धनबाद. सरायढेला पुलिस को दिये आवेदन में पीड़िता की मां ने कहा है
सोमवार (30 जनवरी) को जब बच्ची स्कूल से घर आयी तो वह असहज लग रही थी.
बच्ची से पूछने पर वह रोने लगी. उसने बताया कि सोमवार को दोपहर कम्युनिटी
लंच के दौरान सभी शिक्षक बाहर बैठ कर लंच कर रहे थे. उसी दौरान वह नल पर
हाथ धोने गयी.नल स्टाफ रूम के पास है. वहां मौजूद अकेला शिक्षक रंजन कुमार आर्य ने
बच्ची को स्टाफ रूम में बुलाकर उसके साथ दुष्कर्म किया और यह कह कर
डराया कि किसी को बतायी तो टीसी कटवा कर दे देंगे और तुम्हें मार
डालेंगे. बच्ची मानसिक रूप से इतना डर गयी कि वह घर में भी कुछ बताने की
स्थिति में नहीं थी. परंतु मेरे बहुत प्रयास और हौसला देने के बाद बच्ची
ने पूरी घटना के बारे में बतायी. मां को लगता है कि इससे पूर्व भी टीचर
संभवत: इस प्रकार की घटना बच्ची के साथ कर चुका है.
13 जनवरी को स्कूल से आया था फोन : मंगलवार को मीडियाकर्मियों को
बच्ची की मां ने बताया कि 13 जनवरी को स्कूल से फोन आया कि आपकी बेटी
बीमार है, घर ले जाइए. जब वह अपनी बेटी को लेने आयी तो वह काफी डरी हुई
थी. उसका चेहरा भी नीला पड़ा हुआ था. पूछने पर भी वह कुछ नहीं बता रही थी.
सोमवार को जब उसने दुष्कर्म की पूरी बात बतायी तो उसने यह भी बताया कि
पहले भी वह शिक्षक ऐसी हरकत करने की कोशिश करता रहा है. थर्ड पीरियड में
हमारा कंप्यूटर क्लास होता है. 13 जनवरी को पीरियड के बाद रंजन सर ने मुझे
रोक लिया और कहा की दीप्ती मैडम की फाइल ले आकर आओ.
फाइल लेकर आने के बाद रंजन सर ने मुझे कक्षा में ही बंद कर दुष्कर्म
की कोशिश की. साथ ही यह भी कहा कि किसी को बताया तो जान से मार दूंगा.
इससे बच्ची काफी डर गयी और उस दिन किसी को कुछ नहीं बताया. पीड़िता के
परिजनों के अनुसार घटना की सूचना सोमवार की शाम को उन लोगों ने डीएसपी (लॉ
एंड ऑर्डर) डीएन बंका को दी थी. उन्होंने कहा कि आप एफआइआर करवाइए, उसके
बाद आरोपी को गिरफ्तार किया जाएगा.
मेडिकल रिपोर्ट गोपनीय
पीड़ित बच्ची की पीएमसीएच में मेडिकल जांच करायी गयी. उसके साथ परिजन
व स्थानीय महिला पुलिस भी थी. बच्ची की जांच के बाद एक्स रे भी कराया
गया. लगभग 11 से 12 बजे तक जांच प्रक्रिया चली. रिपोर्ट अभी गोपनीय रखी
गयी है.
जाम के दौरान गुजरे डीसी और सिटी एसपी
घटना के विरोध में मंगलवार को सरायढेला स्थित स्कूल के पास सड़क जाम
के दौरान पौने एक बजे डीसी ए दोड्डे पहुंचे. वह स्टील गेट की तरफ जा रहे
थे. उन्होंने अपनी गाड़ी रुकवा कर मामले की जानकारी ली और तुरंत किसी को
फोन कर निर्देश दिया. 12:56 बजे एसडीएम महेश संथालिया पहुंच गये और जाम
लगाये लोगों से बातचीत शुरू की. 12: 53 बजे सिटी एसपी अंशुमान कुमार भी उधर
से गुजर रहे थे. उनके साथ चल रहे पुलिसकर्मियों ने उनके लिए रास्ता बनाकर
गाड़ी निकलवा दी. जाम कर रहे लोग प्रशासन पर ऐसे मामलों में भी सुस्ती
बरतने का आरोप लगा रहे थे. उनका कहना था कि जब विद्यालय में ऐसा होगा तो
बच्चे कहां जायेंगे.
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