रांची : गव्य निदेशक के पद पर चयनित कृष्ण मुरारी के प्रमाण पत्रों
की जांच होगी. राज्य के पशुपालन विभाग के उप सचिव दिगेश्वर तिवारी ने
प्रमाण पत्रों की जांच के लिए नेशनल डेयरी रिसर्च इंस्टीट्यूट (एनडीआरआइ),
करनाल को पत्र लिखा है. कृष्ण मुरारी के गव्य निदेशक के पद पर चयन की
अनुशंसा अक्तूबर माह में झारखंड लोक सेवा आयोग ने की है. अनुशंसा के बाद अब
तक अधिसूचना जारी नहीं हो पायी है.
कृष्ण मुरारी बिहार में पदस्थापित हैं. डॉ आलोक कुमार पांडेय का
कार्यकाल पूरा हो जाने के बाद से राज्य के डेयरी निदेशक का पद प्रभार में
चल रहा है. अभी विभाग के संयुक्त निदेशक शैलेंद्र कुमार के पास डेयरी
निदेशक का प्रभार है. इससे पूर्व भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी मनोज
कुमार के पास यह प्रभार था.
डिग्री को लेकर अदालत भी गये थे श्री मुरारी : कृष्ण मुरारी राज्य में
जेपीएससी द्वारा निदेशक पद की योग्यता को लेकर तय शैक्षणिक अहर्ता को लेकर
झारखंड उच्च न्यायालय चले गये थे. उनके मामले की सुनवाई भी हो रही थी.
राज्य सरकार ने निदेशक पद के लिए जो अहर्ता तय की थी, उसमें मास्टर इन
डेयरी टेक्नोलॉजी, मास्टर इन एनिमल हस्बेंडरी और मास्टर इन डेयरी हेल्थ
सर्विसेज रखा था. श्री मुरारी की शैक्षणिक योग्यता मास्टर इन डेयरी
इंजीनियरिंग है. पद के लिए निकाले गये विज्ञापन में डेयरी इंजीनियरिंग को
योग्यता नहीं रखे जाने को उन्होंने चुनौती थी. इसी बीच आवेदन भी जेपीएससी
में जमा किया था. उनको इंटरव्यू में बुलावा भी आया और उनके नाम की अनुशंसा
भी की गयी है.
अनुशंसा के बाद श्री मुरारी ने केस वापस ले लिया है.
डॉ पांडेय की डिग्री को लेकर भी हुआ था विवाद : बीएयू के पशुपालन
विभाग के शिक्षक डॉ आलोक कुमार पांडेय का पूर्व में चयन निदेशक के पद पर
हुआ था. डॉ पांडेय की शैक्षणिक योग्यता को लेकर भी विवाद हुआ था. कुछ लोगों
ने डॉ पांडेय की शैक्षणिक योग्यता पूरा नहीं करने की शिकायत विभाग से की
थी. इसके बावजूद डॉ पांडेय ने अपना कार्यकाल पूरा किया था.
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