित होगी। अभी मनचाही फीस स्कूल वसूल रहे हैं।

ये होंगे एक्रीडिटेशन का आधार-स्कूल में क्लास रूम कैसे हैं, स्मार्ट क्लास रूम हैं या नहीं। पठन-पाठन की सुविधा फिजिकल है या वर्चुअल मोड भी है।
-क्लास रूम के अलावा साइंस लैब, किस स्तर की है। क्या स्कूल में स्पो‌र्ट्स सुविधाएं हैं। इंडोर स्पो‌र्ट्स की क्या सुविधाएं हैं, स्वीमिंग पुल या कैंटीन है कि नहीं।
-स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर भी सवाल उठते हैं, ऐसे में पूछा जाएगा कि स्टूडेंट और लेडी टीचर की सेफ्टी के लिए क्या इंतजाम स्कूल ने किए हैं।
-ट्रांसपोर्ट का चार्ज बच्चों से कितना लिया जाता है। स्कूल के पास खुद अपनी कितनी बसें और गाडि़यां हैं। बच्चों के अलावा स्कूल चेयरमैन, प्रिंसिपल, वाइस प्रिंसिपल के पास अपनी प्राइवेट कितनी कारें हैं।
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'स्कूलों को निर्देश प्राप्त हुआ है। एजेंसी के माध्यम से एक्रीडिटेशन कराया जाना है। हमारा स्कूल भी इसकी तैयारी कर रहा है।'
- बिपिन शर्मा, को-ऑर्डिनेटर, सीबीएसई स्कूल जमशेदपुर।

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