एचसीएल की ओर से पूर्व में संचालित स्कूलों के शिक्षक एवं शिक्षकेतर
कर्मियों ने पत्र लिखकर प्रधानमंत्री से इच्छामृत्यु की मांग की है। पत्र
लिखने वालों में मुसाबनी माइंस हाई एवं मीडिल स्कूल तथा सुरदा मीडिल स्कूल
के 20 से भी ज्यादा शिक्षक एवं अन्य कर्मचारियों के नाम शामिल हैं।
मंगलवार को दोनों स्कूलों से जुड़े शिक्षक एवं कर्मचारी मुसाबनी प्रखंड कार्यालय पहुंचे और पीएम के नाम का पत्र बीडीओ को सौंपा। वेतन नहीं मिलने से नाराज शिक्षकों ने बीडीओ से कहा कि यदि 15 दिनों में पीएम ऑफिस से जवाब नहीं आएगा तो वे लोग इच्छामृत्यु के लिए राष्ट्रपति को लिखेंगे। वहां से भी जवाब नहीं मिलेगा तो समझेंगे कि इच्छामृत्यु की अनुमति मिल गई है।
पीएमओ ने हस्तक्षेप नहीं किया तो जान दे दूंगा : शिक्षक गणेश चौधरी ने बीडीओ के समक्ष भावुक होकर चेतावनी दी कि और कोई शिक्षक या शिक्षकेतरकर्मी जान दे या नहीं, वे एक महीने बाद जरूर आत्मदाह कर लेंगे। चौधरी ने तर्क दिया कि उन्होंने एचसीएल प्रबंधन के खिलाफ केस भी नहीं किया है तो फिर अदालत में मामला लंबित होने का बहाना करके उनका बकाया पैसा क्यों नहीं दिया जा रहा है? लंबित वेतन एवं एरियर के लिए कानूनी लड़ाई नहीं लड़ने वाले शिक्षक एसएमए इमाम, सुंदर दास, एबी गिरी, संजीवन दत्ता, बी. तिर्की, गीतारानी धर, विमला कुमारी, एसएम तुरी, एसएच वाहिद भी इच्छा मृत्यु विषयक पत्र सौंपने वालों में शामिल थे।
मैनेजमेंट पर आनाकानी का आरोप : दूसरी ओर, न्यायालय में इस बारे में कानूनी लड़ाई लड़ने वाले शिक्षकों में विप्लव सिंह एवं उमेश सिंह ने बीडीओ के समक्ष कहा कि कुछ मुद्दे पर कोर्ट की राय मिल चुकी है, लेकिन मैनेजमेंट आनाकानी कर रहा है। शिक्षकों ने एचसीएल प्रबंधन पर बीडीओ के समक्ष कई तरह के आरोप लगाए। उन्होंने प्रधानमंत्री से मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया।
पीएमओ को विस्तृत जानकारी भेजूंगा : बीडीओ संतोष गुप्ता ने शिक्षकों एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों को भरोसा दिलाया कि वे कानूनी लड़ाई लड़ने नालों एवं कोर्ट की शरण में नहीं जाने वाले शिक्षकों की सूची तैयार करके पीएमओ को विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराएंगे, ताकि शिक्षकों को मामले में सहूलियत हो।
मंगलवार को दोनों स्कूलों से जुड़े शिक्षक एवं कर्मचारी मुसाबनी प्रखंड कार्यालय पहुंचे और पीएम के नाम का पत्र बीडीओ को सौंपा। वेतन नहीं मिलने से नाराज शिक्षकों ने बीडीओ से कहा कि यदि 15 दिनों में पीएम ऑफिस से जवाब नहीं आएगा तो वे लोग इच्छामृत्यु के लिए राष्ट्रपति को लिखेंगे। वहां से भी जवाब नहीं मिलेगा तो समझेंगे कि इच्छामृत्यु की अनुमति मिल गई है।
पीएमओ ने हस्तक्षेप नहीं किया तो जान दे दूंगा : शिक्षक गणेश चौधरी ने बीडीओ के समक्ष भावुक होकर चेतावनी दी कि और कोई शिक्षक या शिक्षकेतरकर्मी जान दे या नहीं, वे एक महीने बाद जरूर आत्मदाह कर लेंगे। चौधरी ने तर्क दिया कि उन्होंने एचसीएल प्रबंधन के खिलाफ केस भी नहीं किया है तो फिर अदालत में मामला लंबित होने का बहाना करके उनका बकाया पैसा क्यों नहीं दिया जा रहा है? लंबित वेतन एवं एरियर के लिए कानूनी लड़ाई नहीं लड़ने वाले शिक्षक एसएमए इमाम, सुंदर दास, एबी गिरी, संजीवन दत्ता, बी. तिर्की, गीतारानी धर, विमला कुमारी, एसएम तुरी, एसएच वाहिद भी इच्छा मृत्यु विषयक पत्र सौंपने वालों में शामिल थे।
मैनेजमेंट पर आनाकानी का आरोप : दूसरी ओर, न्यायालय में इस बारे में कानूनी लड़ाई लड़ने वाले शिक्षकों में विप्लव सिंह एवं उमेश सिंह ने बीडीओ के समक्ष कहा कि कुछ मुद्दे पर कोर्ट की राय मिल चुकी है, लेकिन मैनेजमेंट आनाकानी कर रहा है। शिक्षकों ने एचसीएल प्रबंधन पर बीडीओ के समक्ष कई तरह के आरोप लगाए। उन्होंने प्रधानमंत्री से मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया।
पीएमओ को विस्तृत जानकारी भेजूंगा : बीडीओ संतोष गुप्ता ने शिक्षकों एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों को भरोसा दिलाया कि वे कानूनी लड़ाई लड़ने नालों एवं कोर्ट की शरण में नहीं जाने वाले शिक्षकों की सूची तैयार करके पीएमओ को विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराएंगे, ताकि शिक्षकों को मामले में सहूलियत हो।
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